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  • 12th Accountancy Very Short Answer Type Question [NPO]

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    12th Accountancy Very Short Answer Type Question :- Class 12th Accountancy Very Short Answer Type Question non profit organization. Class 12 Accountancy Important Subjective question with Answer.

    1. लाभ न कमाने वाली संस्था का अर्थ बताएं 

    लाभ न कमाने वाली संस्थाओं से आशय उन संस्थाओं या संगठनों से हा जिनकी स्थापना अपने सदस्यों अथवा समाज को सेवा प्रदान करने के उदेश्य से की जाती है । is तरह की संस्था का उदेश्य लाभ कमाना नहीं है।

    2. अलाभकारी संस्थाओं के कुछ उदाहरण दें। 

    अलाभकारी संस्थों के उदाहरण निम्नलिखित है

    • धार्मिक संस्थान
    • खेलकुद क्लब
    • college
    • अस्पताल ।

    3. अलाभकारी संस्थाओं द्वारा तैयार किए जाने वालेकिन्ही दो वितिये विवरणों के नाम बताएं 

    आय और व्यय खाता

    चिट्ठा या स्थिति-विवरण

    4. अलाभकारी संस्था की कोई एक मुख्य विशेषता बताए जो इसे व्यवशायिक संस्थों से भिन्न बनती है 

    सका उदेश्य समाज या अपने सदस्यों को बिना लाभ की भवन के सेवाएं प्रदान करना होता है

    5. अलाभकारी संस्थों की आय के दो मुख्य श्रोत क्या है ?

    अलाभकारी संस्थों की आय के दो मुख्य श्रोत सदस्यों से प्राप्त चंद और  दान/सरकारी अनुदान या सहायता  है /

    6. अलाभकारी संस्थों द्वारा विभिन्न क्षरोटों से प्राप्त कोशों को किस खाते में जमा किया जाता है 

    अलाभकारी संस्थों द्वारा प्राप्त कोशों को पूँजी निधि (Capital Fund ) अथवा सामान्य निधि ( General Fund ) में जमा किया जाता है

    7. चन्दा क्या है

    चन्दा से आशय सदस्यता शुल्क से है जो सदस्य से वार्षिक आधार पर प्राप्त होता है । यह अलाभकारी संस्था की आय का प्रमुख श्रोत है

    8. सदस्यता शुल्क क्या है

    सदस्यता शुल्क अलाभकारी संस्थाओं की आय का प्रमुख श्रोत है जो उनके सदस्यों से प्राप्त होता है साधारणतया सदस्यता शुल्क वार्षिक वसूल किया जाता है इसे आय-व्यय खाता के आय पक्ष में दिखाया जाता है

    9. आजीवन सदस्यता शुल्क क्या है

    आजीवन सदस्यता शल्क से आशय उस सदस्यता शुल्क से है जो किसी सदस्य द्वारा एकमुश्त राशि के रूप में दी जाती है स्पष्ट है की इस प्रकार के शुल्क का भुगतान एक बार में ही किया जाता है / यह संता के लिए पूंजीगत प्राप्ति माना जाता है

    10. उस खाते का नाम बताये जो एक अलाभकारी संस्था की रोकड़ पुस्तक के लेन-देन  का वर्गीकृत सारांश प्रदर्शित करता है 

    प्राप्ति एवं भुगतान खाता

    11. प्राप्ति एवं भुगतान खाता क्या है 

    प्राप्ति एवं भुगतान खाता रोकड़ तथा वानक लेन-दोनों के विभिन्न शीर्षकों का सारांश है

    12. प्राप्ति एवं भुगतान खाता का उदेश्य क्या है 

    प्राप्ति एवं भुगतान खाते का उदेश्य लेखांकन वर्ष के लिए रोकड़ प्राप्तियों व भुगतनों का सारांश प्रस्तुत करना है

    13. प्राप्ति एवं भुगतान खाते के जमा पक्ष क्रेडिट पक्ष में दर्शाई जाने वाली किन्ही दो मदों के नाम लिखें 

    प्राप्ति एवं भुगतान खाते के जमा पक्ष में दर्शायी जाने वाली दो पक्ष वेतन  और फर्निचर का क्रय है 

    14. प्राप्ति एवं भुगतान खाते के नाम पक्ष डेबिट पक्ष में दर्शाई जाने वाली किन्ही दो मदों के नाम लिखे 

    चन्दा और प्रवेश शुल्क

    15. प्राप्ति एवं भुगतान खाता तथा रोकड़ वही में कोई एक अंतर बताइए 

    राप्ती एवं भुगतान खाता में लेन-देन का लेखा तिथीवार या क्रमवार रूप से नहीं लिखा जाता है बल्कि वर्ष के अन्त में उपयुक्त शीर्षकों के अंतर्गत सारांशित रूप में प्रस्तुत किया जाता है

    16. प्राप्ति एवं भुगतान खाते की कोई एक विशेषता बताएं 

    इसमें सभी नकद प्राप्तियों व नकद भुगतनों का लेखा किया जाता है

    17. प्राप्ति एवं भुगतान खाते के प्रारंभ में किस मद को लिखा जाता है 

    राप्ती एवं भुगतान खाते के डेबिट पक्ष मे सर्वप्रथम प्रारम्भिक रोकड़ हस्ते तथा बैंक में रोकड़ को लिखा जाता है

    18. प्राप्ति एवं भुगतान खाते का अंतिम शेष क्या प्रदर्शित करता है 

    प्राप्ति एवं भुगतान खाते का अंतिम शेष हस्तस्थ रोकड़ तथा बैंक में रोकड़ अथवा बैंक अधिविकर्ष प्रदर्शित करता है

    19. स्थायी संपतियों पर ह्रास को प्राप्ति एवं भुगतान खाते में क्यों नहीं अभिलिखित किया जाता है 

    रस एक गैर-रोड़क मद है । प्राप्ति एवं भुगतान खाते में केवल नकद लेन-देन का ही लेखा होता है

    20. अदत्त व्यय एवं उपार्जित आयोन को प्राप्ति एवं भुगतान खाते में क्यों नहीं लिखा जाता है 

    अदत्त व्यय एवं उपार्जित आय समायोजन वाले मद है । चूंकि इन मदों के लिए नकद भुगतान या नकद प्राप्ति नहीं होती है, अतः इन्हें प्राप्ति एवं भुगतान खाते में नहीं दिखाया जाता है

    21. किन्ही दो मदों के नाम बताये जो प्राप्ति एवं भुगतान खाते के डेबिट पक्ष में दर्शाये जाते है किन्तु आय-व्यय में नहीं दर्शाये जाते है 

    आजीवन सदस्यता शुल्क और वसीयत

    22. किन्ही दो मदों के नाम बताये जो प्राप्ति एवं भुगतान खाते के क्रेडिट पक्ष में दर्शाये जाते है किन्तु आय-व्यय में नहीं दर्शाये जाते है 

    फर्निचर का क्रय और पुस्तकों का क्रय

    23. आय और व्यय खाता से क्या आशय है 

    यह वह खाता है जिसमे अलाभकारी संस्थाओं के आयगत व्ययों और व्ययों को दिखाया जाता है यह व्यय पर आय की अधिकता तथा आय पर व्यय की अधिकता दर्शाता है

    24. उस खाते का नाम बताइए जिसमें अलाभकारी संस्था के आय-व्ययों को वर्ष के अन्त में सारांशित रूप में दिखाया जाता है 

    आय-व्यय खाता

    25. आय-व्यय खाते की दो प्रमुख विशेषताएं बताएं 

    • इसमें चालू वर्ष के सिर्फ आयगत प्राप्तियों व भुगतनों अर्थात आय-व्यय का लेखा किया जाता है
    • यह एक नाममात्र खाता हैं

    26. आय-व्यय खाता क्यों तैयार किया जाता है 

    यह चालू वर्ष में व्यय पर आय की अधिकता अथवा आय पर व्यय की अधिकता ज्ञात करने के लिए तैयार किया जाता है

    27. आय तथा व्यय खाता किसके द्वारा तैयार किया जाता है 

    यह अलाभकारी अर्थात गैर-व्यापारिक संस्थाओं के द्वारा तैयार किया जाता है

    28. आय तथा व्यय खाता तथा लाभ-हानी खाता में कोई एक अंतर बतायें 

    आय तथा व्यय खाता बनाने का उदेश्य किसी वर्ष विशेष में व्यय पर आय की अधिकता अथवा आय पर व्यय की अधिकता ज्ञात करना होता है जबकि लाभ-हानी खाता बनाने का उदेश्य शुद्ध लाभ या शुद्ध हानी ज्ञात करना है

    29. प्राप्ति एवं भुगतान खाता तथा आय और व्यय खाता में कोई एक अंतर बताए 

    राप्ती एवं भुगतान खाता और पूँजी की प्राप्तियों और भुगतनों का अभिलखन करता है जबकि आय व्यय खाता केवल आगम प्रकृति के आय और व्ययों का अभिलेखन करता है ।

    30. उस खाते का नाम बताएं जो अलाभकारी संस्थाओं द्वारा व्यापारिक एवं लाभ-हानी खाते के स्थान पर बनाया जाता है 

    आय तथा व्यय खाता

    31. अलाभकारी संगठन की दश में व्यय पर आय की अधिकता को किस खाते मे जोड़ा जाता है 

    पूँजी कोष (Capital Fund )

    32. आय तथा व्यय खाते एवं प्राप्ति तथा भुगतान खाते में लेखा की जाने वाली मदों की प्रकृति के आधार पर अंतर बताइए 

    आय और व्यय खाता में केवल आगम प्रकृति के आय-व्यय का अभिलेखन किया जाता है जबकि प्राप्ति एवं भुगतान खाते में आगम और पूंजीगत सभी प्राप्तियों और भुगतनों का अभिलेखन किया जाता है

    33. मानद भुगतान क्या है ?

    मानद भुगतान वह भुगतान है जो संस्था द्वारा ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जो इसका कर्मचारी नहीं है । जैसे सचिव को मानद भुगतान, किसी कलाकार को मानद भुगतान । मानद भुगतान को आय तथा व्यय खाते के व्यय पक्ष डेबिट भाग में दिखाया जाता है ।

    34. समर्पित निधि या आधार कोष क्या है ?

    मर्पित या आधार कोष ( Endowment Fund ) – जब कोई बड़ी राशि किसी संस्था को कोई बड़ी संपत्ति खरीदने के लिए दी जाती है तब उसे समर्पित या आधार कोष कहा जाता है

    35. क्या एक अस्पताल के लिए यह संभव है की उसका आय-व्यय खाता हो और दूसरे अस्पताल का लाभ-हानी खाता ?

    नहीं ! दोनों ही अस्पताल का आय-व्यय खाता होगा

    36. अलाभकारी संस्थानों के द्वारा पूँजी खाता नहीं रखा जाता है । पूँजी खाते के बदले वे क्या रखते है ?

    पूँजी कोष

    37. पूंजीगत प्राप्ति के दो उदाहरण दीजिए जिन्हे सीधे पूँजी कोष मे जोड़ा जाता है 

    1. विशिष्ट दान ( Specific Donation )
    2. आजीवन सदस्यता शुल्क

    38. वसीयत क्या है 

    वसीयत वह राशि है जो अलाभकारी संस्था किसी व्यक्ति के मरणोपरांत “विल”के कारण प्राप्त करता है यह पूंजीगत प्राप्ति है और इसीलिए इसे स्थिति विविरण में दिखाया जाता है

    39. जब प्राप्ति एवं भुगतान खाते का रूपांतरण आय-व्यय खाते में किया जाता है तो उपार्जित तथा अदत्त के लिए आयोजन करने के लिए एक लेखांकन संकल्पना  का अनुसरण किया जाता है। उस संकल्पना का नाम बताए 

    उपार्जन संकल्पना

    40. एक स्पोर्ट्स क्लब यानि पुरानी बिलियर्ड्स टेबल जिसका पुस्तक मूल्य रुपये 17,000 था, रुपये 15,550 में बेचता है । प्राप्ति एवं भुगतान खाते में इस विक्रय को किस प्रकार दिखाया जायेगा 

    Receipts and Payments A/c के डेबिट भाग अर्थात प्राप्ति भाग में To Sale of Old Billiards Table लिखा जायेगा और राशि कॉलम में रुपये 15,550 लिखा जायेगा ।

    41. आय तथा व्यय खाते की प्रकृति बताईए 

    यह एक अवास्तविक खाता है उआर उपार्जन संकल्पना के आधार पर तैयार किया जाता है

    42. प्रकृति के आधार पर आय एवं व्यय खाता तथा प्राप्ति एवं भुगतान खाता का अंतर्भेद कीजिए । 

    राप्ती एवं भुगतान खाता वास्तविक खाता है जबकि आय एवं व्यय खाता नाममात्र खाता है

    43. एक अलाभकारी संस्था की दशा में लेखांक का आधार बताइए जिस पर प्राप्ती एवं भुगतान खाता तैयार किया जाता है। 

    रोकड़ आधार

    44. लेखांकन का आधार बताइए जिस पर लाभ न कमाने वाली संस्था द्वारा आय एवं व्यय खाता तैयार किया जाता है 

    उपार्जन आधार

    45. एक लाभ न कमाने वाली संस्था की दशा में व्यय पर आय की अधिकता को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्द का नाम बताएं 

      अधिशेष ( Surplus )

    46. कोष आधारित लेखांकन क्या है ?

    कोष आधारित लेखांकन वह पद्धति है जिसके अंतर्गत विशेष उदेश्यो के लिए प्राप्त राशोयों से अलग-अलग खाते खोले जाते है और उनसे संबंधित लेन-देन का लेखा उन्ही खातों में किया जाता है । जैसे भवन कोष, पुरस्कार कोष, आदि

    47. आयगत प्राप्ति एवं पूंजीगत प्राप्ति के चार चार उदाहरण दीजिए 

    1. आयगत प्राप्ति 
      1. चन्दा
      2. सामान्य दान
      3. लाभांश एवं ब्याज
      4. संपत्तियों की बिक्री
    2. पूंजीगत प्राप्तियों 
      1. विशिष्ट उदेश्य हेतु दान
      2. वसीयत
      3. आजीवन सदस्यता शुल्क
      4. धन समर्पण शुल्क

    48. प्राप्ति एवं भुगतान खाता तैयार करने के लिए आधार क्या है 

    प्राप्ति एवं भुगतान खाता तैयार करने का आधार रोकड़ है अर्थात रोकड़ आधार

    49. अलाभकारी संस्था की स्थिति में आय एवं व्यय खाता तैयार करने के लिए क्या आधार है 

    उपार्जन आधार

    50. पूँजी कोष क्या है ?

    पूँजी कोष व्यय पर आय की अधिकता की कुल संचित राशि है। पूँजी कोष में ऐसी मदों को भी शामिल किया जाता है जिन्हे पूंजीकृत किया गया है, जैसे वसीयत , प्रवेश शुल्क, जीवन सदस्यता शुल्क इत्यादि । जिस प्रकार लाभ उपार्जन करने वाले संगठनों में पूँजी शब्द का प्रयोग किया जाता है , गैर-व्यापारिक संगठनों में पूँजी कोष का प्रयोग किया जाता है ।

  • मुद्रा की परिभाषा दीजिए एवं इसके प्राथमिक कार्यों का उल्लेख कीजिए

    Question :- Define money and Describe its Primary Functions. मुद्रा की परिभाषा दीजिए एवं इसके प्राथमिक कार्यों का उल्लेख कीजिए 

    अथवा :- मुद्रा में सामान्य स्वीकृति होनी चाहिए। इस कथन के संदर्भ में मुद्रा के कार्यों की विवेचना कीजिए । 

    Money is What money does.” On the basis of this statement discuss functions of money. 

    अथवा, मुद्रा वही है हो मुद्रा का कार्य करती है। ” इस कथन के आधार पर मुद्रा के कार्यों की विवेचना कीजिए 

     

    मुद्रा के स्वभाव तथा कार्यों के आधार पर विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने अलग-अलग दृष्टिकोण से इसे परिभाषित करने का प्रयत्न किया है विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा दि गई परिभाषाओ को मोठे तौर पर दो भागों मे बाँटा जा सकता है – a प्रकृति पर आधारित परिभाषये तथा b विचारों पर आधारित परिभाषा

    मुद्रा की परिभाषा दीजिए  :- मुद्रा की परिभाषाओ को उनकी प्रकृति के आक्षर पर दो श्रेणियों मे बाटा जा सकता है

    1. वर्णात्मक परिभाषा :- इस वर्ग मे मुद्रा की उन परिभाषाओ को समिलित किया जा सकता है जो परिभाषा के स्थान पर वर्णन को अधिक दृष्टिकोण से अधिक उपयिकत प्रतीत होती है। इस वर्ग में हार्टले विदर्स, टॉमस तथा सीजविक की परिभाषा आती है

    2. वैधानिक परिभाषा  :- इस वर्ग में उन परिभाषाओ को सम्मिलित किया जाता है जो मुद्रा के राज्य मे सिद्धांत पर आधारित हैं । इस सिद्धांत के अनुसार आर्थिक संबंधों में आवसीक वस्तु ऋण हैं, अतः मुद्रा वही हो सकती हैं, जो राज्य की ओर से ऋण चुकाने का साधन घोषित कर दि जाए। जर्मन अर्थशास्त्री नैप तथा इंग्लिश अर्थशास्त्री हट्रे के मुद्रा की परिभाषा इसी दृष्टिकोण से दिन है

    प्रो० नैप के अनुसार ” कोई भी वस्तु, जो राज्य द्वारा मुद्रा घोषित कर दि जाती है, ‘मुद्रा’ कहलाती है ”

    “मुद्रा का विधिग्रह वस्तु है अर्थात ऐसी वस्तु है जिसे ऋणों और मूल्यों के भुगतान में स्वीकार करना वैधानिक रूप से अनिवार्य हो। साथ ही यह हिसाब की इकाई अर्थात एक ऐसी वस्ती भी है, जिसमें सभी तरह की कीमतों का हिसाब-किताब रखा जाए ” इस परिभाषा को प्रो नैप की परिभाषा के ऊपर सुधार मन जा सकता है क्योंकी इस परिभक्ष के अनुसार मुद्रा की विशेषता न केवल ‘अनिवार्य स्वीकृति’ है अपितु यह कारीशक्ति के रूप में भी कार्य करती है।

  • मुद्रा की परिभाषा दीजिए एवं इसके प्राथमिक कार्यों का उल्लेख कीजिए

    Question :- Define money and Describe its Primary Functions. मुद्रा की परिभाषा दीजिए एवं इसके प्राथमिक कार्यों का उल्लेख कीजिए 

    अथवा :- मुद्रा में सामान्य स्वीकृति होनी चाहिए। इस कथन के संदर्भ में मुद्रा के कार्यों की विवेचना कीजिए । 

    Money is What money does.” On the basis of this statement discuss functions of money. 

    अथवा, मुद्रा वही है हो मुद्रा का कार्य करती है। ” इस कथन के आधार पर मुद्रा के कार्यों की विवेचना कीजिए 

     

    मुद्रा के स्वभाव तथा कार्यों के आधार पर विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने अलग-अलग दृष्टिकोण से इसे परिभाषित करने का प्रयत्न किया है विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा दि गई परिभाषाओ को मोठे तौर पर दो भागों मे बाँटा जा सकता है – a प्रकृति पर आधारित परिभाषये तथा b विचारों पर आधारित परिभाषा

    मुद्रा की परिभाषा दीजिए  :- मुद्रा की परिभाषाओ को उनकी प्रकृति के आक्षर पर दो श्रेणियों मे बाटा जा सकता है

    1. वर्णात्मक परिभाषा :- इस वर्ग मे मुद्रा की उन परिभाषाओ को समिलित किया जा सकता है जो परिभाषा के स्थान पर वर्णन को अधिक दृष्टिकोण से अधिक उपयिकत प्रतीत होती है। इस वर्ग में हार्टले विदर्स, टॉमस तथा सीजविक की परिभाषा आती है

    2. वैधानिक परिभाषा  :- इस वर्ग में उन परिभाषाओ को सम्मिलित किया जाता है जो मुद्रा के राज्य मे सिद्धांत पर आधारित हैं । इस सिद्धांत के अनुसार आर्थिक संबंधों में आवसीक वस्तु ऋण हैं, अतः मुद्रा वही हो सकती हैं, जो राज्य की ओर से ऋण चुकाने का साधन घोषित कर दि जाए। जर्मन अर्थशास्त्री नैप तथा इंग्लिश अर्थशास्त्री हट्रे के मुद्रा की परिभाषा इसी दृष्टिकोण से दिन है

    प्रो० नैप के अनुसार ” कोई भी वस्तु, जो राज्य द्वारा मुद्रा घोषित कर दि जाती है, ‘मुद्रा’ कहलाती है ”

    “मुद्रा का विधिग्रह वस्तु है अर्थात ऐसी वस्तु है जिसे ऋणों और मूल्यों के भुगतान में स्वीकार करना वैधानिक रूप से अनिवार्य हो। साथ ही यह हिसाब की इकाई अर्थात एक ऐसी वस्ती भी है, जिसमें सभी तरह की कीमतों का हिसाब-किताब रखा जाए ” इस परिभाषा को प्रो नैप की परिभाषा के ऊपर सुधार मन जा सकता है क्योंकी इस परिभक्ष के अनुसार मुद्रा की विशेषता न केवल ‘अनिवार्य स्वीकृति’ है अपितु यह कारीशक्ति के रूप में भी कार्य करती है।

  • साझेदारी संलेख से क्या आशय है ?

    साझेदारी संलेख से क्या आशय है ?

    साझेदारी संलेख से क्या आशय है ? What is meant by partnership deed ?

    साझेदारी संलेख वह विलेख है जिसमें साझेदारों के बीच समझौते के विवरण समाहित रहते है । इसमे व्यवसाय के उदेश्य, साझेदारों की पूँजी, लाभ के हिस्से आदि का उल्लेख रहता है। साधरणतया लिखित संलेख को पंजीकृत कर लिया जाता है।

  • ख्याति की दो विशेषतायें बतायें ।

    ख्याति की दो विशेषतायें बतायें ।
    State two features of Goodwill.

    ख्याति वह दर्पण है जो व्यवसाय का सही और सच्चा चित्र प्रस्तुत करता है ख्याति व्यवसाय जे स्वस्थ स्वास्थ्य व वित्तीय सुदृढ़ता ( Financial Soundness), यश एवं कृति को प्रतिबिंबित करता है
    ख्याति की दो विशेषतायें निम्न है
    i- ख्याति एक अमूर्त ( Intangible) एवं अदृश्य (Invisible) संपत्ति है, परंतु ख्याति कृतिम ( Fictitious) संपाती नहीं है
    ii- इसका एक निश्चित मूल्य होता है। अन्य संपत्तियों की भाँति इसका क्रय-विक्रय किया जाता है
    iii- यह अतिरिक्त लाभ या अधिलाभ ( Super Profit) के अर्जन में सहायता करती है।
    iv – व्यवसाय की ख्याति कई घटकों पर निर्भर करती है
    v- इसका सृजत विभिन्न घंटों के द्वारा होता है
    vi- इसका संबंध व्यवसाय की लभोपार्जन क्षमता से होता है

  • साझेदारी का क्या आशय है ?

    साझेदारी का क्या आशय है ?
    What is meant by partnership
    साझेदारी दो या दो से अधिक व्यक्तियों की आपसी सहमति का परिणाम है जो व्यवसाय के लाभ व हानी को बाँटने के लिए किया जाता है जिसका संचालन सभी के द्वारा या किसी एक के द्वारा किया जाता है ।

    भारतीय साझेदारी अधिनियम 1932,की धारा 4 के अनुसार “साझेदारी उन व्यक्तियों के बीच एक संबंध है जो एक ऐसे व्यवसाय के लाभ को बाँटने के लिए सगंत हैं जिसका संचालन उन सबके द्वारा या उनमें से किसी के द्वारा किया जाता है ।

     

  • आय व्यय खाता क्या है ?

    आय व्यय खाता क्या है ?
    What is Income and Expenditure Account ?

    आय व्यय खाता एक अवास्तविक (नाममात्र) खाता है जिसमे अलाभकारी संस्थाओ के आयगत आयो और व्ययों को दिखाया जाता है । यह “व्यय” पर “आय” की अधिकता तथा “आय” पर “व्यय” की अधिकता दिखाता है । यह चालू वर्ष में ‘व्यय पर आय की अधिकता’ ( अर्थात अधिशेष ) अथवा “आय पर व्यय की अधिकता ” ज्ञात करने के लिए तैयार किया जाता है यह लाभकारी अर्थात गैर-व्यापरिक संस्थाओ के द्वारा तैयार किया जाता है ।

  • उत्पादन बजट से आप क्या समझते है

    Question :- उत्पादन बजट से आप क्या समझते है What do you understand by production budget?

    उत्पादन विक्रय बजट पर आधारित होता है। इस बजट से यह निश्चित किया जाता है की विभिन्न वस्तुओ का उत्पादन कितनी मात्रा में व कब किया जाएगा । इस बजट को बनाने का मुख्य उदेश्य विक्रय, उत्पादन एवं स्टॉक मे संतुलन स्थापित करना है

    उत्पादन एवं बजट में कच्चे माल की लागत श्रम लागत एवं कारखाने के ऊपरी व्यय को समिलित किया जाता है /

    अतः इसी के आधार पर इसे तीन भागों में बाँटा जाता है

    a ) :- कच्चे माल का बजट

    b ) :- श्रम बजट

    c ) :- ऊपरी व्यय बजट

  • Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 1

    12th Accountancy Chapter-1

    Bihar Board Class 12th Accountancy Important Objective Type Answers Chapter 1 गैर-लाभकारी संगठनों / गैर-व्यापारिक संस्थाओं का लेखांकन :- Commerce Shakti

    1. आय-व्यय खाता होता है :
    (A) व्यक्तिगत खाता
    (B) वास्तविक खाता
    (C) नाममात्र खाता
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (C) नाममात्र खाता

    Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 1 गैर-लाभकारी संगठनों / गैर-व्यापारिक संस्थाओं का लेखांकन :- Commerce Shakti

    2. प्राप्ति और भुगतान खाता है :
    (A) व्यक्तिगत खाता
    (B) वास्तविक खाता
    (C) नाममात्र खाता
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (B) वास्तविक खाता

    3. आय-व्यय खाता बनाया जाता है :
    (A) व्यावसायिक संस्थान द्वारा
    (B) औद्योगिक संस्थान द्वारा
    (C) लाभ न कमाने वाली संस्था द्वारा
    (D) सभी संस्थानों द्वारा

    उत्तर- (C) लाभ न कमाने वाली संस्था द्वारा

    4. सचिव को मानदेय का भुगतान है :
    (A) पूँजीगत व्यय
    (B) आयगत व्यय
    (C) आय
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (B) आयगत व्यय

    Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 1 गैर-लाभकारी संगठनों / गैर-व्यापारिक संस्थाओं का लेखांकन :- Commerce Shakti

    5. बकाया चन्दा है :
    (A) आय
    (B) सम्पत्ति
    (C) (A) एवं (B) दोनों
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (C) (A) एवं (B) दोनों

    6. वसीयत को मानना चाहिए:
    (A) दायित्व
    (B) आयगत प्राप्ति
    (C) आय
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (A) दायित्व

    7. गैर-व्यापारिक संस्थाओं में देयताओं पर परिसम्पत्तियों के आधिक्यको कहते हैं :
    (A) पूँजी निधि
    (B) पूँजी
    (C) लाभ
    (D) शुद्ध लाभ

    उत्तर- (A) पूँजी निधि

    8. एक गैर-व्यापारिक संस्था के लिए मानदेय का भुगतान होता है :
    (A) आय
    (B) परिसम्पत्ति
    (C) व्यय
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (C) व्यय

    9. यदि स्पष्टतया कुछ न दिया हो, तो प्रवेश शुल्क को माना जाता है :
    (A) पूँजीगत प्राप्ति
    (B) आयगत आय
    (C) देयता
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (B) आयगत आय

    10. विशिष्ट दान है :
    (A) पूँजीगत प्राप्ति
    (B) आयगत प्राप्ति
    (C) सम्पत्ति
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (A) पूँजीगत प्राप्ति

    Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 1 गैर-लाभकारी संगठनों / गैर-व्यापारिक संस्थाओं का लेखांकन :- Commerce Shakti

    11. पंजी पूँजीगत प्रकृति की सभी प्राप्तियाँ दिखाई जाती हैं :
    (A) आय-व्यय खाता में
    (B) स्थिति-विवरण में
    (C) लाभ-हानि खाता में
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (B) स्थिति-विवरण में

    12. एक क्लब द्वारा प्राप्त अग्रिम चन्दे को चिट्ठे के………..पक्ष में दिखाया जाता है :
    (A) सम्पत्ति पक्ष
    (B) दायित्व पक्ष
    (C) डेबिट पक्ष
    (D) क्रेडिट पक्ष

    उत्तर- (B) दायित्व पक्ष

    13. आयगत प्रकृति की सभी मदें दिखाई जाती हैं :
    (A) आय-व्यय खाता में
    (B) स्थिति विवरण में
    (C) (A) तथा (B) दोनों में
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (A) आय-व्यय खाता में

    14. निम्न में से कौन लाभ न कमाने वाली संस्था नहीं है :
    (A) महाविद्यालय
    (B) खेलकूद क्लब
    (C) मारुति उद्योग
    (D) हॉस्पीटल ।

    उत्तर- (C) मारुति उद्योग

    15. आय-व्यय खाता में लिखे जाते हैं लेन-देन दर्ज करने के लिए :
    (A) केवल पूँजीगत प्रकृति
    (B) केवल आयगत प्रकृति
    (C) (A) एवं (B) दोनों का
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (B) केवल आयगत प्रकृति

    16. एक क्लब द्वारा प्राप्त आजीवन सदस्यता शुल्क है :
    (A) आयगत प्राप्ति
    (B) पूँजीगत प्राप्ति
    (C) (A) एवं (B) दोनों
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (B) पूँजीगत प्राप्ति

    17. लाभ न कमाने वाली संस्था का मुख्य उद्देश्य होता है :
    (A) लाभ कमाना
    (B) समाज की सेवा करना
    (C) लाभ-हानि खाता तैयार करना
    (D) उपरोक्त सभी

    उत्तर- (B) समाज की सेवा करना

    18. निम्न में से कौन आय नहीं है ?
    (A) चन्दा
    (B) दान
    (C) टिकट की बिक्री
    (D) एण्डोमेण्ट निधि

    उत्तर- (D) एण्डोमेण्ट निधि

    Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 1 गैर-लाभकारी संगठनों / गैर-व्यापारिक संस्थाओं का लेखांकन :- Commerce Shakti

    19. गैर-व्यापारिक संस्थान में अधिक लेन-देन होते हैं :
    (A) नकद
    (B) उधार
    (C) (A) और (B) दोनों
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (A) नकद

    20. एक संस्था द्वारा प्राप्त चन्दा है :
    (A) पूँजीगत प्राप्ति
    (B) आयगत प्राप्ति
    (C) (A) एवं (B) दोनों
    (D) उपरोक्त में से कोई नहीं

    उत्तर- (B) आयगत प्राप्ति

    21. निम्न में से कौन-सी मद प्राप्ति एवं भुगतान खाते में जाएगी?
    (A) अदत्त वेतन
    (B) ह्रास
    (C) आजीवन सदस्यता शुल्क
    (D) उपार्जित चन्दा

    उत्तर- (C) आजीवन सदस्यता शुल्क

    22. प्राप्ति एवं भुगतान खाता सारांश है :
    (A) समस्त पूँजीगत प्राप्ति एवं भुगतानों का
    (B) समस्त आयगत प्राप्ति एवं भुगतानों का
    (C) समस्त आयगत एवं पूँजीगत प्राप्ति एवं भुगतानों का
    (D) उपरोक्त में से कोई नहीं :

    उत्तर- (C) समस्त आयगत एवं पूँजीगत प्राप्ति एवं भुगतानों का

    23. एक स्कूल द्वारा वार्षिकोत्सव के लिए प्राप्त किया गया चन्दा माना जाना चाहिए:
    (A) पूँजीगत प्राप्ति
    (B) आयगत प्राप्ति
    (C) सम्पत्ति
    (D) उपार्जित आय

    उत्तर- (A) पूँजीगत प्राप्ति

    24. यदि विशिष्ट कोष संधारित होता है और यदि व्यय राशि विशिष्ट कोष की कुल राशि से अधिक हो तो शेष व्ययों को लिखा जाना चाहिए:
    (A) आर्थिक चिट्ठा के दायित्व पक्ष में
    (B) आय-व्यय खाते के डेबिट पक्ष में
    (C) आय-व्यय खाते के क्रेडिट पक्ष में
    (D) स्थिति विवरण के सम्पत्ति पक्ष में

    उत्तर- (B) आय-व्यय खाते के डेबिट पक्ष में

    25. चालू वर्ष के दौरान अग्रिम प्राप्त चन्दे हैं :
    (A) आय
    (B) सम्पत्ति
    (C) दायित्व
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (C) दायित्व

    26. उपभोगजन्य मदों की बिक्री से सभी प्राप्तियों को माना जाता है :
    (A) पूँजीगत प्राप्तियाँ
    (B) आयगत प्राप्तियाँ
    (C) (A) और (B) दोनों
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (B) आयगत प्राप्तियाँ

    Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 1 गैर-लाभकारी संगठनों / गैर-व्यापारिक संस्थाओं का लेखांकन :- Commerce Shakti

    27. पूँजी कोष की गणना की जाती है :
    (A) आय-व्यय
    (B) सम्पत्ति-दायित्व
    (C) पूँजी + दायित्व
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (B) सम्पत्ति-दायित्व

    28. निम्नलिखित में से कौन-सा अलाभकारी संस्थान है ?
    (A) झारखण्ड अधिविद्य परिषद्
    (B) टाटा स्टील
    (C) एयर इण्डिया
    (D) जेट एयर वेज

    उत्तर- (A) झारखण्ड अधिविद्य परिषद्

    29. आय व व्यय खाता का शेष……………….दर्शाता है :
    (A) हस्तस्थ रोकड़
    (B) पूँजी कोष
    (C) शुद्ध आय
    (D) व्यय पर आय की अधिकता या विलोमता

    उत्तर- (D) व्यय पर आय की अधिकता या विलोमता

    30. मृत व्यक्ति की वसीयत से प्राप्त सम्पत्ति को कहा जाता है :
    (A) रिक्थ
    (B) मानदेय
    (C) दान
    (D) चन्दा

    उत्तर- (A) रिक्थ

    31. प्राप्ति एवं भुगतान खाता सामान्यतया दर्शाता है :
    (A) आधिक्य
    (B) पूँजी कोष
    (C) डेबिट शेष
    (D) क्रेडिट शेष

    उत्तर- (C) डेबिट शेष

    32. आय तथा व्यय खाता सामान्यतया दिखाता है :
    (A) आधिक्य/घाटा
    (B) रोकड़ शेष
    (C) पूँजी कोष
    (D) शुद्ध लाभ/हानि

    उत्तर- (A) आधिक्य/घाटा

    33. विशेष उद्देश्य के लिए प्राप्त किया गया दान :
    (A) आय-व्यय खाते में क्रेडिट किया जाना चाहिए
    (B) एक अलग खाते में क्रेडिट करके स्थिति विवरण में दिखाना चाहिए
    (C) सम्पत्ति पक्ष में दिखाना चाहिए
    (D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर- (B) एक अलग खाते में क्रेडिट करके स्थिति विवरण में दिखाना चाहिए

    Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 1 गैर-लाभकारी संगठनों / गैर-व्यापारिक संस्थाओं का लेखांकन :- Commerce Shakti

    34. लाभ न कमाने वाली संस्थाओं में व्यय की आय पर अधिकता को कहा जाता है :
    (A) हानि
    (B) लाभ
    (C) कमी/घाटा
    (D) अधिशेष

    उत्तर- (C) कमी/घाटा

    35. निम्न में से कौन-सा अलाभकारी संगठन नहीं है :
    (A) स्कूल
    (B) अस्पताल
    (C) क्लब
    (D) साझेदारी फर्म

    उत्तर- (D) साझेदारी फर्म

    36. आय तथा व्यय खाता तैयार किया जाता है :
    (A) व्यापारिक संस्था द्वारा
    (B) गैर-व्यापारिक संस्था द्वारा
    (C) इनमें से कोई नहीं
    (D) (A) और (B) दोनों

    उत्तर- (B) गैर-व्यापारिक संस्था द्वारा

    37. पुराने अखबारों की बिक्री है :
    (A) पूँजीगत प्राप्ति
    (B) आयगत प्राप्ति
    (C) सम्पत्ति
    (D) लाभ

    उत्तर- (B) आयगत प्राप्ति

    38. पुरस्कार कोष से सम्बन्धित आय एवं व्यय को दिखाया जाता है :
    (A) आय एवं व्यय खाते में
    (B) चिट्टे के सम्पत्ति पक्ष में
    (C) चिट्टे के दात्यिव पक्ष में
    (D) रोकड़ खाता में

    उत्तर- (A) आय एवं व्यय खाते में

    39. वर्ष के दौरान प्राप्त चन्दा 50,000 रु. वर्ष के अन्त में अदत्त चन्दा 8,000 रु. वर्ष के प्रारम्भ में अदत्त चन्दा 6,000 रु० चन्दों से प्राप्त शुद्ध आय होगी :
    (A)48,000 रु.
    (B) 64,000 रु.
    (C) 52,000 रु.
    (D) 36,000 रु.

    उत्तर- (C) 52,000 रु.

    Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 1 गैर-लाभकारी संगठनों / गैर-व्यापारिक संस्थाओं का लेखांकन :- Commerce Shakti

    40. वर्ष के दौरान प्राप्त चन्दा 1,80,000 रु. वर्ष के अन्त में अदत्त चन्दा 20,000 रु. वर्ष के अन्त में प्राप्त अग्रिम चन्दा 10,000 रु. आय तथा व्यय खाते में क्रेडिट की जाने वाली चन्दे की राशि होगी :
    (A) 2,10,000 रु.
    (B) 1,90,000 रु.
    (C) 1,70, 000 रु.
    (D) 2,00,000 रु.

    उत्तर- (B) 1,90,000 रु.

    41. यदि विशिष्ट कोष संधारित होता है और यदि व्यय राशि विशिष्ट कोष की कुल राशि से अधिक हो तो शेष व्ययों को लिखा जाना चाहिए :
    (A) आर्थिक चिट्ठा के दायित्व पक्ष में
    (B) आय-व्यय खाते के डेबिट पक्ष में
    (C) आय-व्यय खाते के क्रेडिट पक्ष में
    (D) स्थिति-विवरण के सम्पत्ति पक्ष में

    उत्तर- (B) आय-व्यय खाते के डेबिट पक्ष में

    42. एक क्लब द्वारा प्राप्त आजीवन सदस्यता शुल्क को दिखाया जाता है :
    (A) आय-व्यय खाते में
    (B) आर्थिक चिट्ठा में
    (C) प्राप्ति और भुगतान खाते में
    (D) इनमें से किसी में भी नहीं

    उत्तर- (B) आर्थिक चिट्ठा में

  • RESIDENCE AND TAX LIABILITY [MCQ] English

    RESIDENCE AND TAX LIABILITY [MCQ] English, Income Tax important chapter residence and tax liability, income tax mcq

    1. Who may be not an ordinary resident from the following? 

    • a. Partnership Firm 
    • b. Company 
    • c. Association of persons 
    • d. Hindu undivided family 

    2. Salary payable by the Government of India to an Indian citizen for services outside India: 

    1. a. is taxable in India 
    2. b. is not taxable in India 
    3. c. is includible in the total income for rate purposes only 
    4. d. none of these 

    3. What are the classes of an assessee for: 

    a. Indian and foreigners 

    b. Resident Indians and Non-resident Indians 

    c. Resident, Not ordinarily resident and Non-resident d. Persons, Firms & Companies 

    4. Income accruing in India is assessable for: 

    a. All assessees 

    b. Resident in India 

    c. Not ordinarily resident in India 

    d. Non-resident in India 

     5. On the basis of residence, the assessees are divided into how many categories? 

    a. Two 

    b. Three 

    c. Four 

    d. Five 

    6. Agricultural income in Pakistan is assessable for: 

    a. Resident 

    b. Not ordinarily resident 

    c. Non – resident 

    d. not taxable 

    7. A citizen of India who goes abroad for the purpose of employment, he must stay in India to become a resident for at least: 

    a. 182 days 

    b. 90 days 

    c. 60 days 

    d. 180 days 

    8. Every year the residential status of an assessee: 

    a. may change 

    b. will certainly change 

    c. will not change 

    d. none of these 

    9. A company doesn’t become the following in the previous year:

    a. Ordinarily resident 

    b. Non-resident 

    c. Not an ordinarily resident 

    d. Resident 

    10. Income from a business in foreign country not controlled from India is taxable in case of: 

    a. Ordinarily resident 

    b. Non ordinarily resident 

    c. Non – resident 

    d. All of these 

    11. Income not taxable in case of resident in India: 

    a. Income received in India 

    b. Income accrued in India 

    c. Foreign income 

    d. Past untaxed foreign income brought into India during the previous year. 

    12. Income accruing in Paris and received there is taxable in India in the case of: 

    a. for resident and ordinarily resident only 

    b. for both resident and ordinarily resident and resident but not ordinarily resident 

    c. for both resident and non-resident 

    d. for all resident, not ordinarily resident and non-resident 

    [Ans. 1.(d), 2.(a), 3.(c), 4.(a), 5.(b), 6.(a), 7.(a), 8.(a), 9.(c), 10.(a), 11.(d), 12.(a)] 

     

     

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