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  • 12th Accountancy Chapter-4 Goodwill [MCQ] ख्याति

    12th accountancy objective goodwill: Class12 Commerce Accountancy Goodwill Chapter important Question answer : Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 4 ख्याति : अर्थ, प्रकृति, प्रभावित करने वाले कारक एवं मूल्यांकन विधियाँ

    1. ख्याति है:
    (A) मूर्त सम्पत्ति
    (B) अमूर्त सम्पत्ति
    (C) चालू सम्पत्ति
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (B) अमूर्त सम्पत्ति

    2. निम्न घटक ख्याति को प्रभावित करते हैं सिवाय :
    (A) व्यवसाय की प्रकृति
    (B) प्रबंध की कार्यक्षमता
    (C) तकनीकी ज्ञान
    (D) ग्राहकों की स्थिति

    Ans. (C) तकनीकी ज्ञान

    3. एक सम्पत्ति जो काल्पनिक (कृत्रिम) नहीं है परंतु अमूर्त प्रकृति की है और उसका वसूली मूल्य होता है : ।
    (A) मशीनरी
    (B) भवन
    (C) फर्नीचर
    (D) ख्याति

    Ans. (D) ख्याति

    4. जब पुस्तकों में ख्याति खात न हो और ख्याति खोला जाए, तो……….खाता को डेबिट किया जाएगा :
    (A) साझेदार की पूँजी
    (B) ख्याति
    (C) रोकड़
    (D) संचय

    Ans. (B) ख्याति

    5. औसत लाभ आधार के अन्तर्गत ख्याति की गणना की जाती है :
    (A) खरीदे गये वर्षों की संख्या – औसत लाभ
    (B) खरीदे गये वर्षे की संख्या x अधिलाभ
    (C) अति लाभ : प्रत्याशित प्रत्याय की प्रतिशत दर
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) खरीदे गये वर्षों की संख्या – औसत लाभ

    6. एकांकी व्यापार में ख्याति का मूल्यांकन आवश्यक नहीं है :
    (A) व्यवसाय बेचने पर ।
    (B) अन्य व्यक्ति को साझेदार बनाने पर
    (C) सम्पदा के निर्धारण पर
    (D) व्यापार बंद करने पर

    Ans. (D) व्यापार बंद करने पर

    7. इनमें से कौन-सी ख्याति के मूल्यांकन की विधि नहीं है ?
    (A) पुर्नमूल्यांकन विधि
    (B) औसत लाभ विधि
    (C) अधि-लाभ विधि
    (D) पूँजीकरण विधि ।

    Ans. (A) पुर्नमूल्यांकन विधि

    8. सामान्य लाभ पर औसत लाभ का आधिक्य कहलाता है :
    (A) अधिलाभ
    (B) निश्चित लाभ
    (C) असामान्य लाभ
    (D) सामान्य लाभ

    Ans. (A) अधिलाभ

    9. ख्याति एक…………..सम्पत्ति है।
    (A) व्यर्थ
    (B) मूर्त
    (C) मूल्य रहित
    (D) मूल्यवान

    Ans. (C) मूल्य रहित

    10. अधिलाभ आधार के अन्तर्गत ख्याति की गणना की जाती है :
    (A) खरीदे गये वर्षों की संख्या – औसत लाभ
    (B) खरीदे गये वर्षों की संख्या x अधि लाभ
    (C) अति लाभ : प्रत्याय की प्रत्याशित दर
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (B) खरीदे गये वर्षों की संख्या x अधि लाभ

    11. अधि-लाभ से आप क्या समझते हैं ?
    (A) कुल लाभ/वर्षों की संख्या
    (B) औसत लाभ-सामान्य लाभ
    (C) भारित लाभ/क्रय वर्षों की संख्या
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (B) औसत लाभ-सामान्य लाभ

    12. एक व्यवसाय में विनियोजित पूँजी 1,50,000 रु., लाभ 50,000 रु. और सामान्य लाभ की दर 20% । पूँजीकरण विधि से ख्याति की राशि होगी :
    (A)2,00,000 रु.
    (B) 1,50,000 रु.
    (C) 3,00,000 रु.
    (D) 1.00,000 रु.

    Ans. (D) 1.00,000 रु.

    13. ख्याति की गणना का भारित औसत विधि का प्रयोग किया जाता है जब :
    (A) लाभ समान हो
    (B) लाभ के बढ़ने की प्रवृत्ति
    (C) लाभ के घटने की प्रवृत्ति है
    (D) या तो (B) या (C)

    Ans. (D) या तो (B) या (C)

    14. व्यवसाय की प्रसिद्धि के मौद्रिक मूल्य को कहते हैं।
    (A) ख्याति
    (B) अधि-लाभ
    (C) अधिपोय
    (D) असामान्य लाभ

    Ans. (A) ख्याति

    15. एक फर्म का औसत लाभ 60,000 रु. है। विनियोजित पूँजी पर प्रत्यय की दर 12.5% प्रति वर्ष है। फर्म में कुल विनियोजित पूँजी 4,00,000 रु. थी। अतिलाभ के दो वर्षों के क्रय के आधार पर ख्याति है:
    (A) 20,000 रु.
    (B) 15,000 रु.
    (C) 10,000 रु.
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) 20,000 रु.

    16. पूँजीकरण विधि के अन्तर्गत ख्याति की गणना की जाती है :
    (A) औसत लाभ x क्रय वर्षों की संख्या
    (B) अधिलाभ x क्रय वर्षों की संख्या
    (C) अनुमानित भावी लाभों का कुल बट्टागत मूल्य
    (D) अधिलाभ ’ अनुमानित आय की दर

    Ans. (D) अधिलाभ ’ अनुमानित आय की दर

    17. “ख्याति इस सम्भावना के अतिरिक्त और कुछ नहीं है कि पुराने ग्राहक पुराने स्थान को ही चुनते हैं।” ख्याति की यह परिभाषा.. ……….द्वारा दी गई थी।
    (A) स्पाइसर एवं पेगलर
    (B) आई. सी. ए. आई.
    (C) लॉर्ड एलटन
    (D) ए. आई. सी. पी. ए.

    Ans. (C) लॉर्ड एलटन

    18. पिछले तीन वर्षों के औसत लाभ के दुगुने पर ख्याति का मूल्य क्या होगा यदि तीन वर्षों के लाभ 4,000 रु., 5,000 रु. एवं 6,000 रु थे :
    (A) 5,000 रु.
    (B) 10,000 रु.
    (C) 8,000 रु.
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (B) 10,000 रु.

    19. ख्याति का मूल्यांकन पिछले पाँच वर्षों के औसत लाभ के 12 वर्षों के क्रय पर किया जाता है। फर्म ने प्रथम तीन वर्षों में 20,000 रु. , 18,000 रु. तथा 9,000 रु. लाभ कमाया और 2 वर्षों में 2,000 रु. तथा 5,000 रु. की हानि उठायी। ख्याति की राशि होगी।
    (A) 12,000 रु.
    (B) 10,000 रु.
    (C) 15,000 रु.
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) 12,000 रु.

    20. विगत तीन वर्षों के लाभ हैं : 42,000 रु., 39,000 रु. तथा 45,000 रु. । औसत लाभों के दो वर्ष के क्रय पर ख्याति का मूल्य होगा:
    (A) 42,00 रु.
    (B) 84,000 रु.
    (C) 1,26,000 रु.
    (D) 36,000 रु.

    Ans. (B) 84,000 रु.

    21. पिछले तीन वर्षों के लाभ क्रमश: 6,000 रु., 13,000 रु. तथा 8,000 रु. थे। औसत शुद्ध लाभ के दो वर्षों के क्रय पर ख्याति होगी :
    (A) 81,000 रु.
    (B) 27,000 रु.
    (C) 9,000 रु.
    (D) 18,000 रु.

    Ans. (D) 18,000 रु.

     

     

    12th accountancy objective goodwill: Class12 Commerce Accountancy Goodwill Chapter important Question answer

  • Describe the merits/advantages of outsourcing : बाह्य श्रोत के गुणों / लाभों का वर्णन करे।

    बाह्य श्रोत के गुणों / लाभों का वर्णन करे।

    बाह्य श्रोत के गुण/लाभ निम्नलिखित है

    1. संस्था में नये विचारशील एवं सृजनात्मक नवयुवकों को स्थान दिया जा सकता है
    2. नयी तकनीकी योग्यता की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है
    3. भर्ती का क्षेत्र अत्यंत व्यापक हो जाता है
    4. प्रबंध गतिशीलता में वृद्धि होती है
    5. यह प्रजातान्त्रिक पद्दती है इससे सभी को कार्य पाने के समान अवसर प्राप्त हो जाते है
    6. संस्था में जड़ता व रूढ़िवादिता समाप्त होने लगती है
    7. विभिन्न कार्यों एवं संस्थाओ में अनुभव प्राप्त व्यक्ति भी प्राप्त हो जाते है
    8. पक्षपात की संभावनाएं कम हो जाती है

     

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  • What do you understand by employee development? कर्मचारी विकास से आप क्या समझते है ?

    What do you understand by employee development? कर्मचारी विकास से आप क्या समझते है ?

    विकास एक ऐसी नियोजित एवं संगठित प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कर्मचारी किसी संस्था का कार्य सुचारु रूप में चलाने के लिए पर्याप्त ज्ञान एवं कौशल आर्जित करते है संक्षेप में कर्मचारी विकास कर्मचारियों के पेशेवर विकास की प्रक्रिया है इस प्रक्रिया एवं कार्य के ज्ञान अर्जन का कार्य दोनों साथ-साथ चलते है। आधुनिक व्यवस्था पर्यावरण में कर्मचारियों के विकास का कार्य निरंतर चलते रहना चाहिए ताकि वे उच्च पद ग्रहण कर सके। कर्मचारी विकास कार्यक्रम को निरंतर चलाने का उदेश्य कर्मचारियों की योग्यता एवं कुशलता में वृद्धि करना है।

     

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  • Explain the difference between training and development : प्रशिक्षण एवं विकास मे अंतर स्पष्ट कीजिए

    Difference between training and development : प्रशिक्षण एवं विकास मे अंतर : लोगों में यह आम धारणा है की प्रशिक्षण तथा विकास दोनों एक ही है किन्तु वास्तविकता यह है की इन दोनों में अंतर है । प्रशिक्षण से आशय है की किसी विशेष कार्य को करने के लिए किसी कर्मचारी के ज्ञान, चातुर्य तथा कुशलता में वृद्धि होना जबकि कर्मचारी विकास का अर्थ कर्मचारी का सभी क्षेत्रों में विकास होना इस प्रकार विकास का क्षेत्र प्रशिक्षण की तुलना मे व्यापक है।

     

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  • Bihar Board 12th Commerce New Syllabus Name and marks

    Bihar Board Commerce Class 12th Commerce Stream Subjects List and subjects marks.

    Class 12th Commerce Stream Subjects List | class 12 commerce all subjects name | class 12 all subjects name | commerce subjects | तो चलिए अभी जानते है की inter मे commerce लेने पर आपको कौन कौन subjects पढ़ना पड़ेगा |

    देखिए अगर आप इन्टर commerce लेते है तो आपको पढ़ने को कई subjects मिलेगा जिसमे कुछ ऐसे subjects होता है जो हर एक students को पढ़ना ही होता है जिसे हमलोग नीचे देखेंगे

    इन्टर मे कितने नंबर का परीक्षा होता है और इन्टर 12th में पास होने के लिए कितना नंबर चाहिए

    लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए की इन्टर मे 500 नंबर का परीक्षा होगा जिसमे एक subjects का परीक्षा 100 नंबर का होता है और आपको इसी तरह 5 subjects पढ़ने होंगे इन्टर मे जो की पूरा 500 का परीक्षा होगा जिसमे फर्स्ट करने करने के लिए कम से काम 300 नंबर लाना होगा और second करने के लिए 245 और थर्ड करने के लिए कम से कम 150 नंबर लाना होगा | और हाँ यह पर इन्टर मे पास करने के लिए कम से कम 30 नंबर आपको हर एक subject मे लाना होगा तो तभी जा कर आप पास हो पाएंगे |

    Inter Online Classes

    Class 11th Commerce Free Classes
    Class 12th Commerce Free Classes
    Class 12th Science Free Classes
    Class 12th Arts Free Classes
    YouTube Subscribe

    Bihar Board Class 11th commerce subjects Name

    • Accountancy
    • Business Studies ( BST)
    • Entrepreneurship (EPS)
    • Economics
    • Money and Banking
    • computer Science
    • Hindi & English etc.

    Class 12th commerce subjects Name

    12th commerce subjects Name and Marks

    Subjects Name  Exam Marks 
    Accountancy 100
    Business Studies (BST) 100
    Entrepreneurship (EPS) / Economics  100
    Hindi 100
    English 100

    Total

    500

    वैसे तो और भी subjects होते है लेकिन जैसे की ऊपर आपको बताया गया है की इन्टर मे पको 500 नंबर का ही परीक्षा होता है जहां पर आप चाहो तो extra मे एक और subject का चुनाव कर के परीक्षा दे सकते है लेकिन extra subjects का मार्क्स आपके marks sheet पर नहीं जोड़ा जायेगा 

    • Money and Banking
    • computer Science
    • Hindi & English etc.

    इन्टर मे कुछ subjects ऐसे होते है जिसे सभी commerce students को पढ़ना होता है जैसे की Accountancy, Business Studies. Economics / EPS, इसके बाद का विषय कॉलेज और यूनिवर्सिटी पर निर्भर करता है

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    BSEB 11th Commerce मे क्या पढ़ना होता है | Class 11 commerce मे कितने Subjects पढ़ना पड़ता है

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  • OBJECTIVE OF LEDGER

    1. A ledger is called a book of.
    a) Primary entry
    b) Final entry
    c) Original entry
    d) None of the above
    Answer: b

    2. From which of the following is a ledger account prepared.
    a) Transactions
    b)Journal
    c) Events
    d) None of the above
    Answer: b

    3.The process of transferring of items from a journal to their
    respective ledger accounts is called as.

    (a) Entry
    (b) Arithmetic
    (c) Balancing
    (d) Posting
    Answer: d

    4. The ledger column that links the entry with the journal is called as.
    (a) J.F column
    (b) L.F column
    (c) Credit column
    (d) Debit column
    Answer: a

    5. The left hand side of the ledger account is referred to as.
    (a) Footing
    (b) Credit side
    (c) Debit side
    (d) Balance
    Answer: c

    6. Ledger is a principal book that contains.
    (a) Real accounts only
    (b) Personal accounts only
    (c) All accounts
    (d) Nominal accounts only
    Answer: c

    7. Accounts that have credit balance are closed by using the
    statement.
    (a) By balance b/d
    (b) By balance c/d
    (c) To balance b/d
    (d) To balance c/d
    Answer: d

    8. An account is having debit balance is established when.
    (a) The last entry of the accounting period was posted on the debit
    side
    (b) The amount of debit exceeds the amount of the credits
    (c) There are more entries on the debit side than on the credit side
    (d) None of above
    Answer: b

    9. Which of the following item will be appearing on the credit side of
    the ledger account?
    (a) Discount received
    (b) Cash received
    (c) Rent Expenses
    (d) Purchases
    Answer: a

    10. Among these, which item is used as the base for preparing trial
    balance?
    (a) Cash account
    (b) Balance sheet
    (c) Journal
    (d) Ledger account
    Answer: d

    11. If the debit side is greater than its credit side, it’s called a “debit”
    bank account.
    A. Bank Overdraft
    B. Bank Loan
    C. Cash at Bank
    D. None
    Answer: C. Cash at Bank

    12. Which accounts are included in the accounts payable ledger
    A. Sales Accounts
    B. Vendor Accounts
    C. Customer Accounts
    D. None
    Answer: B. Vendor Accounts

  • What is Business or Company Law.

    In Society the manner of human and behavior to arrange the arrangement and peace in order to maintain, who Rule and Deputy-rule make for purpose for the point of Regular and Controlled by the state. these are called law.

    In changing Social , Political and Economic Perspective look to law in different role by different person.

    For Example :- If law are obedience for common people to groups of rule then law are profession of living for lawyer.

    Mercantile law/ commercial

    Business law are Related mercantile work for people of society. It is that branch of law which is apply in Business and commercial Related from Different Business and Business Agreement.

    Scope of Mercantile Law

    If be seen the scope of Business are bright in India Because this law are applied not only for Businessman and Enterprising but also General People.

    1. Contract Act.
    2. Goods Sale Act
    3. Partnership Act
    4. Company Act
    5. Insurance Act
    6. Custom Act
    7. Banking Act
    8. Insolvency Act
    9. Monopoly Act and more..

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  • Income Tax Important MCQ

    Income Tax (Hons)-VII Important Question & Answer 2021 अभी आप यह Income Tax के vvi Objective Question and Answer को देखेगे जो की आपके इग्ज़ैम मे बहुत ही पूछे जाते है

    Income Tax Important Question and Answer for all Income Tax Students who preparing for their own Income tax examination VVI Notes

    1. आय कज निम्न मे कौन-सा है  ?

     a. प्रत्यक्ष कर 

    b. अप्रत्यक्ष कर

    c. संपत्ति कर

    d. इनमे से कोई नहीं

    2. आय कज निम्न में किसके द्वारा लगाया गया है?

    a. केंद्रीय सरकार

    b. राज्य सरकार

    c. a और b दोनों

    d. इनमे से कोई नहीं

    3. आय कज से संबंधित परिवर्तन का निम्न में किस पर प्रभाव पड़ता है ?

    a. शेयर बाजार

    b. पूँजी निवेश

    c. बैंक जमा

    d. उपरोक्त सभी

    4. आय कर आय पर लगाने वाला एक कर है 

    a. त्रिमसिक

    b. मासिक

    c. अर्द्धवार्षिक

    d. वार्षिक 

    5. निम्न मे कौन स कथन सही है 

    a. आय कर प्रत्येक वर्ष में करदाता द्वारा वर्ष भर में कमाई गई करर योग्य आय पर लगाया जाता है

    b. कर योग्य आय का निर्धारण आय कर अधिनियम के अनुसार किया जाता है

    c. a और b दोनों 

    d. इनमे से कोई नहीं

    6. करदाता के निम्न में से कौन-से प्रकार हैं ?

    a. एक व्यक्ति

    b. फर्म

    c. कंपनी

    d. उपरोक्त सभी 

    7. आय कर की निम्न में कौन-सी विशेषताएं हैं ?

    a. आय कर एक प्रत्यक्ष कर है

    b.  आय कर केंद्रीय सरकार द्वारा लगाया और वसूल किया जाता है

    c. कर कुल आय पर लगाया जाता है

    d. उपरोक्त सभी 

    8. निम्न में कौन-सा कथन सही है ?

    a. आय कर एक प्रगतिशील कर है

    b. जैसे-जैसे आय बढ़ती है कर दि कर भी बढ़ती है

    c. a और b दोनों

    d. उपरोक्त सभी

    9. निम्न में कौन-सा कथन सही है ? 

    a. आय कर की राशि पर अधिमार भी लगाया जाता है

    b. व्यक्ति एमं हिन्दी अविभाजित परिवार पर कर प्रगतिशील दरों से लगता है

    c. इनमें धनी पर कर भज अधिक होता है

    d. उपरोक्त सभी 

    10. आय कर लगाने के निम्न मे से कौन से आधार है ? 

    a. वेतन से आय

    b. मकान-संपती से आय

    c. व्यापार तथा पेशे के लाभ

    d.  उपरोक्त सभी 

    11.  भारत में आय कर प्रथम बार कब लगाया गया ?
    • 1860 
    • 1890
    • 1947
    • 1951

    12. किस वर्ष आय कर अधिनियम को स्थायी रूप प्रदान किया गया ?

    • 1886
    • 1890
    • 1894
    • 1898

    13.  भारत में आय कर अधिनियम 1961 कब लगी हुआ ?

    • 1 अप्रैल 1962 
    • 31 मार्च 1962 
    • 10 ऑक्टूबर 1962 
    • इनमे से कोई नहीं 

    14. आय कर से सम्बंधित कमेटी निम्न में किस आय से है ?

    • चौकसी कमेटी 
    • चलैया कमेटी 
    • दोनों 
    • इनमे से कोई नहीं 

    15.  आय कर अधिनियम, 1961 के अनुसार आय में शामिल है 

    • लाभ 
    • लाभांश 
    • कर्मचारी को प्राप्त अनुलाभ 
    • सभी 

    16. आय शब्द का तात्पर्य निम्न में किस आय से है ?

    • मौद्रिक आय 
    • वास्तविक आय 
    • आभास आय 
    • इनमे से कोई नहीं 

    17. सकल कुल आय का प्रावधान निम्न में किस धरा में है ?

    • धारा 80 B (5)
    • धारा  21 A 
    • धारा 20 B (4 )
    • इनमे से कोई नहीं 

    18. सकल कुल आय में शामिल है 

    • वेतन से आय 
    • माकन सम्पति से आय 
    • अन्य साधनो से आय 
    • सभी 

    19. सकल आय में से धाराएँ 80C  से धरा 80U तक दी गई कटौतियाँ घटने के बाद जो राशि आते है, वह कहलाती है 

    • कर योग्य आय या कुल आय 
    • निवल 
    • आय अवास्तविक आय 
    • इनमे से कोई नहीं 

    20. निम्न में से कौन-सी आय आकस्मिक आय है ?

    • लॉटरी से 
    • ताश के खेल 
    • घुड़दौड़ 
    • सभी 

    21. ऐसी प्राप्तियां जो संयोगवंश बिना आशा के प्राप्त हो गई हैं तथा जो बार-बार न होनेवाली प्रकृति की हैं, कहलाती है 

    • कर योग्य पूंजी लाभ 
    • आकस्मिक आय 
    • बोनस
    •  सभी 

    22. निम्न में कौन -सी आय आकस्मिक आय में शामिल नहीं है ? 

    • ग्रेच्युईटी 
    • अनुलाभ 
    • बख्शीस 
    • सभी 
  • कोष प्रवाह क्या है ? यह क्यों एवं कैसे तैयार किया जाता है

    कोष प्रवाह क्या है ? यह क्यों एवं कैसे तैयार किया जाता है What is fund flow? Why and how it is prepared

    प्रवाह का आशय वहाव से है जिसके अंर्तगत अंतरप्रवाह एवं बाहरी प्रवाह दोनों शामिल होते है। कोष प्रवाह का आशय एक निश्चित अवधि में कोष होने वाले अंतर से यह है कोष का प्रवाह तव मन जाता है जब लेन-देन के पूर्व के कोष में अंतर हो जाए | यह परिवर्तन धनात्मक अथवा ऋणात्मक कुछ भी हो सकता है, अर्थात कार्यशील पूँजी से कमी अथवा वृद्धि को कोष प्रवाह कहा जाता है । कार्यशील पूँजी को प्रभावित करने वाले लेन-देन कोष के श्रोत अथवा उपयोग के रूप में कार्य करते है।

    Flow refers to flow under which both internal flow and external flow are included. Fund flow refers to the difference in funds in a certain period. This means that the flow of funds is considered when there is a difference in the funds before the transaction. This change can be positive or negative, that is, decrease or increase from working capital is called fund flow. Transactions affecting working capital act as sources or uses of funds.

    ऐसा व्यवसाय जो किसी व्यवसाय की दो तिथियों के आर्थिक चिट्ठे के बीच व्यवसात के कोशों के प्रवाह की स्थिति के स्पष्टीकरण के लिए बनाया जाता है। कोष प्रवाह विवरण कहलाता है ।

    A business that is made to clarify the position of the flow of business funds between two dates of the balance sheet of a business. is called the Fund Flow Statement.

    कोष प्रवाह विवरण बनाने से इस बात की जानकारी होती है की कोष किन श्रोतो से संस्था में आया है और किन श्रोतो द्वारा उपक्रम से बाहर गया है । कोष प्रवाह विवरण से कोष की सही जानकारी होती है।

    By making a fund flow statement, it is known that from which sources the funds have come into the institution and from which sources they have gone out of the undertaking. Funds flow statement gives accurate information about funds.

    कोष प्रवाह विवरण तैयार करने के लिए सबसे (Changes in Working Capital Statement) तैयार करना पड़ता है । इस Statement को बनाने से Working Capital में कितना Increase या Decrease हुआ है । इसके बाद fund flow Statement तैयार किया जाए।

    Changes in Working Capital Statement has to be prepared for preparing Fund Flow Statement. What is the increase or decrease in working capital by making this statement? After this fund flow statement should be prepared.

    इस Statement को बनाने से प्राप्त fund के श्रोतो को इस statement के Left side में लिखा जाता है जबकि Right side में Increase को दिखाया जाता है. The amount of funds received by making this statement is written on the left side of this statement while the increase is shown on the right side.

    कोष प्रवाह क्या है ? यह क्यों एवं कैसे तैयार किया जाता है What is fund flow? Why and how it is prepared

  • Class 12th Accounts Model Paper Short Subjective Question Answer

    Class 12th Accounts Model Paper Short Subjective Question Answer

    1. प्राप्ति एवं भुगतान खाते की कोई दो विशेषताएं लिखिए।

    प्राप्ति एवं भुगतान खाते की विशेषताएं निमलिखित है

    • इसमें सभी प्राप्तियाँ चाहे वे आयगत हो या पूँजीगत, डेबिट पक्ष में दिखाई जाती है
    • प्राप्ति एवं भुगतान खाते में सभी भुगतनों को, चाहे वे आयगत हों या पूँजीगत, इसके क्रेडिट पक्ष में दिखते है
    1. उपभोगजन्य मदें क्या हैं

    कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जिनका वर्ष के दौरान उपयोग होने के कारण उनकी मात्रा में कमी आती रहती है,ऐसी वस्तुओं या मदों को उपभोग होनेवाली वस्तुएं या उपभोगजन्य मदें कहा जाता है जैसे स्टेशनरी, खेलकुद सामग्री, डाक टिकटें दवाइयाँ आदि।

    1. लाभ- हानी समायोजन खाता के डेबिट पक्ष में लिखे जाने वाले तीन मदों को लिखे ।

    लाभ हानी समायोजन खाता के डेबिट पक्ष में लिखें जाने वालें मदें हैं

    • पूँजी पर ब्याज
    • साझेदारों के वेतन/कमीशन
    • संचय में हस्तांतरण
    1. संचित लाभ क्या है ?

    यह संस्था के बचे हुए लाभ हानी का जो लाभांश देने के बाद राहत है । यह संचित पूँजी या संचित लाभ के रूप में भी जाना जाता हैं

    1. साझेदार के अवकाश से आप क्या समझते है

    एक साझेदार को यह अधिकार है की वह उपयुक्त नोटिस देकर फॉर्म से अवकाश ग्रहण कर ले। जब एक साझेदार फॉर्म से अपने संबंध समाप्त कर लेता है, अपना हिसाब कर लेता और फॉर्म छोड़ देता है इसे साझेदार का अवकाश ग्रहण कहा जाता है

    1. संयुक्त बीमा पॉलिसी का समर्पण मूल्य क्या है ?

    सभी साझेदारों के नाम बीमा पॉलिसी ली जाती हैं बीमा पॉलिसी की अवधि पूरा होने पर बीमा कंपनी से जो राशि प्राप्ति होती है उसे संयुक्त बीमा पॉलिसी का समर्पण मूल्य कहा जाता है

    1. मृत साझेदार का भुगतान करने के कौन-कौन से तरीके होते है ?

    मृत साझेदार का भुगतान करने के निम्नलिखितई तरीके होते हैं

    • एक किस्त में ही पूर्ण भुगतान (Payment in one Lumpsum)
    • किस्तें में भुगतान (Payment in Instalment)
    • वार्षिक वृत द्वारा भुगतान ( Payment by way of an annity)
    1. साझेदारी के समापन और साझेदारी फॉर्म के समापन में भेद कीजिए

    साझेदारी के समापन और फॉर्म के समापन में निम्न अंतर हैं

    • साझेदारी के समापन से आशय साझेदारों के मध्य वर्तमान संबन्ध सेन परिवर्तन से है जबकि फॉर्म के समापन का अर्थ सभी साझेदारी के बीच आपसी संबंधों की पूर्ण समाप्ति से है ।
    • साझेदारी के समापन पर फॉर्म का व्यवसाय चालू राहत है जबकि फॉर्म के विघटन पर फॉर्म का व्यवसाय समाप्त हो जाता है
    • साझेदारी के विघटन पर लेखा पुस्तकों को बंद करने की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकी व्यवसाय का अन्त नहीं होता है जबकि फॉर्म के समापन की स्थिति में सभी लेखा पुस्तकों को बंद कर दिया जाता है
    1. वैधानिक कंपनी क्या है

    जब किसी देश की संसद अथवा राज्य के विधान-सभा के विशेष अधिनियम द्वारा किसी कंपनी की स्थापना की जाती है तो इसे वैधानिक कंपनी कहते है । इसकी स्थापन राष्ट्रीय महत्व का कोई भी व्यवसाय करने के लिए की जाती है । इसकी दायित्व सीमित होता है परंतु इसके नाम के साथ लिमिटेड शब्द का प्रयोग नहीं होता है । जैसे Reserve Bank of India, State Bank of India, DVC, LIC, IDBI आदि।

    1. निजी कॉम्पनी की दो विशेषताओ को लिखे

    निजी कंपनी के दो विशेषताएं निमलिखित हिय

    • अंशों के हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगती है
    • इसके सदस्यों की संख्या 200 तक सीमित रहती है
    1. पार्षद सीमा नियम क्या हैं?

    पार्षद सीमा नियम कंपनी का आधारभूत प्रलेख होता है, जिसमें कंपनी के कार्यक्षेत्र, अधिकारों की सीमा, उदेश्य तथा पूँजी आधी की पूर्ण व्याख्या होती है, यह कंपनी और ब्राह्य जगत के संबंधों को संचालित करता है इसको कंपनी अधिनियम के अनुसार तैयार किया जाता है और कंपनी अधिनियम के अनुसार समय-समय पर इसमें परिवर्तन भी किया जाता है।

    1. परिवर्णशील पूर्वाधिकार अंश क्या है?

    जिन पूर्वाधिकार अंशधारियों को यह अधिकार है की वे एक निश्चित समय के अंदर या एक निश्चित तारीख तक आंपने अंशों को साधारण अंशों में बदल सकते है, उन्हें परिवर्णशील पूर्वाधिकार अंश कहा जाता है

    1. अंशों का बट्टे पर निर्गम क्या है?

    जब अंशों को अंकित मूल्य (Face Value) से काम पर जारी किया जाता है तो इसे बट्टे या कटौती पर अंशों का निर्गम कहा जाता है । जैसे – यदि 10 रुपये पारी अंशों वाले अंशों को 9 रुपये प्रति अंशों की दर से निर्गमित किया जी तो 10-9 = 1 रुपये का कटौती कहा जायगा और इस प्रकार निर्गमित अंशों की कटौती पर निर्गमित अंश कहाँ जाएगा ।

    1. काम अभिदान क्या है?

    जब कंपनी द्वारा निर्गमित अंशों से कम अंशों को खरीदने के लिए जनता प्रार्थना पत्र आते तो ऐसी स्थिति को काम अभिदान या न्यून अभिदान कहते हैं जैसे 1000 अंशों के विक्रय हेतु प्रविवरण जारी किया परंतु जनता से 900 अंशों को कारिड़ने के लिए ही प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए तो इसे काम अभिदान या न्यून अभिदान कहेंगे।

    1. अंशों की जब्ती के लिए कौन-सी जर्नल प्रविष्टि की जाती है

    अंशों की जब्ती के लिए निमलिखित जर्नल प्रविष्टि की जाती है

    • Share Capital A/c………….. Dr.
    • To Share Allotment A/c
    • To Share first Call A/c
    • To Share Final Call A/c
    • To Forfeited Shares A/c

    (Being forfeiture of…shares for non-Payment of…Call)

    1. ऋणपत्रों को जारी करने पर हानी क्या है?

    जब ऋणपत्रों को उसके अंकित मूल्य से काम पर जारी किया जाता है तथा / अथवा वह प्रीमियम पर शोधनीय होता होता है तो इस प्रकार के निर्गमन व शोधन से होने वाली हानी को ऋणपत्रों के निर्गमन पर हानी कहा जाता है

    1. गैर-परिवर्तनशील ऋणपत्र से आप क्या समझते है?

    गैर परिवर्णशील अथवा अपरिवर्तनशील ऋण-पत्रों से आशय ऐसे ऋणों से है जिनका अंशों या अन्य ऋण-पत्रों में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है

    1. ऋणपत्र शोधन की किन्ही दो विधियों को लिखें।

    ऋणपत्र शोधन के दो विधियाँ निम्नलिखित हैं

    • एक मुश्त भुगतान विधि ( Lump -Sum Payment Method) – इस विधि के अंतर्गत एक कंपनी ऋणपत्रों की कुल राशि का भुगतान ऋण-पत्र धारकों को एकमुश्त में करती है
    • वार्षिक आहरण या लॉटरी के द्वारा भुगतान – इस विधि के अंतर्गत ऋणपत्रों का शोधन प्रतिवर्ष कीस्टोन में लॉटरी द्वारा चुनाव करने किया जाता है। वार्षिक आहरण की रकम का बराबर होना आवश्यक नहीं हैं।
    1. लाभ से ऋणपत्रों का शोधन क्या हैं?

    इस स्थिति में ऋणपत्रों के शोधन हेतु लाभ का उपयोग किया जाता हैं लाभों में से शोधन के लिए लाभ एवं हानी विवरण के आधिक्य से कंपनी अधिनियम 2013 की धार 71 (4) में निर्दिष्ट राशि अथवा शोधनीय ऋण-पत्रों के अंकित मूल्य के बराबर राशि ऋणपत्रों के शोधन के पूर्व ऋण पत्र शोधन संचय खाते में हस्तांतरित की जाती है, जाहीर है की ऋण पत्रों का शोधन प्रारंभ करने के पूर्व ही ऋण पत्र शोधन संचय खाते का निर्माण किया जाता है।

    1. वित्तीय विश्लेषण क्या है?

    वित्तीय विवरणों के विश्लेषण से आशय वित्तीय विवरणों (चिट्ठा एवं लाभ-हानी विवरण) में दिए गये आंकड़ों को सरल रूप में प्रस्तुत करना एवं उनका उचित वर्गीकरण करना है ताकि उनसे महटवजपूर्ण अर्थ निकाले जा सके। इसलिए इन विवरणों की महंता इनकी रचना में नहीं हैं वर्ण इनके माध्यम से संस्था की वित्तीय मामलों की दश के अध्ययन से है। जाहीर है की वित्तीय-स्थिति अथवा वित्तीय-विवरणों की विभिन्न्य मदों का गहन अध्ययन, अनुपात अथवा अन्य उचित विधि के द्वारा किया जाना ही वित्तीय विश्लेषण हैं

    1. समान आकार विवरण क्या है ?

    समान या सामान्य आकार के विवरण को संरूप विवरण भी कहा जाता है समान आकार के विवरण से आशय एक ऐसे वित्तीय विवरण से है जिसमें एकसमान आधार पर विभिन्न्य मदों को प्रतिशत के रूप में परिवर्तित किया जाता है । उदाहरण के लिए संपत्तियों या दायित्व को चिट्ठे के लिए समान आधार के रूप में कहना जा सकता है और प्रचालन से आय या शुद्ध बिक्री को लाभ-हानी विवरण के लिए समान आधार के रूप में चुना जा सकता है यदि अन्य आय भी रहे तो प्रतिशत निकाला जाता है ।

    1. अनुपात विश्लेषण क्या है

    वित्तीय विवरणों के अनुपात की सहायता से किया गया विश्लेषण-विश्लेषण कहलाता है  यह एक फॉर्म के स्थिति विवरण तथा लाभ हानी खाते की विभिन्न मदों के बीच के संबंध की व्याख्या करता है संक्षेप में, अनुपात विश्लेषण को वित्तीय विवरणों की मदों अथवा समूहों के बीच के संबन्ध की गणना एवं पप्रस्तुतीकरण की क्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है ।

    1. रोकड़ प्रवाह विवरण के दो लाभ लिखें।

    रोकड़ प्रवाह के दो लाभ निम्नलिखित है

    • दैनिक रोड़क प्रबंध में उपयोगी- फॉर्म के विभिन्न प्रकार के व्ययों के भुगतान के लिए रोकड़ की आवश्यकता पड़ती हैं। रोड़क प्रवाह विवरण प्रबंधकों को रोड़क के विभिन्न श्रोतो के संबन्ध में पूर्ण जानकारी प्रदान करता है ताकि उनका सही प्रयोग किया जा सके।
    • लाभांश संबंधी निर्णय लेने में सहायक – रोकड़ प्रवाह विवरण लाभांश संबंधी नीतियों के निर्धारण और निर्धारित समय-सीमा के अंदर इसके भुगतान में सहायक होता है
    1. ऋण-समता अनुपात क्या है ?

    ऋण समता अनुपात की गणना उपक्रम की वितिय स्वस्थता की मॅप के लिए की जाती है। ऋण-समता अनुपात दीर्घकालीन ऋणों और अंशधारी कोष के बीच संबंध को प्रकट करता है । यह अनुपात यह बताता है की अंशधारी कोशों की तुलना में दीर्घकालीन ऋणों के कितने कोष प्राप्त किए गए है,। यह अनुपात संस्था की दीर्घ कालीन वित्तीय नीतियों की संदृढ़ता की जांच हेतु ज्ञात किया जाता है।

     

     

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