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Class 12th Accountancy 30 VVI Subjective Question Answer.

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Class 12th Accountancy 30 VVI Subjective Question Answer.

1. आय व्यय खाता क्या है ? What is Income and Expenditure Account ?

आय व्यय खाता एक अवास्तविक (नाममात्र) खाता है जिसमे अलाभकारी संस्थाओ के आयगत आयो और व्ययों को दिखाया जाता है । यह “व्यय” पर “आय” की अधिकता तथा “आय” पर “व्यय” की अधिकता दिखाता है । यह चालू वर्ष में ‘व्यय पर आय की अधिकता’ ( अर्थात अधिशेष ) अथवा “आय पर व्यय की अधिकता ” ज्ञात करने के लिए तैयार किया जाता है यह लाभकारी अर्थात गैर-व्यापरिक संस्थाओ के द्वारा तैयार किया जाता है ।

2. प्राप्ति एवं भुगतान खाता तथा आय और व्यय खाता में कोई दो अंतर बताएं । State any two differences between Receipt & Payment Account and Income & Expenditure A/C.

i – प्राप्ति एवं भुगतान खाता वास्तविक खाता है जबकि आय एवं व्यय खाता नाममात्र खाता है
ii- प्राप्ति एवं भुगतान खाता आगम और पूँजी की प्राप्तियों और भुगतनों का अभिलेखन करता है जबकि आय और व्यय खाता केवल आगम प्रकृति के आय और व्ययों का अभिलेखन करता है
iii- प्राप्ति एवं भुगतान खाता लेखांकन वर्ष के रोकड़ तथा वानक लेन-देनों का सारांस है जबकि आय व्यय खाता लाभ-हानी की तरह का होता है, जिसका लेखकन वर्ष के आय एवं व्ययों का सारांश प्रस्तुत करता है ।

3. कंपनी क्या है What is Company?

4. साझेदारी का क्या आशय है ? What is meant by partnership

साझेदारी दो या दो से अधिक व्यक्तियों की आपसी सहमति का परिणाम है जो व्यवसाय के लाभ व हानी को बाँटने के लिए किया जाता है जिसका संचालन सभी के द्वारा या किसी एक के द्वारा किया जाता है ।

भारतीय साझेदारी अधिनियम 1932,की धारा 4 के अनुसार “साझेदारी उन व्यक्तियों के बीच एक संबंध है जो एक ऐसे व्यवसाय के लाभ को बाँटने के लिए सगंत हैं जिसका संचालन उन सबके द्वारा या उनमें से किसी के द्वारा किया जाता है ।

5. वसूली खाता तथा पुनर्मूल्यांकन खाता में अंतर बतायें । Distinguish between Realisation A/C and Revaluation A/C. Realisation A/C :-

Revaluation A/C :- पुनर्मूल्यांकन खाता एक अवास्तविक खाता है जो साझेदारी फॉर्म के पुनर्गठन के समय बनाया जाता है। यह खाता संपत्तियों व दायित्वों के पुनर्मूल्यांकन से होने वाले लाभ-हानी को प्रदर्शित करता है।

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6. एक साझेदारी फॉर्म के पुनर्गठन से क्या आशय है ? What is meant by reconstitution of partnership firm ?

जब साझेदार समझौते अथवा साझेदारों के संबंधों मे परिवर्तन हो जाए तो इसे ‘साझेदारी फॉर्म का पनर्गठन ‘ कहा जात है साझेदारी फॉर्म का पुनर्गठन निम्न कारणों से हो सकता है
i- नये साझेदार का प्रवेश होने पर
ii- वर्तमान साझेदारों के मध्य लाभ-विभाजन अनुपात में परिवर्तन होने पर ।

7. ख्याति की दो विशेषतायें बतायें । State two features of Goodwill.

ख्याति वह दर्पण है जो व्यवसाय का सही और सच्चा चित्र प्रस्तुत करता है ख्याति व्यवसाय जे स्वस्थ स्वास्थ्य व वित्तीय सुदृढ़ता ( Financial Soundness), यश एवं कृति को प्रतिबिंबित करता है
ख्याति की दो विशेषतायें निम्न है
i- ख्याति एक अमूर्त ( Intangible) एवं अदृश्य (Invisible) संपत्ति है, परंतु ख्याति कृतिम ( Fictitious) संपाती नहीं है
ii- इसका एक निश्चित मूल्य होता है। अन्य संपत्तियों की भाँति इसका क्रय-विक्रय किया जाता है
iii- यह अतिरिक्त लाभ या अधिलाभ ( Super Profit) के अर्जन में सहायता करती है।
iv – व्यवसाय की ख्याति कई घटकों पर निर्भर करती है
v- इसका सृजत विभिन्न घंटों के द्वारा होता है
vi- इसका संबंध व्यवसाय की लभोपार्जन क्षमता से होता है

8. त्याग अनुपात क्या है ? What is sacrificing ratio ?

त्याग अनुपात वह अनुपात है जिसे फॉर्म के प्रारने साझेदार नये साझेदार के पक्ष में त्याग करने के लिए सहमत होते है , त्याग अनुपात कहलाता है त्याग अनुपात = पुराना अनुपात – विभाजन अनुपात – नया लाभ – विभाजन अनुपात ।

9. वित्तीय विवरणों के चार तत्वों के नाम बतावें । State the four name of the elements of Financial Statement।

10. अधिलाभ क्या है ? What is Super profit ?

11. साझेदारी संलेख से क्या आशय है ? What is meant by partnership deed ?

साझेदारी संलेख वह विलेख है जिसमें साझेदारों के बीच समझौते के विवरण समाहित रहते है । इसमे व्यवसाय के उदेश्य, साझेदारों की पूँजी, लाभ के हिस्से आदि का उल्लेख रहता है। साधरणतया लिखित संलेख को पंजीकृत कर लिया जाता है।

12. स्थायी पूँजी एवं परिवर्तनशील पूँजी में अंतर बतायें । Distinguish between Fixed capital and Fluctuating capital.

स्थायी पूँजी एवं परिवर्तनशील पूँजी में

स्थायी पूँजी परिवर्तनशील पूँजी
वह पूँजी जिसका शेष हमेशा स्थिर रहता हैं, स्थायी पूँजी कहलाता है । वह पूँजी शेष हमेशा बदलता है ।
स्थायी पूँजी खाता के अंदर प्रत्येक साझेदार के लिए दो खाता-पूँजी खाता रखा जाता है दो खाता-पूँजी खाता तहत चालू खाता रखा जाता है परिवर्तनशील पूँजी खाता के अन्तर्गत प्रत्येक साझेदार के लिए केवल एक खाता पूँजी खाता रखा जाता है
कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर स्थायी पूँजी के अंतर्गत पूँजी खाते का शेष एक समान रहता है परिवर्तनशील पूँजी खाता के अन्तर्गत पूँजी खाते का शेष डेबिट अथवा क्रेडिट हो सकता है ।
स्थायी पूँजी खाता के अंतर्गत सभी समायोजन चालू खाता में दिखाया जाता है । परिवर्तनशील पूँजी खाता के अंतर्गत सभी समायोजन पूँजी खाता में दिखाया जाता है

13. रोकड़ समतुल्य से क्या आशय है ? What is meant by cash equivalents ?

14. रोकड़ प्रवाह विवरण तैयार करने का उदेश्य क्या है ? What is the objective of preparing cash flow statement ?

रोकड़ प्रवाह विवरण बनाने का मूल उदेश्य रोकड़ के श्रोतो तथा प्रयोगों की जानकारी प्राप्त करना है जैसे कंपनी की वित्तीय स्थिति के कुशल प्रबंधन में सहायता प्रदान करना , रोकड़ बजट के निर्माण में सहायता प्रदान करना , वित्तीय नीतियों के निर्धारण में मदद करना

15. संचालन चक्र से क्या आशय है ? What is meant by operating cycle ?

16. चली अनुपात तथा त्वरित अनुपात में अंतर कीजिए । Distinguish between current ratio and quick ratio.

 

17. तुलनात्मक वित्तीय विवरण किसे कहते है ? What is meant by comparative Financial Statements.

जब दो या दो से अधिक अवधियों के वित्तीय विवरणों की मदों को साथ-साथ इस प्रकार दिखाया जाए की उनकी तुलना करके निष्कर्ष निकाला जा सके तो ऐसे विवरण को तुलनात्मक वित्तीय विवरण कहा जा सकता है ।

18. वित्तीय विवरणों के उदेश्य क्या हैं ? What are the purposes of financial statements ?

19. ऋणपत्रों के विभिन्न प्रकारों के नाम बतायें । What are the purpuses of financial statements ?

ऋण पत्र के निम्न प्रकार होते है

  1. रजिस्टर्ड ऋण-पत्र
  2. वाहन ऋण-पत्र
  3. सुरक्षित या बंधक वाले ऋण-पत्र
  4. साधारण ऋण-पत्र
  5. अशोध्य ऋण-पत्र
  6. परिवर्तनशील ऋण-पत्र
  7. अपरिवर्तनशील ऋण-पत्र
  8. कूपन दर (ब्याज) के दृष्टिकोण से :- कूपन दर (ब्याज) के दृष्टिकोण से ऋण-पत्रों को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है
    1. कूपन दर सहित ऋण-पत्र
    2. कूप दर रहित ऋण-पत्र

20. निजी कंपनी की कोई दो विशेषतायें बतायें । Give two features of a private company.

21. साझेदारी के समापन एवं फॉर्म के समापन में दो अंतर बतावें। State two differences between dissolution of partnership and dissolution of firm

22. अंश एवं ऋणपत्र में अंतर बतायें । Distinguish between shares and debentures

23. दायित्व और आयोजन में क्या अंतर है ? What is the difference between Liabilities and Provisions?

24. तुलनात्मक वित्तीय विवरण तैयार करने के कोई दो उदेश्य बतायें । What is the difference between Liabilities and Provisions?

25. संचयी पूर्वधिकार अंश क्या है ? What is cumulative preference shares ?

26. स्वैट समता अंश का क्या अर्थ है ? What is meant by sweat equity shares ?

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27. वित्तीय विवरणों के विश्लेषण की दो सीमाओं को बतावें State two Limitations of analysis of financial statements

वित्तीय विवरणों के विश्लेषण की दो सीमाएं निम्नलिखित है 

  • वित्तीय विवरणों से उन्हीं सूचनाओं का ज्ञान होता है जिन्हे मुद्रा में व्यक्त किया जा सकता है फलतः वित्तीय विश्लेषण व्यवसाय के गुणात्मक पहलुओं का मापन नहीं करता है जैसे प्रबंधकों एवं कर्मचारियों की कुशलतं ग्राहकों की संतुष्टि आदि ।
  • वित्तीय लेखों के विश्लेषण में मूल्य स्तर के परिवर्तन के प्रभाव को ध्यान में नहीं रखा जा सकता है ।

28. परिवर्तनशील ऋणपत्र से क्या आशय है ? What is meant by Convertible Debentures?

परिवर्तनशील ऋणपत्र उन ऋणपत्रो को कहा जाता है जो चाहे तो एक निश्चित समय के बाद अपने ऋणपत्रो को निर्धारित शर्तों के अनुसार अंश अथवा पूर्वाधिकार अंशों में परिवर्तित कर सकते हैं । दूसरे शब्दों में जिन ऋणपत्रों में अंश या पूर्वाधिकार अंश में परिवर्तित किया जाता सके उसे परिवर्तनशील ऋणपत्र कहते है

29. स्वामित्व अनुपात क्या है ? What is meant by proprietary Ratio ?

30. रोकड़ प्रवाह विवरण क्यों तैयार किया जाता है ? Why cash flow statement is prepared ?

रोकड़ प्रवाह विवरण तैयार करने के निमलिखित उदेश्य है :-

  • रोकड़ प्रवाह विवरण बनाने का मूल उदेश्य रोकड़ के श्रोतो तथा प्रयोगों की जानकारी प्राप्त करना है ।
  • दो चिट्ठों की तिथियों के बीच रोकड़ एवं रोकड़ संतुल्यों हुए परिवर्तन को ज्ञात करना ।
  • कंपनी की वित्तीय स्थिति के कुशल प्रबंधन में सहायता प्रदान करना
  • रोकड़ बजट के निर्माण में सहायता प्रदान करना
  • वित्तीय नीतियों के निर्धारण में मदद करना
  • अल्पकालीन वित्तीय नियोजन में सहायता प्रदान करना ।
  • तरलता स्थिति को बेहतर ढंग से व्यक्त करना ।
  • ऋणी की वित्तीय स्थिति के पुनरीक्षण में मदद करना ।
  • लाभांश के भुगतान के संबंध में निर्णय लेने में सहायता प्रदान करना ।

12th Accountancy Subjective Question

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