12th Accountancy Very Short Answer Type Question [NPO]

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1. लाभ न कमाने वाली संस्था का अर्थ बताएं 

लाभ न कमाने वाली संस्थाओं से आशय उन संस्थाओं या संगठनों से हा जिनकी स्थापना अपने सदस्यों अथवा समाज को सेवा प्रदान करने के उदेश्य से की जाती है । is तरह की संस्था का उदेश्य लाभ कमाना नहीं है।

2. अलाभकारी संस्थाओं के कुछ उदाहरण दें। 

अलाभकारी संस्थों के उदाहरण निम्नलिखित है

  • धार्मिक संस्थान
  • खेलकुद क्लब
  • college
  • अस्पताल ।

3. अलाभकारी संस्थाओं द्वारा तैयार किए जाने वालेकिन्ही दो वितिये विवरणों के नाम बताएं 

आय और व्यय खाता

चिट्ठा या स्थिति-विवरण

4. अलाभकारी संस्था की कोई एक मुख्य विशेषता बताए जो इसे व्यवशायिक संस्थों से भिन्न बनती है 

सका उदेश्य समाज या अपने सदस्यों को बिना लाभ की भवन के सेवाएं प्रदान करना होता है

5. अलाभकारी संस्थों की आय के दो मुख्य श्रोत क्या है ?

अलाभकारी संस्थों की आय के दो मुख्य श्रोत सदस्यों से प्राप्त चंद और  दान/सरकारी अनुदान या सहायता  है /

6. अलाभकारी संस्थों द्वारा विभिन्न क्षरोटों से प्राप्त कोशों को किस खाते में जमा किया जाता है 

अलाभकारी संस्थों द्वारा प्राप्त कोशों को पूँजी निधि (Capital Fund ) अथवा सामान्य निधि ( General Fund ) में जमा किया जाता है

7. चन्दा क्या है

चन्दा से आशय सदस्यता शुल्क से है जो सदस्य से वार्षिक आधार पर प्राप्त होता है । यह अलाभकारी संस्था की आय का प्रमुख श्रोत है

8. सदस्यता शुल्क क्या है

सदस्यता शुल्क अलाभकारी संस्थाओं की आय का प्रमुख श्रोत है जो उनके सदस्यों से प्राप्त होता है साधारणतया सदस्यता शुल्क वार्षिक वसूल किया जाता है इसे आय-व्यय खाता के आय पक्ष में दिखाया जाता है

9. आजीवन सदस्यता शुल्क क्या है

आजीवन सदस्यता शल्क से आशय उस सदस्यता शुल्क से है जो किसी सदस्य द्वारा एकमुश्त राशि के रूप में दी जाती है स्पष्ट है की इस प्रकार के शुल्क का भुगतान एक बार में ही किया जाता है / यह संता के लिए पूंजीगत प्राप्ति माना जाता है

10. उस खाते का नाम बताये जो एक अलाभकारी संस्था की रोकड़ पुस्तक के लेन-देन  का वर्गीकृत सारांश प्रदर्शित करता है 

प्राप्ति एवं भुगतान खाता

11. प्राप्ति एवं भुगतान खाता क्या है 

प्राप्ति एवं भुगतान खाता रोकड़ तथा वानक लेन-दोनों के विभिन्न शीर्षकों का सारांश है

12. प्राप्ति एवं भुगतान खाता का उदेश्य क्या है 

प्राप्ति एवं भुगतान खाते का उदेश्य लेखांकन वर्ष के लिए रोकड़ प्राप्तियों व भुगतनों का सारांश प्रस्तुत करना है

13. प्राप्ति एवं भुगतान खाते के जमा पक्ष क्रेडिट पक्ष में दर्शाई जाने वाली किन्ही दो मदों के नाम लिखें 

प्राप्ति एवं भुगतान खाते के जमा पक्ष में दर्शायी जाने वाली दो पक्ष वेतन  और फर्निचर का क्रय है 

14. प्राप्ति एवं भुगतान खाते के नाम पक्ष डेबिट पक्ष में दर्शाई जाने वाली किन्ही दो मदों के नाम लिखे 

चन्दा और प्रवेश शुल्क

15. प्राप्ति एवं भुगतान खाता तथा रोकड़ वही में कोई एक अंतर बताइए 

राप्ती एवं भुगतान खाता में लेन-देन का लेखा तिथीवार या क्रमवार रूप से नहीं लिखा जाता है बल्कि वर्ष के अन्त में उपयुक्त शीर्षकों के अंतर्गत सारांशित रूप में प्रस्तुत किया जाता है

16. प्राप्ति एवं भुगतान खाते की कोई एक विशेषता बताएं 

इसमें सभी नकद प्राप्तियों व नकद भुगतनों का लेखा किया जाता है

17. प्राप्ति एवं भुगतान खाते के प्रारंभ में किस मद को लिखा जाता है 

राप्ती एवं भुगतान खाते के डेबिट पक्ष मे सर्वप्रथम प्रारम्भिक रोकड़ हस्ते तथा बैंक में रोकड़ को लिखा जाता है

18. प्राप्ति एवं भुगतान खाते का अंतिम शेष क्या प्रदर्शित करता है 

प्राप्ति एवं भुगतान खाते का अंतिम शेष हस्तस्थ रोकड़ तथा बैंक में रोकड़ अथवा बैंक अधिविकर्ष प्रदर्शित करता है

19. स्थायी संपतियों पर ह्रास को प्राप्ति एवं भुगतान खाते में क्यों नहीं अभिलिखित किया जाता है 

रस एक गैर-रोड़क मद है । प्राप्ति एवं भुगतान खाते में केवल नकद लेन-देन का ही लेखा होता है

20. अदत्त व्यय एवं उपार्जित आयोन को प्राप्ति एवं भुगतान खाते में क्यों नहीं लिखा जाता है 

अदत्त व्यय एवं उपार्जित आय समायोजन वाले मद है । चूंकि इन मदों के लिए नकद भुगतान या नकद प्राप्ति नहीं होती है, अतः इन्हें प्राप्ति एवं भुगतान खाते में नहीं दिखाया जाता है

21. किन्ही दो मदों के नाम बताये जो प्राप्ति एवं भुगतान खाते के डेबिट पक्ष में दर्शाये जाते है किन्तु आय-व्यय में नहीं दर्शाये जाते है 

आजीवन सदस्यता शुल्क और वसीयत

22. किन्ही दो मदों के नाम बताये जो प्राप्ति एवं भुगतान खाते के क्रेडिट पक्ष में दर्शाये जाते है किन्तु आय-व्यय में नहीं दर्शाये जाते है 

फर्निचर का क्रय और पुस्तकों का क्रय

23. आय और व्यय खाता से क्या आशय है 

यह वह खाता है जिसमे अलाभकारी संस्थाओं के आयगत व्ययों और व्ययों को दिखाया जाता है यह व्यय पर आय की अधिकता तथा आय पर व्यय की अधिकता दर्शाता है

24. उस खाते का नाम बताइए जिसमें अलाभकारी संस्था के आय-व्ययों को वर्ष के अन्त में सारांशित रूप में दिखाया जाता है 

आय-व्यय खाता

25. आय-व्यय खाते की दो प्रमुख विशेषताएं बताएं 

  • इसमें चालू वर्ष के सिर्फ आयगत प्राप्तियों व भुगतनों अर्थात आय-व्यय का लेखा किया जाता है
  • यह एक नाममात्र खाता हैं

26. आय-व्यय खाता क्यों तैयार किया जाता है 

यह चालू वर्ष में व्यय पर आय की अधिकता अथवा आय पर व्यय की अधिकता ज्ञात करने के लिए तैयार किया जाता है

27. आय तथा व्यय खाता किसके द्वारा तैयार किया जाता है 

यह अलाभकारी अर्थात गैर-व्यापारिक संस्थाओं के द्वारा तैयार किया जाता है

28. आय तथा व्यय खाता तथा लाभ-हानी खाता में कोई एक अंतर बतायें 

आय तथा व्यय खाता बनाने का उदेश्य किसी वर्ष विशेष में व्यय पर आय की अधिकता अथवा आय पर व्यय की अधिकता ज्ञात करना होता है जबकि लाभ-हानी खाता बनाने का उदेश्य शुद्ध लाभ या शुद्ध हानी ज्ञात करना है

29. प्राप्ति एवं भुगतान खाता तथा आय और व्यय खाता में कोई एक अंतर बताए 

राप्ती एवं भुगतान खाता और पूँजी की प्राप्तियों और भुगतनों का अभिलखन करता है जबकि आय व्यय खाता केवल आगम प्रकृति के आय और व्ययों का अभिलेखन करता है ।

30. उस खाते का नाम बताएं जो अलाभकारी संस्थाओं द्वारा व्यापारिक एवं लाभ-हानी खाते के स्थान पर बनाया जाता है 

आय तथा व्यय खाता

31. अलाभकारी संगठन की दश में व्यय पर आय की अधिकता को किस खाते मे जोड़ा जाता है 

पूँजी कोष (Capital Fund )

32. आय तथा व्यय खाते एवं प्राप्ति तथा भुगतान खाते में लेखा की जाने वाली मदों की प्रकृति के आधार पर अंतर बताइए 

आय और व्यय खाता में केवल आगम प्रकृति के आय-व्यय का अभिलेखन किया जाता है जबकि प्राप्ति एवं भुगतान खाते में आगम और पूंजीगत सभी प्राप्तियों और भुगतनों का अभिलेखन किया जाता है

33. मानद भुगतान क्या है ?

मानद भुगतान वह भुगतान है जो संस्था द्वारा ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जो इसका कर्मचारी नहीं है । जैसे सचिव को मानद भुगतान, किसी कलाकार को मानद भुगतान । मानद भुगतान को आय तथा व्यय खाते के व्यय पक्ष डेबिट भाग में दिखाया जाता है ।

34. समर्पित निधि या आधार कोष क्या है ?

मर्पित या आधार कोष ( Endowment Fund ) – जब कोई बड़ी राशि किसी संस्था को कोई बड़ी संपत्ति खरीदने के लिए दी जाती है तब उसे समर्पित या आधार कोष कहा जाता है

35. क्या एक अस्पताल के लिए यह संभव है की उसका आय-व्यय खाता हो और दूसरे अस्पताल का लाभ-हानी खाता ?

नहीं ! दोनों ही अस्पताल का आय-व्यय खाता होगा

36. अलाभकारी संस्थानों के द्वारा पूँजी खाता नहीं रखा जाता है । पूँजी खाते के बदले वे क्या रखते है ?

पूँजी कोष

37. पूंजीगत प्राप्ति के दो उदाहरण दीजिए जिन्हे सीधे पूँजी कोष मे जोड़ा जाता है 

  1. विशिष्ट दान ( Specific Donation )
  2. आजीवन सदस्यता शुल्क

38. वसीयत क्या है 

वसीयत वह राशि है जो अलाभकारी संस्था किसी व्यक्ति के मरणोपरांत “विल”के कारण प्राप्त करता है यह पूंजीगत प्राप्ति है और इसीलिए इसे स्थिति विविरण में दिखाया जाता है

39. जब प्राप्ति एवं भुगतान खाते का रूपांतरण आय-व्यय खाते में किया जाता है तो उपार्जित तथा अदत्त के लिए आयोजन करने के लिए एक लेखांकन संकल्पना  का अनुसरण किया जाता है। उस संकल्पना का नाम बताए 

उपार्जन संकल्पना

40. एक स्पोर्ट्स क्लब यानि पुरानी बिलियर्ड्स टेबल जिसका पुस्तक मूल्य रुपये 17,000 था, रुपये 15,550 में बेचता है । प्राप्ति एवं भुगतान खाते में इस विक्रय को किस प्रकार दिखाया जायेगा 

Receipts and Payments A/c के डेबिट भाग अर्थात प्राप्ति भाग में To Sale of Old Billiards Table लिखा जायेगा और राशि कॉलम में रुपये 15,550 लिखा जायेगा ।

41. आय तथा व्यय खाते की प्रकृति बताईए 

यह एक अवास्तविक खाता है उआर उपार्जन संकल्पना के आधार पर तैयार किया जाता है

42. प्रकृति के आधार पर आय एवं व्यय खाता तथा प्राप्ति एवं भुगतान खाता का अंतर्भेद कीजिए । 

राप्ती एवं भुगतान खाता वास्तविक खाता है जबकि आय एवं व्यय खाता नाममात्र खाता है

43. एक अलाभकारी संस्था की दशा में लेखांक का आधार बताइए जिस पर प्राप्ती एवं भुगतान खाता तैयार किया जाता है। 

रोकड़ आधार

44. लेखांकन का आधार बताइए जिस पर लाभ न कमाने वाली संस्था द्वारा आय एवं व्यय खाता तैयार किया जाता है 

उपार्जन आधार

45. एक लाभ न कमाने वाली संस्था की दशा में व्यय पर आय की अधिकता को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्द का नाम बताएं 

  अधिशेष ( Surplus )

46. कोष आधारित लेखांकन क्या है ?

कोष आधारित लेखांकन वह पद्धति है जिसके अंतर्गत विशेष उदेश्यो के लिए प्राप्त राशोयों से अलग-अलग खाते खोले जाते है और उनसे संबंधित लेन-देन का लेखा उन्ही खातों में किया जाता है । जैसे भवन कोष, पुरस्कार कोष, आदि

47. आयगत प्राप्ति एवं पूंजीगत प्राप्ति के चार चार उदाहरण दीजिए 

  1. आयगत प्राप्ति 
    1. चन्दा
    2. सामान्य दान
    3. लाभांश एवं ब्याज
    4. संपत्तियों की बिक्री
  2. पूंजीगत प्राप्तियों 
    1. विशिष्ट उदेश्य हेतु दान
    2. वसीयत
    3. आजीवन सदस्यता शुल्क
    4. धन समर्पण शुल्क

48. प्राप्ति एवं भुगतान खाता तैयार करने के लिए आधार क्या है 

प्राप्ति एवं भुगतान खाता तैयार करने का आधार रोकड़ है अर्थात रोकड़ आधार

49. अलाभकारी संस्था की स्थिति में आय एवं व्यय खाता तैयार करने के लिए क्या आधार है 

उपार्जन आधार

50. पूँजी कोष क्या है ?

पूँजी कोष व्यय पर आय की अधिकता की कुल संचित राशि है। पूँजी कोष में ऐसी मदों को भी शामिल किया जाता है जिन्हे पूंजीकृत किया गया है, जैसे वसीयत , प्रवेश शुल्क, जीवन सदस्यता शुल्क इत्यादि । जिस प्रकार लाभ उपार्जन करने वाले संगठनों में पूँजी शब्द का प्रयोग किया जाता है , गैर-व्यापारिक संगठनों में पूँजी कोष का प्रयोग किया जाता है ।