Sarkari

  • Class 12 English Time and Tense | Grammar

    Time is a universal concept but tense debate is an action and its degree of completeness. समय एक सार्वभौमिक अवधारणा है लेकिन तनावपूर्ण बहस एक क्रिया है और इसकी पूर्णता की डिग्री है. जैसे की

    Tense I am going to Patna.
    Time You are Playing Cricket. 

    Tense is a grammar term used to indicate whether a sentence (or verb) is an action in the past, the present or the future. An example of tense is a verb that indicates action is going on now, or a sentence about action taking place now. The basic tenses in English are present, past, and future.

    Different between Time and Tense

    Time Tense
    Time is a Universal Concept It denotes an action
    It is not a part of the grammar It is a part of the grammar
    It has only three tense Present, Past and future It has only two tense present and past

    Tense in English grammar is a very powerful topic if you want to learn spoken English, English grammar Tense are categories into three parts as like Present Tens, Past tense, Future Tense as these. Three types of English Grammar Tenses are also divided into Four parts as like Indefinite tense, Continuous Tense, Perfect tense and last one is Perfect continuous Tense in English Grammar if you want to learn these Tenses in English grammar with examples and With Hindi.

    Here we categories Tense into their respective parts please check these below:-
    +++++There is Three Typs of Tense++++
    1. Present Tense :- I go ( Subject +v1 or v5)
    2. Past Tense :- I went ( Subject + v2)
    3. Future Tense :- I shall go ( Subject + Will or Shall + V1)

    1. Present Tense categories in English grammar :
    a) Present Indefinite Tense
    b) Present continuous Tense
    c) Present perfect Tense
    d) Present perfect continuous Tense
    ————————————————————————–
    2. Past Tense categories in English grammar :
    a) Past Indefinite Tense
    b) Past continuous Tense
    c) Past perfect Tense
    d) Past perfect continuous Tense
    —————————————————————————-
    3. Future Tense categories in English grammar :
    a) Future Indefinite Tense
    b) Future continuous Tense
    c) Future perfect Tense
    d) Future perfect continuous Tense
    ————————————————————————

    Note :- W/H Question like What, Why Where, When, Who, Whom, Whose, How etc. It is also have to read in Tense.

  • नेतृत्व का क्या अर्थ है 

    नेतृत्व का क्या अर्थ है what is the meaning of leadership in hindi ?

    नेतृत्व से आशय किसी व्यक्ति विशेष के उस गु से है जिसके द्वारा वह अनुयायियों के समूह का मार्गधारक्षण करता है तथा नेता के रूप में उनकी क्रियाओ का संचालन करता है । एक नेता के पीछे उसके अनुयायियों का एक समूह होता है जो उसके निर्देश के अनुरूप कार्य करता है । वास्तव में नेतृत्व वह क्षमता है जिसके द्वारा उसके अनुयायियों के एक समूह से वांछित कार्य स्वेच्छापूर्वक कराए जाते है । अच्छा नेतृत्व अपने अनुयायियों को  कार्य निष्पादन में कुशलता एवं सुरक्षा प्रदान करता हैं ।

  • एक साझेदारी फॉर्म के पुनर्गठन से क्या आशय है ?

    एक साझेदारी फॉर्म के पुनर्गठन से क्या आशय है ?
    What is meant by reconstitution of partnership firm ?

    जब साझेदार समझौते अथवा साझेदारों के संबंधों मे परिवर्तन हो जाए तो इसे ‘साझेदारी फॉर्म का पनर्गठन ‘ कहा जात है साझेदारी फॉर्म का पुनर्गठन निम्न कारणों से हो सकता है
    i- नये साझेदार का प्रवेश होने पर
    ii- वर्तमान साझेदारों के मध्य लाभ-विभाजन अनुपात में परिवर्तन होने पर ।

  • अधिकतम स्तर, न्यूनतम स्तर तथा आदेश स्तर से आप क्या समझते है

    अधिकतम स्तर , न्यूनतम स्तर तथा आदेश स्तर से आप क्या समझते है ? इन स्तरों के निर्धारण में किन बातों का ध्यान रखा जाता है ?

    what-do-you-understand-by-maximum-level-minimum-level-and-order-level-in-hindi

    समग्री नियंत्रण का मुख्य उदेश्य व्यवसाय की आवश्यकताओ तथा वितीये साधनों को ध्यान में रखते हुए सामग्री को अनुकूलतं स्तर पर बनाए रखना है इस उदेश्य की पूर्ति के लिए संस्था को प्रबंधक सामग्री के प्रत्येक मत के लिए अधिकतम, न्यूनतम तथा आदेश स्तरों का पूर्व निर्धारण करते हैं ।

    अधितकम स्तर ( Maximum Level ) 

    यह वह स्तर होता है जिससे अधिक किसी भी सामग्री की मात्र काभी भी स्टॉक में अनही होनी चाहिए। सामग्री के प्रत्येक मद का अधिकतम स्तर अलग अलग निश्चित करते हैं ।

    अधिकतम स्तर का उदेश्य :-  अधिकतम स्तर को निर्धारित करने का मुख्य उदेश्य सामग्री में विनियोग को नियंत्रित करना होता है अधिकतम स्तर को निर्धारित करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए ।

    1. सामग्री की लागत
    2. कार्यशील पूँजी
    3. मूल्यों मे उतार चढ़ाओ की संभावना
    4. सामग्री उपलब्ध की मौसमी प्रकृति
    5. बीमा व्यय
    6. सामग्री के उपभोग की दर
    7. सामग्री के अप्रचलन , खराब होने की, चोरी होने और प्राकृतिक क्षय की जोखिम

    Computation of Maximum Level or Maximum Level Formula

    Maximum Level = Reorder level + Reorder quantity – ( Minimum consumption * Minimum Reorder period )

    न्यूनमत स्तर ( Minimum Level ) 

    यह स्टॉक की वह न्यूनतम मात्रा हैं जो स्टोर में सदैव उपलब्ध राहनी चाहिए अर्थात जींसें काम स्टॉक नहीं गिरने देना चाहिए। नहीं तो सामग्री की कमी के कारण उत्पादन बंद करने की संभावना उत्पन्न हो सकती है

    न्यूनतम स्तर निर्धारित करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए

    1. सामग्री के उपभोग की औसत दर
    2. नये माल की सुपुर्दी प्राप्त करने में लगने वाला समय
    3. आदेश स्तर
    4. पूर्ति के अन्य श्रोत
    5. समग्री का देशी या आयातित हन आदि

    Computation of Minimum Level or Minimum Level Formula

    Minimum Level = Reorder level- (Normal consumption * Normal reorder period)

    आदेश स्तर ( Ordering Level ) 

    न्यूनतम या अधिकतम स्टॉक स्तर की गणना करने के लिए आदेश स्तर की गणना करनी होती है । आदेश स्तर वह होता है जिस पर स्टॉक पहुँचते ही सामग्री के लिए नया क्रय देश भेज दिया जाना चाहिए। यह स्तर अधिकतम तथा न्यूनतम स्टॉक स्तर के मध्य स्थिर होता है

    Ordering Level Formula

    Re-order Level = Maximum Consumption * maximum reorder period.

    what-do-you-understand-by-maximum-level-minimum-level-and-order-level-in-hindi

  • 12th Passing Marks :- First, Second and Third Division

    12th Passing Marks :- First, Second and Third

    12th Passing Marks :- First, Second and Third, Inter की पढाई आप किसी भी संकाय से कर रहे हो Arts, Science या Commerce बस इतना समझ लीजिए की inter मे सभी विषय के लिए पास marks एक ही होता हैं. इन्टर मे पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के दिमाग मे यह सवाल हमेश घूमते रहता है की inter passing marks क्या है इन्टर मे पास करने के लिए कितना नंबर लाना होगा बोर्ड इग्ज़ैम। इन्टर मे कितना नंबर लाने पर first, Second और Third आता है

    इन्टर के सभी students Arts, Science और Commerce को आज बताएंगे की उनको इन्टर मे पास करने के लिए कितना नंबर लाना होगा अपने बोर्ड exam मे और है ये भी बतनयेगें की जिस subject मे प्रैक्टिकल होता है उसमे पास होने के लिए कितना नंबर चाहिए

    12th Passing Marks Arts, Science and Commerce  

    Inter में सभी students अपने अपने choice के subjects लेकर पढ़ते हैं लेकिन कुछ ऐसा subjects होता हैं जो सभी छात्र और छात्राओं को लेना ही पड़ता हैं चाहे आप इंटर मे Arts लिए हो या Commerce और Science.

    इंटर में बोर्ड के द्वारा 500 नंबर का exam लिया जाता हैं जिसमे 5 subjects होता हैं और हर एक विषय का परीक्षा 100 नंबर का होता हैं इसमे students चाहे तो अपने मन पसंद विषय को अलग से ले कर पढ़ सकता है इन्टर मे। लेकिन अगर आप extra subject की पढ़ाई करते है इन्टर मे तो उसका इग्ज़ैम तो होगा लेकिन नंबर मार्कशीट पर नहीं जोड़ा जायेगा

    {Inter}12th Passing Marks Arts, Science and Commerce

    Subjects
    Arts
    Science
    Commerce
    Passing Marks 150 (30%) 150 (30%) 150 (30%)
    First Division 300 (60%) 300 (60%) 300 (60%)
    Second Division 225 (45%) 225 (45%) 225 (45%)
    Third Division  150 (30%)  150 (30%)  150 (30%)

    12th Practical Subjects Passing Marks

    class 12 इन्टर के कई सब्जेक्ट मे प्रैक्टिकल विषय होता है तो ऐसे मे स्टूडेंट्स थोड़ा सा कन्फ्यूज़ हो जाते है हो भी क्यों नया क्योंकी जिस सब्जेक्ट मे प्रैक्टिकल होता है उसमे दो इग्ज़ैम अलग अलग देना होता है जो की 100 नंबर का ही इग्ज़ैम होता है लेकिन इग्ज़ैम एक बोर्ड के द्वारा और दूसरा कॉलेज और यूनिवर्सिटी के द्वारा लिया जाता है , फिर दोनों इग्ज़ैम के नंबर को मिला कर स्टूडेंट्स को दिया जाता है जितना नंबर स्टूडेंट्स का होता है

    Practical Subject Passing Marks :- मान लेते है एक की एक 100 विषय हैजो की होता ही है जिसमे 30 नंबर का प्रैक्टिकल है तो इसमे आपको पास करने के लिए 70 नंबर वाले इग्ज़ैम का 30% यानि 21 नंबर और प्रैक्टिकल विषय 30 नुमबर का 40% यानि 12 नंबर लाना होगा तभी जा के आप पास हो सकते है नहीं तो।

    जिस विषय मे प्रैक्टिकल होगा उसमे पास होने के लिए आपको 21 + 12 = 33 नंबर लाना होगा आप इसे 33% भी कह सकते है ध्यान रखिए यह न्यूनमत नंबर है इससे एक नंबर भी कम आया तो fail हो जाएंगे लेकिन ज्यादा से ज्यादा लाने की कोशिष जरूर कीजिएगा

    12th Passing Marks Without Practical Subjects.

    जिस विषय मे प्रैक्टिकल है ही नहीं तो उसमे पास करने के लिए आपको कम से कम 100 मे से 30 नंबर लाना होगा अगर 30 नंबर से काम नंबर आया तो आप इन्टर मे पास नहीं हो जाएंगे। 30 नंबर से ज्यादा नंबर और 225 नंबर से काम नंबर इन्टर मे लाते है तो आप 3rd Division से इन्टर की परीक्षा पास करेंगे।

    12th Inter me first krne ke liye kitna number chahiye

    इन्टर मे first हर students करना चाहता है ताकि उनको समाज मे इज्जत मिल सके और उनको आगे की पढ़ाई मे कोई दिक्कत ना हो लेकिन first division लाना इतना आसान भी नहीं होता है क्योंकी इन्टर मे first करने के लिए कम से कम आपको 60% लाना होगा। इन्टर के सभी subjects के इग्ज़ैम का नंबर मिला कर उसका 60% कम से कम आ  गया तो समझिए की आप 1st कर गये ।

    इन्टर मे पाँच विषय का इग्ज़ैम होता है जो की 500 नंबर का होता है इसमे आपको 300 नंबर लाना होता first करने के लिए अगर 300 से एक भी नंबर कम हुया तो आप second हो जाएंगे। लेकिन 300 से जितना ज्यादा आएगा आपके लिए अच्छा ही होगा हो सके की आप सबसे ज्यादा नंबर ला दे गाँव मे या जिला मे या फिर राज्य मे किसी पता और आप topper के लिस्ट मे आया आ जाए।

    12th Inter me Second krne ke liye kitna number chahiye

    class 12 के इग्ज़ैम मे अगर आपका नंबर 300 से काम और 225  या 225 से ज्यादा नंबर आया गया तो समझिए की आप 2nd Division है अपने इन्टर के इग्ज़ैम मे लेकिन अगर 225 नंबर से कम नंबर आता है तो आप तीसरी स्थान पर चले जाएंगे। 225 नंबर को % मे देखे तो 45% होता है यानि आपके इन्टर मे second करने के लिए 500 का 45% नंबर लाना होगा।

    12th Inter me Third krne ke liye kitna number chahiye

    इन्टर के रिजल्ट मे सबसे छोटा division होता है 3rd division, इन्टर मे 3rd division लाने के लिए आपको 500 नंबर के इग्ज़ैम का 30% नंबर लाना होगा यानि 500 मे से 150 नंबर लेकिन

    Inter Fail Marks 

    इन्टर मे 150 नंबर से कम नंबर आने पर स्टूडेंट्स fail हो जाते है लेकिन लेकिन कभी कभी ऐसा होता है की इन्टर 150 से ज्यादा नंबर लाने पर भी स्टूडेंट्स fail हो जाते है इसका एक मात्र कारण है की सभी विषय मे कम से कम 30% रिजल्ट ना  आना तो ध्यान रहे आपको पास यान यू कहे तो 3rd करने के लिए कम से कम 30% सभी विषय मे लाना होगा।

  • 12th Commerce Accountancy VVI Objective Question Answer

    12th Commerce Accountancy VVI Objective Question Answer

    प्रत्येक प्रश्न के साथ चार विकल्प दिए गए है जिनमें से एक सही हैं। किन्ही 50 प्रश्नों के उत्तर दे। अपने द्वारा चुने गए 50 प्रश्नों के सही विकल्प को omr शीट पर चिन्हित करें । प्रत्येक के लिए 1 अंक निर्धारित है।

    Question No.-1 to 100 have four options, out of which only one is correct. Answer any 50 questions. You have to mark your selected option on the OMR-Sheet. Each question carries 1 (one) mark.

    1. आय एवं व्यय खाते में लिखा जाता है :-
    (A) सभी नगद प्राप्तियाँ एवं भुगतान
    (B) सभी उधर प्राप्तियाँ एवं भुगतान
    (C) सभी नगद प्राप्तियाँ एवं उधर भुगतान
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    Income and Expenditure Account records :-
    (A) All cash receipts and payments
    (B) All credit receipts and payments
    (C) All cash and credit receipts and payments
    (D) None of these

    2. विशिष्ट दान है –
    (A) पूँजीगत प्राप्ति
    (B) आयगत प्राप्ति
    (C) संपत्ति
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :- (A) पूँजीगत प्राप्ति

    3. आय-व्यय खाते में लेन देन दर्ज करने के लिए लिखे जाते है
    (A) केवल पूँजीगत प्रकृति
    (B) केवल आयगत प्रकृति
    (C) दोनों
    (D) इनमे से कोई नहीं

    उत्तर :- (B) केवल आयगत प्रकृति

    4. प्राप्ति एवं भुगतान खाता है-
    (A) व्यक्तिगत खाता
    (B) वास्तविक खाता
    (C) नाममात्र खाता
    (D) इनमे से कोई नहीं

    उत्तर :- (B) वास्तविक खाता

    5. सचिव को मानदेय का भुगतान हैं –
    (A) पूँजीगत व्यय
    (B) आयगत व्यय
    (C) आय
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :- (B) आयगत व्यय

    6. लाभ न कमाने वाली संस्था का मुख्य उदेश्य होता है –
    (A) लाभ कमाना
    (B) समाज की सेवा करना
    (C) लाभ हानी खाता तैयार करना
    (D) उपरोक्त सभी

    उत्तर :- (B) समाज की सेवा करना

    7 . पूँजी कोष की गणना की जाती है –
    (A) आय-व्यय
    (B) संपती – दायित्व
    (C) पूँजी + दायित्व
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :- (B) संपती – दायित्व

    8. प्राप्ति एवं भुगतान खाता सामान्यतया दर्शाता है –
    (A) आधिक्य / घाटा
    (B) रोकड़ शेष
    (C) पूँजी कोष
    (D) शुद्ध लाभ / हानी

    उत्तर :-

    9. निम्न में से कौन-सी मद प्राप्ति एवं भुगतान खाते में जाएगी ?
    (A) अदत्त वेतन
    (B) ह्रास
    (C) आजीवन सदस्यता शुल्क
    (D) उपार्जित चंद

    उत्तर :- (C) आजीवन सदस्यता शुल्क

    10. निम्न में से कौन आय नहीं है
    (A) चन्दा
    (B) दान
    (C) टिकट की बिक्री
    (D) एंडोमेन्ट निधि

    उत्तर :-

    12th Commerce Accountancy VVI Objective Question Answer

    11. प्राप्ति एवं भुगतान खाता सारांश हैं –
    (A) समस्त पूँजीगत प्राप्ति एवं भुगतनों का
    (B) समस्त आयगत प्राप्ति एवं भुगतनों का
    (C) समस्त आयगत एवं पूँजीगत प्राप्ति एवं भुगतनों का
    (D) उपरोक्त में से कोई नहीं

    उत्तर :- (C) समस्त आयगत एवं पूँजीगत प्राप्ति एवं भुगतानों का

    12. साझेदार संलेख के अभाव में साझेदार पाने का हकदार नहीं है। –
    (A) पूँजी पर ब्याज पाने का
    (B) वेतन पाने का
    (C) कमीशन पाने का
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    13. इनमें से कौन साझेदारी की विशेषता नहीं है ?
    (A) समझौता
    (B) लाभ-विभाजन
    (C) सीमित-दायित्व
    (D) दो या दो से अधिक व्यक्ति

    उत्तर :-

    14. फॉर्म के लिए, पूँजी पर ब्याज है –
    (A) पूँजी प्राप्ति
    (B) पूँजी भुगतान
    (C) आय
    (D) हानी

    उत्तर :-

    15. साझेदार के पूँजी खाते के प्रारभिक शेष को क्रेडिट किया जाता है –
    (A) पूँजी पर ब्याज
    (B) आहरण पर ब्याज
    (C) आहरण
    (D) हानी में हिस्सा

    उत्तर :-

    16. साझेदार समझौते के अभव में साझेदारों को पुब्जी पर ब्याज दिया जाएंग –
    (A) 8 % वार्षिक
    (B) 6% वार्षिक
    (C) 9% वार्षिक
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    17. चालू खाता है –
    (A) व्यक्तिगत खाता
    (B) वास्तविक खाता
    (C) नाममात्र खाता
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    18. साझेदारी की पूँजी पर ब्याज है –
    (A) व्यय
    (B) विनियोजन
    (C) लाभ
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    19. साझेदारों का फॉर्म से संबंध होता है
    (A) स्वामी का
    (B) एजेंट का
    (C) स्वामी एवं एजेंट का
    (D) प्रबंधक का

    उत्तर :-

    20. साझेदारों का दायित्व होता है
    (A) सीमित
    (B) असीमित
    (C) साझेदारी अधिनियम द्वारा निर्धारित
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    Also Read :- 12th Accountancy Important Subjective question Answer

    21. साझेदारी अनुबंध बनाना है-
    (A) अनिवार्य
    (B) ऐच्छिक
    (C) अंशतः अनिवार्य
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    22. सामान्य संचय खाता हमेशा दर्शाता है –
    (A) डेबिट शेष
    (B) क्रेडिट शेष
    (C) डेबिट एवं क्रेडिट शेष
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    23. पुनर्मूल्यांकन खाते मे क्रेडिट पक्ष के डेबिट पक्ष पर आधिक्य को कहते है –
    (A) लाभ
    (B) हानी
    (C) प्राप्ति
    (D) व्यय

    उत्तर :-

    24. वर्तमान साझेदारों के लाभ-विभाजन में परिवर्तन से होता है –
    (A) फॉर्म का पुनर्मूल्यांकन
    (B) फॉर्म का पुनर्गठन
    (C) फॉर्म का समापन
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    25. साझेदारी फॉर्म के पुनर्गठन पर अलिखित दायित्व को लेखा करने पर होगा –
    (A) वर्तमान साझेदारों को लाभ
    (B) वर्तमान साझेदारो को हानी
    (C) वर्तमान साझेदारों को न लाभ न हानी
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    26. ख्याति है-
    (A) मूर्त संपती
    (B) अमूर्त संपाती
    (C) चालू संपाती
    (D) इनमे से कोई नहीं

    उत्तर :-

    27. सामान्य लाभ पर औसत लाभ का आधिक्य कहलाता है –
    (A) आधिक्य
    (B) निश्चित लाभ
    (C) असामान्य लाभ
    (D) सामान्य लाभ

    उत्तर :-

    28. पुनमूल्यांकन पर लाभ या हानी को वहन करते है-
    (A) परने साझेदार
    (B) नये साझेदार
    (C) सभी साझेदार
    (D) केवल दो साझेदार

    उत्तर :-

    29. नये साझेदार द्वारा ख्याति की राशि नकद लाने पर पुराने साझेदारों द्वारा बाँटी जाती है –
    (A) त्याग अनुपात में
    (B) पुराने अनुपात में
    (C) नए अनुपात में
    (D) बराबर अनुपात में

    उत्तर :-

    30. संचित लाभ और संचय का हस्तांतरण किया जाएगा-
    (A) वसूली खाते
    (B) पूँजी खाते
    (C) बैंक खाते
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    12th Commerce Accountancy VVI Objective Question Answer

    31. साझेदार के अवकाश ग्रहण करने पर ख्याति की पूरी राशि किसके पूँजी खाते में क्रेडिट की जा सकती है ?
    (A) अवकाश ग्रहण करने वाले साझेदार के
    (B) शेष साझेदारों के
    (C) सभी साझेदारों के
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    32. सामान्य संचय की राशि को सभी साझेदारों के बीच पूँजी खाते में हस्तांतरित किया जाता है-
    (A) नये लाभ अनुपात में
    (B) पूँजी के अनुपात में
    (C) पुराने लाभ -हानी अनुपात में
    (D) इनमें से कोइन नहीं

    उत्तर :-

    33. साझेदारों की संयुक्त जीवन पॉलिसी एक खाता है-
    (A) नाममात्र
    (B) व्यक्तिगत
    (C) दायित्व
    (D) संपाती

    उत्तर :-

    34. साझेदार की मृत्यु पर अंतिम भुगतान होता है –
    (A) पूँजी खाता से
    (B) नुषपादक खाता से
    (C) चालू खाता से
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    35. मृतक साझेदार को देय राशि चुकायी जाती है उसके :-
    (A) पिता को
    (B) दोस्त को
    (C) पत्नी को
    (D) उतराधिकारी को

    उत्तर :-

    36. वसूली खाता है –
    (A) व्यक्तिगत खाता
    (B) नाममात्र खाता
    (C) वास्तविक खाता
    (D) इनमे से कोई नहीं

    उत्तर :-

    37. साझेदारों द्वारा फॉर्म का ऐच्छिक समापन किया जा सकता है :-
    (A) बहुमत के आधार पर
    (B) 3/4 सदस्यों के निर्णय पर
    (C) 1/2 सदस्यों के निर्णय पर
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    38. जब कोई साझेदार किसी बाह्य दायित्व के भुगतान का दायित्व लेता है तो खाता क्रेडिट किया जाएगा ?
    (A) वसूली खाता
    (B) रोकड़ खाता
    (C) साझेदार का पूँजी
    (D) इनमे से कोई नहीं

    उत्तर :-

    39. फॉर्म के समापन पर होने वाले क्यी को कहते है –
    (A) वसूली व्यय
    (B) कानूनी व्यय
    (C) आयगत व्यय
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    40. फॉर्म के विघटन पर, साझेदार के ऋण खाते को हस्तांतरित किया जाता है :-
    (A) वसूली खाते में
    (B) साझेदारों के पूँजी खाते में
    (C) उचत खाते में
    (D) इनमें से कोइ नहीं

    उत्तर :-

    12th Commerce Accountancy VVI Objective Question Answer

    41. फॉर्म के विघटन के समय संपत्तियों का पुस्तकीय मूल्य वसूली खाते के किस पक्ष में लिखा जाता है
    (A) डेबिद पक्ष
    (B) क्रडिट पक्ष
    (C) दोनों मे नहीं
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    42. फॉर्म के विघटन के समय साझेदारों के पूँजी खाते के क्रेडिट शेष का भुगतान किया जाता है –
    (A) साझेदारों को
    (B) पत्नी को
    (C) दोस्तों को
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    43. फॉर्म के विघटन पर अलिखित संपाती के विक्रय से प्राप्त राशि को क्रेडिट किया जाता है
    (A) साझेदारों के पूँजी खाते में
    (B) रोकड़ खाता में
    (C) वसूली खाते में
    (D) पुनमूल्यांकन खाता में

    उत्तर :-

    44. समापन व्ययों को वसूली खाते के किस पक्ष में लिखा जाता है ?
    (A) दायित्व
    (B) संपाती
    (C) डेबिट
    (D) क्रेडिट

    उत्तर :-

    45. ऋणपत्रों पर देय ब्याज है :-
    (A) लाभों का विनोयोजन
    (B) लाभों के विरुध्द एक प्रभार
    (C) सिकीग फंड में हस्तांतरण
    (D) उपरोक्त में से कोई नहीं

    उत्तर :-

    46. ऋणपत्रों के निर्गमन से प्राप्त राशि है –
    (A) पूँजीगत प्राप्तियाँ
    (B) आयगत प्राप्तियाँ
    (C) पूँजीगत एवं आयगत प्राप्तियाँ
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    47. ऋणपत्रों के निर्गम पर कटौती है ;-
    (A) स्थायी संपत्ति
    (B) चालू संपाती
    (C) वास्तविक संपत्ति
    (D) कृत्रिम संपत्ति

    उत्तर :-

    48. ऋण पत्रों का बिमोचन नहीं किया जा सकता :-
    (A) प्रीमियम पर
    (B) बट्टा पर
    (C) सम पर
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    49. कंपनी के समापन पर ऋणपत्रों के मूलधन की वापसी की जाती है :-
    (A) सबसे पहले
    (B) सबके बाद
    (C) समता पूँजी से पहले
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

    50. ऋणपत्रों के निर्गमन पर दिया जाने वाला बट्टा किस प्रकृति का होता है ?
    (A) आयगत हानी
    (B) पूँजीगत हानी
    (C) स्थगित आयगत व्यय
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर :-

  • कार्यशील पूँजी के चक्र से आप क्या समझते हैं

    कार्यशील पूँजी के चक्र से आप क्या समझते हैं What do you understand by cycle of working capital in hindi ?

    कार्यशील पूँजी उस पूँजी को कहा जाता है जिसकी आवश्यकता प्रतिदिन की व्यावसायिक आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए होती है । चालू दायित्व के ऊपर चालू संपतियों के आधिक्य को कार्यशील पूँजी कहा जाता है । इसकी आवश्यकता कच्चे माल को क्रय करने,वेतन तथा मजदूरी,किराया, विज्ञापन आदि खर्चों के लिए होती है। यह व्यवसाय के सफल संचालन के लिए आवश्यक हैं। किसी भी उधम या व्यापार के लिए कार्यशील पूँजी का होना आवश्यक हैं।

    उधम या व्यापार में कार्यशील पूँजी का चक्र सदा चलता रहता हैं । काभी करशील पूँजी कम रहती है तो काभी कार्यशील पूँजी बढ़ जाती हैं । क्योंकी व्यापार की प्रकृति यह है की सभी समय व्यापार एक ढंग से नहीं चलते राहत है बल्कि तेजी और मंडी का दौर आते राहत है। परिणामस्वरूप काभी संपत्ति दायित्व की अपेक्षा बढ़ जाती है तो कार्यशील पूँजी का निर्माण हो जाता है दूसरी आओर जब व्यापार में मंडी छाई रहती है और लाभ कम हो जाता है या काभी नहीं भी जो जाती है तो कार्यशील पूँजी कम हो जाती है व्यापार में यह चक्र सदा चलते रहता है ।

  • हमें किसी व्यवसाय में कार्यशील पूँजी की क्यों आवश्यकता पड़ती है?

    हमें किसी व्यवसाय में कार्यशील पूँजी की क्यों आवश्यकता पड़ती है ? Why is working capital needed in any business?

    निम्न आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए एक व्यवसाय को कार्यशील पूँजी की आवश्यकता पड़ती है

    • कच्चे माल तथा उपभोग वस्तुओं के क्रय करने के लिए
    • निर्मित वस्तुओ की पूर्ति करने के लिए ताकि वे विक्रय के लिए उपलब्ध हो सके
    • अर्द्ध-निर्मित चरण के कार्य को पूरा करने के लिए
    • दिन-प्रतिदिन के कार्यों की लागत या खर्चे को पूरा करने के लिए जैसे मजदूरी, बिजली खर्च , वेतन, भाड़ा आदि खर्च को वहन करने के लिए
    • व्यवसाय की शोधन-क्षमता को बनए रखने के लिए।
  • Class 12th Accountancy Objective Type Questions [NPO]

    Class 12th Accountancy Objective Type Questions [NPO]

    अभी जीतने भी Objective Question यहाँ अपने पढ़ने को मिलेगा ये सभी question को BSEB/NCERT/CBSE के बोर्ड Exam मे कई बार पूछ चुका है जो की अपने नीचे हर एक प्रश्न के नीचे देखने को मिलेगा की वह प्रश्न कब और कौन से exam मे पूछा था Class 12 Accountancy Objective Question with Answer

    1. वसीयत को मानना चाहिए ( Legacies should be treated as ) : (B.S.E.B., 2015 )

    1. दायित्व ( Liability )
    2. आयगत प्राप्ति ( Revenue Receipts )
    3. आय ( Income )
    4. इनमें से कोई नहीं ( None of theses )

    2.  एक क्लब द्वारा प्राप्त आजीवन सदस्यता शुल्क दिखाया जाता है ( Life membership fees received by Club is shown in ) : ( B.S.E.B., 2009, 2011, 20016; J.A.C., 2014 )

    1. आय-व्यय खाते में ( Income and Expenditure A/c )
    2. आर्थिक चिट्ठा में ( Balance Sheet )
    3. प्राप्ति और भुगतान खाते में ( Receipts and Payments A/c )
    4. इनमें से कोई नहीं ( None of these )

    3. सचिव को मानदेय का भुगतान है (Payment of honorarium to secretary is treated as ) : ( B.S.E.B., 2010, 2011, 2013, 2016 )

    1. पूंजीगत व्यय ( Capital Expenditure )
    2. आयगत व्यय ( Revenue Expenditure )
    3. आय ( Income 0
    4. इनमें से कोई नहीं ( None of these )

    4. प्राप्ति और भुगतान खाता है ( Receipts and Payments A/c is a ) : ( B.S.E.B., 2010, 2015, 2016; J.A.C 2014, 16 )

    1. व्यक्तिगत खाता ( Personal A/c )
    2. वास्तविक खाता ( Real A/c)
    3. नाममात्र खाता ( Nominal A/c )
    4. इनमें से कोई नहीं ( None of these )

    5. आय -व्यय खाता है ( Income and Expenditure A/c is a ) : 

    1. व्यक्तिगत खाता ( Personal A/c )
    2. वास्तविक खाता ( Real A/c) )
    3. नाममात्र खाता ( Nominal A/c )
    4. इनमें से कोई नहीं ( None of these )

    6. निम्न में से कौन लाभ न कमाने वाली संस्था नहीं है  ( Which of the following is not a not for profit organisation )

    1. कॉलेज ( College )
    2. खेलकुद क्लब ( Sports Club )
    3. मारुति उधोग ( Maruti Udyog )
    4. अस्पताल  ( Hospital )

    7. आय तथा व्यय खाता सामान्यतया दिखाता है  ( Income and Expenditure Account generally indicates ) : ( B.S.E.B., 2016 )

    1. आधिक्य / घटा ( Surplus/Deficit )
    2. रोकड़ शेष  ( Cash Balance )
    3. पूँजी कोष ( Capital Fund )
    4. शुद्ध लाभ / हानी ( Net Profit / Loss )

    8. गैर-व्यापारिक संस्थाओं में देयताओ पर परसंपतियों के आधिक्य को कहते है  ( The excess of assets over liabilities in non-trading concerns is treated as ) : ( B.S.E.B., 2010 )

    1. पूँजी निधि ( Capital Fund )
    2. पूँजी ( Capital )
    3. लाभ ( Profit )
    4. शुद्ध लाभ ( Net Profit )

    9. गैर-व्यापारिक संस्थाओं में व्यय पर आय की अधिकता को कहा जाता है  ( In Non-trading concerns, excess of income over expenditure in called ) : 

    1. लाभ ( Profit )
    2. अधिशेष ( Surplus )
    3. हानी ( Loss )
    4. कमी ( Deficit )

    10. झारखंड अधिविधि परिषद हैं  ( Jharkhand Academic Council is ) : ( J.A.C., 2014 )

    1. व्यापारिक संस्था ( Trading Organisation )
    2. गैर-व्यापारिक संस्था ( Non-trading organisation )
    3. इनमें से सभी ( All of these )
    4. इनमें से कोई नहीं  ( None of these )
    Question Number Answer Key
    1 A
    2 B
    3 B
    4 B
    5 C
    6 C
    7 A
    8 A
    9 B
    10 B
  • Bihar Board 11th Accountancy MCQS Chapter-2

    बिहार बोर्ड क्लास 11th commerce के Accountancy या Accounts के महत्वपूर्ण objective Question with answer। अगर आप भी बिहार बोर्ड से भी पढ़ाई कर रहे है तो इसको जरूर पढे क्योंकी इसमे आपको बहुत ही important important question का उत्तर दिया गया है जो की आपके इग्ज़ैम के लिए काफी मददगार होगी

    11th Accountancy MCQS

     

    1. लेन देन का अर्थ है The meaning of transaction is :
      1. माल एवं सेवाओं का विनियम (Exchange of goods and services)
      2. माल एवं सेवाओं का मुद्रा में विनियम (Exchange of goods and services in terms of money)
      3. माल एवं मुद्रा का विनियम (Exchange of goods and money)
      4. इनमे से कोई नहीं (None of these)
    2. अचल संपत्ति में सम्मिलित होते है  Fixed assets include:
      1. अंतिम स्टॉक (Closing Stock)
      2. अग्रिम भुगतान  (Payment in advance)
      3. फर्निचर (Furniture)
      4. रोकड़ (Cash)
    3. निम्नलिखित में कौन अमूर्त संपत्ति है Which of the following is Intangible Asset ?
      1. ख्याति (Goodwill)
      2. भवन (Building)
      3. फर्निचर (Furniture)
      4. रोकड़ (Cash)
    4. एक व्यक्ति जिसे फॉर्म को रुपया देना है … कहलाता हैं A person who has to pay money to the firm is called..?
      1. लेनदार (Creator)
      2. देनदार (Debtor)
      3. आपूर्तिकर्ता (Supplier)
      4. इनमे से कोई नहीं (None of these)
    5. माल का अर्थ है The meaning of goods is:
      1. मदें जिनका उपक्रम व्यापार करती हैं (Items in which the enterprise deals)
      2. संपत्ति के रूप प्रयोग की जाने वाली मदें (Items to be used as an asset)
      3. ये दोनों (both)
      4. इनमें से कोई नहीं (None of these)
    6. एक व्यक्ति को जिसे फॉर्म के रुपये देना हैं… कहलाता है A person to whom money is owed by  a firm is called…?
      1. लेनदार (Creator)
      2. देनदार (Debtor)
      3. बैंकर (Banker)
      4. इनमे से कोई नहीं (None of these)
    7. निम्न में कौन-सी अमूलट संपत्ति है Which is an Intangible Asset in the following?
      1. ख्याति (Goodwill)
      2. ड्रेडमार्क (Trademarks)
      3. पटेंटस (Patents)
      4. उपरोक्त सभी (All of these)
    8. माल के प्रकार है  Kinds of goods are:
      1. क्रय (Purchases)
      2. विक्रय (Sale)
      3. क्रय वापसी (Purchases Returns)
      4. उपरोक्त सभी (All of these)
Back to top button