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  • 12th Accountancy VVI Subjective Question Answer

    Bihar Board Class 12 Accountancy Most Important ( VVI) Subjective Question Answer. 12th Subjective Question Answer Accountancy. Bihar Board Accounts Subjective Question Answer Class 12. Class 12 Accounts theory Question with Answer

    1. अंशों का बट्टे पर निर्गम क्या है?

    जब अंशों को अंकित मूल्य (Face Value) से काम पर जारी किया जाता है तो इसे बट्टे या कटौती पर अंशों का निर्गम कहा जाता है । जैसे – यदि 10 रुपये पारी अंशों वाले अंशों को 9 रुपये प्रति अंशों की दर से निर्गमित किया जी तो 10-9 = 1 रुपये का कटौती कहा जायगा और इस प्रकार निर्गमित अंशों की कटौती पर निर्गमित अंश कहाँ जाएगा ।

    2. काम अभिदान क्या है?

    जब कंपनी द्वारा निर्गमित अंशों से कम अंशों को खरीदने के लिए जनता प्रार्थना पत्र आते तो ऐसी स्थिति को काम अभिदान या न्यून अभिदान कहते हैं जैसे 1000 अंशों के विक्रय हेतु प्रविवरण जारी किया परंतु जनता से 900 अंशों को कारिड़ने के लिए ही प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए तो इसे काम अभिदान या न्यून अभिदान कहेंगे।

    3. अंशों की जब्ती के लिए कौन-सी जर्नल प्रविष्टि की जाती है

    अंशों की जब्ती के लिए निमलिखित जर्नल प्रविष्टि की जाती है

    • Share Capital A/c………….. Dr.
    • To Share Allotment A/c
    • To Share first Call A/c
    • To Share Final Call A/c
    • To Forfeited Shares A/c

    (Being forfeiture of…shares for non-Payment of…Call)

     

    4. ऋणपत्रों को जारी करने पर हानी क्या है?

    जब ऋणपत्रों को उसके अंकित मूल्य से काम पर जारी किया जाता है तथा / अथवा वह प्रीमियम पर शोधनीय होता होता है तो इस प्रकार के निर्गमन व शोधन से होने वाली हानी को ऋणपत्रों के निर्गमन पर हानी कहा जाता है

     

    5. गैर-परिवर्तनशील ऋणपत्र से आप क्या समझते है?

    गैर परिवर्णशील अथवा अपरिवर्तनशील ऋण-पत्रों से आशय ऐसे ऋणों से है जिनका अंशों या अन्य ऋण-पत्रों में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है

     

    6. ऋणपत्र शोधन की किन्ही दो विधियों को लिखें।

    ऋणपत्र शोधन के दो विधियाँ निम्नलिखित हैं

    • एक मुश्त भुगतान विधि ( Lump -Sum Payment Method) – इस विधि के अंतर्गत एक कंपनी ऋणपत्रों की कुल राशि का भुगतान ऋण-पत्र धारकों को एकमुश्त में करती है
    • वार्षिक आहरण या लॉटरी के द्वारा भुगतान – इस विधि के अंतर्गत ऋणपत्रों का शोधन प्रतिवर्ष कीस्टोन में लॉटरी द्वारा चुनाव करने किया जाता है। वार्षिक आहरण की रकम का बराबर होना आवश्यक नहीं हैं।

    7. लाभ से ऋणपत्रों का शोधन क्या हैं?

    इस स्थिति में ऋणपत्रों के शोधन हेतु लाभ का उपयोग किया जाता हैं लाभों में से शोधन के लिए लाभ एवं हानी विवरण के आधिक्य से कंपनी अधिनियम 2013 की धार 71 (4) में निर्दिष्ट राशि अथवा शोधनीय ऋण-पत्रों के अंकित मूल्य के बराबर राशि ऋणपत्रों के शोधन के पूर्व ऋण पत्र शोधन संचय खाते में हस्तांतरित की जाती है, जाहीर है की ऋण पत्रों का शोधन प्रारंभ करने के पूर्व ही ऋण पत्र शोधन संचय खाते का निर्माण किया जाता है।

     

    8. वित्तीय विश्लेषण क्या है?

    वित्तीय विवरणों के विश्लेषण से आशय वित्तीय विवरणों (चिट्ठा एवं लाभ-हानी विवरण) में दिए गये आंकड़ों को सरल रूप में प्रस्तुत करना एवं उनका उचित वर्गीकरण करना है ताकि उनसे महटवजपूर्ण अर्थ निकाले जा सके। इसलिए इन विवरणों की महंता इनकी रचना में नहीं हैं वर्ण इनके माध्यम से संस्था की वित्तीय मामलों की दश के अध्ययन से है। जाहीर है की वित्तीय-स्थिति अथवा वित्तीय-विवरणों की विभिन्न्य मदों का गहन अध्ययन, अनुपात अथवा अन्य उचित विधि के द्वारा किया जाना ही वित्तीय विश्लेषण हैं

     

    9. समान आकार विवरण क्या है ?

    समान या सामान्य आकार के विवरण को संरूप विवरण भी कहा जाता है समान आकार के विवरण से आशय एक ऐसे वित्तीय विवरण से है जिसमें एकसमान आधार पर विभिन्न्य मदों को प्रतिशत के रूप में परिवर्तित किया जाता है । उदाहरण के लिए संपत्तियों या दायित्व को चिट्ठे के लिए समान आधार के रूप में कहना जा सकता है और प्रचालन से आय या शुद्ध बिक्री को लाभ-हानी विवरण के लिए समान आधार के रूप में चुना जा सकता है यदि अन्य आय भी रहे तो प्रतिशत निकाला जाता है ।

     

    10. अनुपात विश्लेषण क्या है

    वित्तीय विवरणों के अनुपात की सहायता से किया गया विश्लेषण-विश्लेषण कहलाता है  यह एक फॉर्म के स्थिति विवरण तथा लाभ हानी खाते की विभिन्न मदों के बीच के संबंध की व्याख्या करता है संक्षेप में, अनुपात विश्लेषण को वित्तीय विवरणों की मदों अथवा समूहों के बीच के संबन्ध की गणना एवं पप्रस्तुतीकरण की क्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है ।

     

    11. रोकड़ प्रवाह विवरण के दो लाभ लिखें।

    रोकड़ प्रवाह के दो लाभ निम्नलिखित है

    • दैनिक रोड़क प्रबंध में उपयोगी- फॉर्म के विभिन्न प्रकार के व्ययों के भुगतान के लिए रोकड़ की आवश्यकता पड़ती हैं। रोड़क प्रवाह विवरण प्रबंधकों को रोड़क के विभिन्न श्रोतो के संबन्ध में पूर्ण जानकारी प्रदान करता है ताकि उनका सही प्रयोग किया जा सके।
    • लाभांश संबंधी निर्णय लेने में सहायक – रोकड़ प्रवाह विवरण लाभांश संबंधी नीतियों के निर्धारण और निर्धारित समय-सीमा के अंदर इसके भुगतान में सहायक होता है

    12. ऋण-समता अनुपात क्या है ?

    ऋण समता अनुपात की गणना उपक्रम की वितिय स्वस्थता की मॅप के लिए की जाती है। ऋण-समता अनुपात दीर्घकालीन ऋणों और अंशधारी कोष के बीच संबंध को प्रकट करता है । यह अनुपात यह बताता है की अंशधारी कोशों की तुलना में दीर्घकालीन ऋणों के कितने कोष प्राप्त किए गए है,। यह अनुपात संस्था की दीर्घ कालीन वित्तीय नीतियों की संदृढ़ता की जांच हेतु ज्ञात किया जाता है।

     

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    Bihar Board Class 12 Accountancy Most Important ( VVI) Subjective Question Answer. 12th Subjective Question Answer Accountancy. Bihar Board Accounts Subjective Question Answer Class 12. Class 12 Accounts theory Question with Answer

    1. अंशों का बट्टे पर निर्गम क्या है?

    जब अंशों को अंकित मूल्य (Face Value) से काम पर जारी किया जाता है तो इसे बट्टे या कटौती पर अंशों का निर्गम कहा जाता है । जैसे – यदि 10 रुपये पारी अंशों वाले अंशों को 9 रुपये प्रति अंशों की दर से निर्गमित किया जी तो 10-9 = 1 रुपये का कटौती कहा जायगा और इस प्रकार निर्गमित अंशों की कटौती पर निर्गमित अंश कहाँ जाएगा ।

    2. काम अभिदान क्या है?

    जब कंपनी द्वारा निर्गमित अंशों से कम अंशों को खरीदने के लिए जनता प्रार्थना पत्र आते तो ऐसी स्थिति को काम अभिदान या न्यून अभिदान कहते हैं जैसे 1000 अंशों के विक्रय हेतु प्रविवरण जारी किया परंतु जनता से 900 अंशों को कारिड़ने के लिए ही प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए तो इसे काम अभिदान या न्यून अभिदान कहेंगे।

    3. अंशों की जब्ती के लिए कौन-सी जर्नल प्रविष्टि की जाती है

    अंशों की जब्ती के लिए निमलिखित जर्नल प्रविष्टि की जाती है

    • Share Capital A/c………….. Dr.
    • To Share Allotment A/c
    • To Share first Call A/c
    • To Share Final Call A/c
    • To Forfeited Shares A/c

    (Being forfeiture of…shares for non-Payment of…Call)

     

    4. ऋणपत्रों को जारी करने पर हानी क्या है?

    जब ऋणपत्रों को उसके अंकित मूल्य से काम पर जारी किया जाता है तथा / अथवा वह प्रीमियम पर शोधनीय होता होता है तो इस प्रकार के निर्गमन व शोधन से होने वाली हानी को ऋणपत्रों के निर्गमन पर हानी कहा जाता है

     

    5. गैर-परिवर्तनशील ऋणपत्र से आप क्या समझते है?

    गैर परिवर्णशील अथवा अपरिवर्तनशील ऋण-पत्रों से आशय ऐसे ऋणों से है जिनका अंशों या अन्य ऋण-पत्रों में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है

     

    6. ऋणपत्र शोधन की किन्ही दो विधियों को लिखें।

    ऋणपत्र शोधन के दो विधियाँ निम्नलिखित हैं

    • एक मुश्त भुगतान विधि ( Lump -Sum Payment Method) – इस विधि के अंतर्गत एक कंपनी ऋणपत्रों की कुल राशि का भुगतान ऋण-पत्र धारकों को एकमुश्त में करती है
    • वार्षिक आहरण या लॉटरी के द्वारा भुगतान – इस विधि के अंतर्गत ऋणपत्रों का शोधन प्रतिवर्ष कीस्टोन में लॉटरी द्वारा चुनाव करने किया जाता है। वार्षिक आहरण की रकम का बराबर होना आवश्यक नहीं हैं।

    7. लाभ से ऋणपत्रों का शोधन क्या हैं?

    इस स्थिति में ऋणपत्रों के शोधन हेतु लाभ का उपयोग किया जाता हैं लाभों में से शोधन के लिए लाभ एवं हानी विवरण के आधिक्य से कंपनी अधिनियम 2013 की धार 71 (4) में निर्दिष्ट राशि अथवा शोधनीय ऋण-पत्रों के अंकित मूल्य के बराबर राशि ऋणपत्रों के शोधन के पूर्व ऋण पत्र शोधन संचय खाते में हस्तांतरित की जाती है, जाहीर है की ऋण पत्रों का शोधन प्रारंभ करने के पूर्व ही ऋण पत्र शोधन संचय खाते का निर्माण किया जाता है।

     

    8. वित्तीय विश्लेषण क्या है?

    वित्तीय विवरणों के विश्लेषण से आशय वित्तीय विवरणों (चिट्ठा एवं लाभ-हानी विवरण) में दिए गये आंकड़ों को सरल रूप में प्रस्तुत करना एवं उनका उचित वर्गीकरण करना है ताकि उनसे महटवजपूर्ण अर्थ निकाले जा सके। इसलिए इन विवरणों की महंता इनकी रचना में नहीं हैं वर्ण इनके माध्यम से संस्था की वित्तीय मामलों की दश के अध्ययन से है। जाहीर है की वित्तीय-स्थिति अथवा वित्तीय-विवरणों की विभिन्न्य मदों का गहन अध्ययन, अनुपात अथवा अन्य उचित विधि के द्वारा किया जाना ही वित्तीय विश्लेषण हैं

     

    9. समान आकार विवरण क्या है ?

    समान या सामान्य आकार के विवरण को संरूप विवरण भी कहा जाता है समान आकार के विवरण से आशय एक ऐसे वित्तीय विवरण से है जिसमें एकसमान आधार पर विभिन्न्य मदों को प्रतिशत के रूप में परिवर्तित किया जाता है । उदाहरण के लिए संपत्तियों या दायित्व को चिट्ठे के लिए समान आधार के रूप में कहना जा सकता है और प्रचालन से आय या शुद्ध बिक्री को लाभ-हानी विवरण के लिए समान आधार के रूप में चुना जा सकता है यदि अन्य आय भी रहे तो प्रतिशत निकाला जाता है ।

     

    10. अनुपात विश्लेषण क्या है

    वित्तीय विवरणों के अनुपात की सहायता से किया गया विश्लेषण-विश्लेषण कहलाता है  यह एक फॉर्म के स्थिति विवरण तथा लाभ हानी खाते की विभिन्न मदों के बीच के संबंध की व्याख्या करता है संक्षेप में, अनुपात विश्लेषण को वित्तीय विवरणों की मदों अथवा समूहों के बीच के संबन्ध की गणना एवं पप्रस्तुतीकरण की क्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है ।

     

    11. रोकड़ प्रवाह विवरण के दो लाभ लिखें।

    रोकड़ प्रवाह के दो लाभ निम्नलिखित है

    • दैनिक रोड़क प्रबंध में उपयोगी- फॉर्म के विभिन्न प्रकार के व्ययों के भुगतान के लिए रोकड़ की आवश्यकता पड़ती हैं। रोड़क प्रवाह विवरण प्रबंधकों को रोड़क के विभिन्न श्रोतो के संबन्ध में पूर्ण जानकारी प्रदान करता है ताकि उनका सही प्रयोग किया जा सके।
    • लाभांश संबंधी निर्णय लेने में सहायक – रोकड़ प्रवाह विवरण लाभांश संबंधी नीतियों के निर्धारण और निर्धारित समय-सीमा के अंदर इसके भुगतान में सहायक होता है

    12. ऋण-समता अनुपात क्या है ?

    ऋण समता अनुपात की गणना उपक्रम की वितिय स्वस्थता की मॅप के लिए की जाती है। ऋण-समता अनुपात दीर्घकालीन ऋणों और अंशधारी कोष के बीच संबंध को प्रकट करता है । यह अनुपात यह बताता है की अंशधारी कोशों की तुलना में दीर्घकालीन ऋणों के कितने कोष प्राप्त किए गए है,। यह अनुपात संस्था की दीर्घ कालीन वित्तीय नीतियों की संदृढ़ता की जांच हेतु ज्ञात किया जाता है।

     

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  • 12th Accountancy VVI Subjective Question Answer

    Bihar Board Class 12 Accountancy Most Important ( VVI) Subjective Question Answer. 12th Subjective Question Answer Accountancy. Bihar Board Accounts Subjective Question Answer Class 12. Class 12 Accounts theory Question with Answer

     

    1. प्राप्ति एवं भुगतान खाते की कोई दो विशेषताएं लिखिए।

    प्राप्ति एवं भुगतान खाते की विशेषताएं निमलिखित है

    • इसमें सभी प्राप्तियाँ चाहे वे आयगत हो या पूँजीगत, डेबिट पक्ष में दिखाई जाती है
    • प्राप्ति एवं भुगतान खाते में सभी भुगतनों को, चाहे वे आयगत हों या पूँजीगत, इसके क्रेडिट पक्ष में दिखते है

    2. उपभोगजन्य मदें क्या हैं

    कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जिनका वर्ष के दौरान उपयोग होने के कारण उनकी मात्रा में कमी आती रहती है,ऐसी वस्तुओं या मदों को उपभोग होनेवाली वस्तुएं या उपभोगजन्य मदें कहा जाता है जैसे स्टेशनरी, खेलकुद सामग्री, डाक टिकटें दवाइयाँ आदि।

    3. लाभ- हानी समायोजन खाता के डेबिट पक्ष में लिखे जाने वाले तीन मदों को लिखे ।

    लाभ हानी समायोजन खाता के डेबिट पक्ष में लिखें जाने वालें मदें हैं

    • पूँजी पर ब्याज
    • साझेदारों के वेतन/कमीशन
    • संचय में हस्तांतरण

    4. संचित लाभ क्या है ?

    यह संस्था के बचे हुए लाभ हानी का जो लाभांश देने के बाद राहत है । यह संचित पूँजी या संचित लाभ के रूप में भी जाना जाता हैं

    5. साझेदार के अवकाश से आप क्या समझते है

    एक साझेदार को यह अधिकार है की वह उपयुक्त नोटिस देकर फॉर्म से अवकाश ग्रहण कर ले। जब एक साझेदार फॉर्म से अपने संबंध समाप्त कर लेता है, अपना हिसाब कर लेता और फॉर्म छोड़ देता है इसे साझेदार का अवकाश ग्रहण कहा जाता है

    6. संयुक्त बीमा पॉलिसी का समर्पण मूल्य क्या है ?

    सभी साझेदारों के नाम बीमा पॉलिसी ली जाती हैं बीमा पॉलिसी की अवधि पूरा होने पर बीमा कंपनी से जो राशि प्राप्ति होती है उसे संयुक्त बीमा पॉलिसी का समर्पण मूल्य कहा जाता है

     

    7. मृत साझेदार का भुगतान करने के कौन-कौन से तरीके होते है ?

    मृत साझेदार का भुगतान करने के निम्नलिखितई तरीके होते हैं

    • एक किस्त में ही पूर्ण भुगतान (Payment in one Lumpsum)
    • किस्तें में भुगतान (Payment in Instalment)
    • वार्षिक वृत द्वारा भुगतान ( Payment by way of an annity)

    8. साझेदारी के समापन और साझेदारी फॉर्म के समापन में भेद कीजिए

    साझेदारी के समापन और फॉर्म के समापन में निम्न अंतर हैं

    • साझेदारी के समापन से आशय साझेदारों के मध्य वर्तमान संबन्ध सेन परिवर्तन से है जबकि फॉर्म के समापन का अर्थ सभी साझेदारी के बीच आपसी संबंधों की पूर्ण समाप्ति से है ।
    • साझेदारी के समापन पर फॉर्म का व्यवसाय चालू राहत है जबकि फॉर्म के विघटन पर फॉर्म का व्यवसाय समाप्त हो जाता है
    • साझेदारी के विघटन पर लेखा पुस्तकों को बंद करने की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकी व्यवसाय का अन्त नहीं होता है जबकि फॉर्म के समापन की स्थिति में सभी लेखा पुस्तकों को बंद कर दिया जाता है

    9. वैधानिक कंपनी क्या है

    जब किसी देश की संसद अथवा राज्य के विधान-सभा के विशेष अधिनियम द्वारा किसी कंपनी की स्थापना की जाती है तो इसे वैधानिक कंपनी कहते है । इसकी स्थापन राष्ट्रीय महत्व का कोई भी व्यवसाय करने के लिए की जाती है । इसकी दायित्व सीमित होता है परंतु इसके नाम के साथ लिमिटेड शब्द का प्रयोग नहीं होता है । जैसे Reserve Bank of India, State Bank of India, DVC, LIC, IDBI आदि।

    10. निजी कॉम्पनी की दो विशेषताओ को लिखे

    निजी कंपनी के दो विशेषताएं निमलिखित हिय

    • अंशों के हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगती है
    • इसके सदस्यों की संख्या 200 तक सीमित रहती है

    11. पार्षद सीमा नियम क्या हैं?

    पार्षद सीमा नियम कंपनी का आधारभूत प्रलेख होता है, जिसमें कंपनी के कार्यक्षेत्र, अधिकारों की सीमा, उदेश्य तथा पूँजी आधी की पूर्ण व्याख्या होती है, यह कंपनी और ब्राह्य जगत के संबंधों को संचालित करता है इसको कंपनी अधिनियम के अनुसार तैयार किया जाता है और कंपनी अधिनियम के अनुसार समय-समय पर इसमें परिवर्तन भी किया जाता है।

    12. परिवर्णशील पूर्वाधिकार अंश क्या है?

    जिन पूर्वाधिकार अंशधारियों को यह अधिकार है की वे एक निश्चित समय के अंदर या एक निश्चित तारीख तक आंपने अंशों को साधारण अंशों में बदल सकते है, उन्हें परिवर्णशील पूर्वाधिकार अंश कहा जाता है

     

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  • अंशों की जब्ती पर कौन सी जर्नल प्रविष्टि की जाती है

    अंशों की जब्ती पर कौन सी जर्नल प्रविष्टि की जाती है Which journal entry is made on forfeiture of shares?

    अंशों की जब्ती पर निम्नलिखित जर्नल प्रविष्टि की जाती है

    The following journal entry is made on forfeiture of shares

    Date Particulars L/F Amount Dr. Amount Cr.
      Share Capital Account…
      Dr.  
      To Share Allotment A/c     Cr.
      To Share First Call A/c      Cr.
      To Final Call A/c               Cr.
      To Forfeited Share A/c     Cr.
      (Being Forfeited Shares For non-Payment of….Call)      

    important points at time of forfeiture of shares,forfeiture of shares,meaning of forfeiture,accounts class 12,when shares were issued at par,when shares were issued at premium,when shares were issued at discount,cbse board,accounts,boards 2021

  • 12th Accountancy Chapter-3 [MCQ] साझेदारी का पुनर्गठन-वर्तमान साझेदारों के लाभ-विभाजन अनुपात में परिवर्तन

    साझेदारी का पुनर्गठन-वर्तमान साझेदारों के लाभ-विभाजन अनुपात में परिवर्तन Chapter 3 Objective Answers

    Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 3 साझेदारी का पुनर्गठन-वर्तमान साझेदारों के लाभ-विभाजन अनुपात में परिवर्तन

    1. वर्तमान साझेदारों के लाभ-विभाजन अनुपात में परिवर्तन से होता है :
    (A) फर्म का पुनर्मूल्यांकन
    (B) फर्म का पुनर्गठन
    (C) फर्म का समापन
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (B) फर्म का पुनर्गठन

    2. वर्तमान साझेदारों के लाभ-विभाजन अनुपात में परिवर्तन से होता है :
    (A) फर्म का पुनर्मूल्यांकन
    (B) फर्म का पुनर्गठन
    (C) फर्म का समापन
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (B) फर्म का पुनर्गठन

    3. X, Y तथा Z एक फर्म के साझेदार हैं जो लाभ-हानि को 4:3:1 के अनुपात में बाँटते हैं । उन्होंने भविष्य में 5:4:3 के अनुपात में लाभ बाँटने का निर्णय किया। X और Y के त्याग का अनुपात है :
    (A) 224:124
    (B) 124:324
    (C) 224:324
    (D) इनमें से कोई नहीं |

    Ans. (A) 224:124

    4. साझेदारी फर्म के पुनर्गठन पर सम्पत्तियों के मूल्य में वृद्धि का परिणम :
    (A) वर्तमान साझेदारों को लाभ
    (B) वर्तमान साझेदारों को हानि
    (C) वर्तमान साझेदारों को न लाभ न हानि
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) वर्तमान साझेदारों को लाभ

    5. साझेदारी समझौते में परिवर्तन से :
    (A) साझेदारों के मध्य सम्बन्ध बदल जाते हैं
    (B) साझेदारी व्यवसाय का अन्त हो जाता है
    (C) साझेदारी फर्म का विघटन हो जाता है
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) साझेदारों के मध्य सम्बन्ध बदल जाते हैं

    6. A,B,C और D लाभ-हानि को बराबर-बराबर बाँटते हुए साझेदार हैं। उन्होंने अपने लाभ-विभाजन अनुपात को 2 : 2 : 1 : 1 में परिवर्तित कर लिया। C कितना त्याग करेगा?
    (A) 16
    (B) 112
    (C) 124
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (D) इनमें से कोई नहीं

    7. पुनर्मूल्यांकन खाते का शेष पुराने साझेदारों के पूँजी खातों में हस्तांतरित किया जाता है :
    (A) पुराने लाभ-हानि अनुपात में
    (B) नये लाभ-हानि अनुपात में
    (C) समान अनुपात में
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) पुराने लाभ-हानि अनुपात में

    8. X और Y 2:3 के अनुपात में लाभ बाँटते हैं। भविष्य में उन्होंने समान अनुपात में लाभ बाँटना तय किया है। कौन साझेदार किस अनुपात में त्याग करेगा?
    (A)X द्वारा त्याग 1/10
    (B) Y द्वारा त्याग 1/5
    (C) Y द्वारा त्याग 1/10
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) Y द्वारा त्याग 1/10

    9. साझेदारी फैर्म के पुनर्गठन पर अलिखित लेनदारी का लेखा करने पर होगा:
    (A) वर्तमान साझेदारों को लाभ
    (B) वर्तमान साझेदारों को हानि
    (C) वर्तमान साझेदारों को न लाभ न हानि
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (B) वर्तमान साझेदारों को हानि

    10. साझेदारी अनुबन्ध में परिवर्तन का परिणाम है :
    (A) फर्म का पुनर्गठन
    (B) फर्म का समापन
    (C) फर्म का एकीकरण
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) फर्म का पुनर्गठन

    11. पुनर्मूल्यांकन खाते में क्रेडिट पक्ष के डेविट पक्ष पर आधिक्य को कहते हैं :
    (A) लाभ
    (B) हानि
    (C) प्राप्ति
    (D) व्यय

    Ans. (A) लाभ

    12. A, B और C एक फर्म के साझेदार हैं। यदि D नये साझेदार के रूप में प्रवेश करता है तो :
    (A) पुरानी फर्म का विघटन होगा
    (B) पुरानी फर्म तथा पुरानी साझेदारी का विघटन होगा
    (C) पुरानी साझेदारी पुनर्गठित होगी
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) पुरानी साझेदारी पुनर्गठित होगी

    13. साझेदारी फर्म के पुनर्गठन पर अलिखित सम्पत्ति का लेखा करने पर होगा
    (A) वर्तमान साझेदार को लाभ
    (B) वर्तमान साझेदार को हानि
    (C) वर्तमान साझेदार को न लाभ न हानि
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) वर्तमान साझेदार को लाभ

    14. पुनर्मूल्यांकन खाता या लाभ-हानि समायोजन खाता है :
    (A) व्यक्तिगत खाता
    (B) वास्तविक खाता
    (C) नाममात्र खाता
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) नाममात्र खाता

    15. त्याग अनुपात :
    (A) नया अनुपात-पुराना अनुपात
    (B) पुराना अनुपात-नया अनुपात
    (C) प्राप्ति अनुपात-पुराना अनुपात
    (D) पुराना अनुपात-प्राप्ति अनुपात

    Ans. (B) पुराना अनुपात-नया अनुपात

    16. लाभ-प्राप्ति अनुपात
    (A) नया अनुपात-पुराना अनुपात
    (B) पुराना अनुपात-त्याग अनुपात
    (C) नया अनुपात-त्याग अनुपात
    (D) पुराना अनुपात-नया अनुपात

    Ans. (A) नया अनुपात-पुराना अनुपात

    17. x तथा Y लाभ व हानि को 3 : 2 के अनुपात में बाँटते हैं। 1 जनवरी, 2017 से वे लाभ-हानि को समान अनुपात में बाँटने को सहमत हुए । त्याग या लाभ प्राप्ति होगा:
    (A) 1/10
    (B) 1/10
    (C) (A) और (B)
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) (A) और (B)

    18. साझेदारी फर्म के पुनर्गठन पर सम्पत्तियों के मूल्य में वृद्धि का परिणाम :
    (A) वर्तमान साझेदारों को लाभ
    (B) वर्तमान सझेदारों को हानि
    (C) वर्तमान साझेदारों को न लाभ न हानि
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) वर्तमान साझेदारों को लाभ

    19. साझेदार के प्रवेश पर पुराने चिठे में दर्शाए गये संचय हस्तान्तरित करेंगे?
    (A) सभी साझेदारों के पूँजी खातों में
    (B) नये साझेदारों के पूँजी खातों में
    (C) पुराने साझेदारों के पूँजी खातों में
    (D) इनमें से कोई नहीं |

    Ans. (C) पुराने साझेदारों के पूँजी खातों में

    20. पूँजी पर ब्याज को सामान्यतः मानना चाहिए:
    (A) लाभ का विनियोजन
    (B) एक सम्पत्ति
    (C) एक व्यय
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) लाभ का विनियोजन

  • money and Banking Objective Answers Type Questions

    money & Banking Objective Answers Type Questions. Money and banking very very important objective question for university or college exam.

    1. निन्मलिखिल में कौन विनियम का साधन है ?

    1. कागजी नोट
    2. धात्विक मुद्रा
    3.  1 और 2 दोनों 
    4. इनमे से कोई नहीं

    2. उस प्रणाली को क्या कहा जाता है जिसमे वस्तुओ से वस्तुओं की अदला बदली की जाती है 

     उत्तर :- वास्तु विनियम प्रणाली 
     

    3.  शब्द “मुद्रा” किस लैटिन शब्द से बना है 

    उत्तर :-  शब्द मुद्रा ” MONETA ” शब्द से बना है

    4.  मुद्रा करेंसी  और मांग जमा है यह परिभाषा किसने दी है ?

    उत्तर :-  मुद्रा करेंसी और मांग जमा है यह परिभाषा  प्रोफेसर केन्स   के दी है.

    5 निम्न में से कौन मुद्रा का कार्य है 

    1. विनियम का साधन
    2. मूल्य की इकाई
    3. स्थगित भुगतान का मान
    4. इनमे से सभी 

    6. मुद्रा वह पदार्थ है जो मुद्रा का कार्य कर रही है यह परिभाषा किसने दी है?

    उत्तर :-  मुद्रा वह पदार्थ है जो मुद्रा का कार्य कर रही है यह परिभाषा प्रोफेसर वाकर के है.

    7. पात्र मुद्रा किस धातु से बानी होती है ?

      उत्तर :- कागज 

    8.  जब देश में मुद्रा का प्रसार बढ़ जाता है और मूल्य स्तर भी बढ़ जाता है तो ऐसी स्थिति को क्या कहा जाता है ?

    जब देश में मुद्रा का प्रसार बढ़ जाता है और मूल्य स्तर भी बढ़ जाता है तो ऐसी स्थिति को मुद्रस्थिति कहा जाता है

    9.  मुद्रा के विभिन्न रूप निम्न में से कौन -से है ?

    1. पत्र मुद्रा
    2. धातु मुद्रा
    3. साख मुद्रा
    4. इसमें से सभी 

    10. पत्र मुद्रा में नींम में से कौन सी विशेषता पाई जाती है ?

    1. गहनीयता की सुविधा
    2. स्थानांतरण की सुविधा
    3. धातु की बचत का होने
    4. इनमे से सभी 

    11. जब बुरी मुद्रा अच्छी मुद्रा को चलन से बाहर कर देती है तो इस प्रवृत्ति को किस नियम से जाना जाता है ?

    जब बुरी मुद्रा अच्छी मुद्रा को चलन से बाहर कर देती है तो इस प्रवृत्ति को प्रोफेसर ग्रेशम का नियम से जाना जाता है

    12. जब देश में मुद्रा का मूल्य बढ़ जाता है और वस्तुओ और सेवाओं का मूल्य काम हो जाता है तो एसी स्थिति को क्या कहा जाता है ?

     जब देश में मुद्रा का मूल्य बढ़ जाता है और वस्तुओ और सेवाओं का मूल्य काम हो जाता है तो एसी स्थिति को मुद्रा संकुचन  कहा जाता है

    13. भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बिस ष सूत्री आर्थिक कार्यक्रम के अंतर्गत निम्न में से किस बैंक  स्थापना की गई है 

    भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बिस ष सूत्री आर्थिक कार्यक्रम के अंतर्गत सहकारी  बैंक  स्थापना की गई है

    14. फिशर  परिमाण सिद्धांत का समीकरण क्या है ?

     फिशर  परिमाण सिद्धांत का समीकरण MV+M1V1=PT और  MV+M1V1 / T = P हैं 
     

    15. जिन साधो का प्रयोग अंतरष्ट्रीय भुगतान के लिए किया जाता है उन्हें विदेशी विनिमय कहा जाता है |  यह परिभाषा किसने दी है ?

    जिन साधो का प्रयोग अंतरष्ट्रीय भुगतान के लिए किया जाता है उन्हें विदेशी विनिमय कहा जाता है |  यह परिभाषा सनाइडर  ने दी है
     
     
  • अंशदान क्या है ? What is contribution?

    अंशदान क्या है ? What is contribution?

    सामान्य बोल चाल की भाषा में यह कहा जा सकता है की जब किसी उधम या उपक्रम में दान, अंशों के रूप में किया जाता है तो उसे अंशदान कहा जाता है । अंशदान होने से फॉर्म या कंपनी की पूँजी या वित्त का प्रबंध होता है जिससे व्यावसायिक संस्था या उपक्रम का व्यवसाय कार्य सुचारु रूप से चलता है ।

    In common parlance, it can be said that when donations are made in the form of shares in any venture or undertaking, it is called contribution. Due to the contribution, the capital or finance of the form or company is managed, so that the business work of the business organization or undertaking runs smoothly.

  • 12th Accountancy Chapter-2 [MCQ] साझेदारी फर्मों का लेखांकन : आधारभूत अवधारणाऐं

    Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 2 साझेदारी फर्मों का लेखांकन : आधारभूत अवधारणाऐं

    Bihar Board 12th Accountancy Objective Type Questions Answers

    Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 2 साझेदारी फर्मों का लेखांकन : आधारभूत अवधारणाऐं
    1. साझेदारी संलेख की अनुपस्थिति में साझेदारी को उनके द्वारा फर्म को दी गई अग्रिम राशि पर ब्याज दिया जायेगा :
    (A) @ 5%
    (B) @ 6%
    (C) @ 9%
    (D) @ 8%

    Ans. (B) @ 6%

    2. साझेदारों की पूँजी पर देय ब्याज लिखा जाता है :
    (A) लाभ-हानि खाता में
    (B) वसूली खाता में
    (C) लाभ-हानि नियोजन खाता में
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) लाभ-हानि नियोजन खाता में

    3. कौन साझेदारी की विशेषता नहीं है ?
    (A) समझौता
    (B) लाभ-विभाजन
    (C) सीमित दायित्व
    (D) दो या दो से अधिक व्यक्ति

    Ans. (C) सीमित दायित्व

    4. साझेदारी समझौते के अभाव में साझेदारों की पूँजी पर ब्याज दिया जायेगा :
    (A)8% वार्षिक
    (B) 6% वार्षिक
    (C)9% वार्षिक
    (D) इनमें से कोई नहीं
    Ans. (D) इनमें से कोई नहीं

    5. किसी समझौते के अभाव में साझेदारी फर्म के लाभ एवं हानि का विभाजन किया जाता है :
    (A) बराबर-बराबर
    (B) पूँजी के अनुपात में
    (C) विभिन्न अनुपातों में
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) बराबर-बराबर

    6. साझेदारी अधिनियम किस वर्ष लागू हुआ?
    (A) सन् 1932 में
    (B) सन् 1956 में
    (C) सन् 1947 में
    (D) सन् 1952 में

    Ans. (A) सन् 1932 में

    7. चालू खाता है :
    (A) व्यक्तिगत खाता
    (B) वास्तविक खाता
    (C) नाममात्र खाता
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) व्यक्तिगत खाता

    8. साझेदारों का चालू खाता हमेशा होगा :
    (A) नाम शेष
    (B) जमा शेष
    (C) दोनों में से कोई भी
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) दोनों में से कोई भी

    9. चल या परिवर्तनशील विधि के अन्तर्गत साझेदारों के पूँजी पर ब्याज क्रेडिट किया जाता है :
    (A) लाभ-हानि खाता में
    (B) ब्याज खाते में
    (C) साझेदारों के पूँजी खाते में
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) साझेदारों के पूँजी खाते में

    10. साझेदारी संलेख के अभाव में साझेदार हकदार नहीं है :
    (A) वेतन पाने के
    (B) कमीशन पाने के
    (C) पूँजी पर ब्याज पाने के
    (D) उपर्युक्त सभी

    Ans. (D) उपर्युक्त सभी

    11. लाभ-हानि नियोजन खाता बनाया जाता है :
    (A) संचय कोष बनाने के लिए
    (B) शुद्ध लाभ निकालने के लिए
    (C) विभाज्य लाभ निर्धारण के लिए
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) विभाज्य लाभ निर्धारण के लिए

    12. साझेदार की पूँजी पर ब्याज की गणना होती है :
    (A) प्रारम्भिक पूँजी पर
    (B) अंतिम पूँजी पर
    (C) औसत पूँजी पर
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) प्रारम्भिक पूँजी पर

    13. लिखित साझेदारी अनुबन्ध बनाना :
    (A) अनिवार्य है
    (B) ऐच्छिक है
    (C) अंशतः अनिवार्य है
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (B) ऐच्छिक है

    14. फर्म के लिए साझेदार के आहरण पर ब्याज है :
    (A) व्यय
    (B) आय
    (C) हानि
    (D) प्राप्ति

    Ans. (B) आय

    15. जब आहरण का समय न दिया हो तो आहरण पर ब्याज लगाया जाता है
    (A) 6/2 महीने के लिए
    (B) 6 महीने के लिए
    (C) 572 महीने के लिए
    (D) 12 महीने के लिए

    Ans. (B) 6 महीने के लिए

    16. साझेदारों की पूँजी स्थायी होने पर कौन-से खाते जाते हैं ?
    (A) केवल पूँजी खाते
    (B) केवल चालू खाते
    (C) दायित्व खाते
    (D) पूँजी और चालू खाते

    Ans. (D) पूँजी और चालू खाते

    17. साझेदारी फर्म में लाभ-हानि का विभाजन किया जाता है :
    (A) बराबर-बराबर
    (B) पूँजी के अनुपात में
    (C) समझौते के अनुसार
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) समझौते के अनुसार

    18. एक सामान्य साझेदारी में साझेदारों की अधिकतम संख्या हो सकती है :
    (A) 50
    (B) 10
    (C) 15
    (D) 20

    Ans. (A) 50

    19. निम्न में कौन-सा लाभ का नियोजन है :
    (A) ऋण पर ब्याज
    (B) पूँजी पर ब्याज
    (C) वेतन
    (D) किराया

    Ans. (B) पूँजी पर ब्याज

    20. जब वर्ष भर निश्चित राशियों का आहरण प्रत्येक महीने की अंतिम तिथि को किया गया हो तो आहरण की कुल राशि पर ब्याज लगाया जाता है :
    (A) 6 1/2 महीने के लिए
    (B) 6 महीने के लिए
    (C) 5 1/2 महीने के लिए
    (D) 1 महीने के लिए

    Ans. (C) 5 1/2 महीने के लिए

    21. यदि समान मासिक राशि प्रत्येक माह के शुरू में आहरण के रूप में निकाली जाती है तो कौन-से समय को ध्यान में रखना जायेगा :
    (A) 7 माह
    (B) 6 माह
    (C)5 माह
    (D) 6.5 माह

    Ans. (D) 6.5 माह |

    22. यदि प्रत्येक तिमाही के प्रथम दिन समान राशि का आहरण किया जाता है तो आहरण की कुल राशि पर ब्याज की गणना होगी :
    (A) 6 माह के लिए
    (B) 6.5 माह के लिए
    (C) 5.5 माह के लिए
    (D) 7.5 माह के लिए

    Ans. (D) 7.5 माह के लिए

    23. एक साझेदारी फर्म के लक्षण है
    (A) दो या दो से अधिक व्यक्ति
    (B) निर्धारित अनुपात में लाभ-हानि बाँटना
    (C) व्यवसाय का सभी के द्वारा या उनमें से किसी के द्वारा चलाया जाना
    (D) उपरोक्त सभी |

    Ans. (D) उपरोक्त सभी |

    24. अभिषेक के लिए आहरण पर 12% वार्षिक की दर से ब्याज की गणना कीजिए यदि उसने माह में एक बार 2,000 रु० आहरित किया हो:
    (A) 1,440 रु.
    (B) 1,200 रु.
    (C) 1,320 रु.
    (D) 1,500 रु.

    Ans. (A) 1,440 रु.

    25. A प्रतिमाह 1,000 रु. प्रत्येक माह के अन्त में आहरित करता है। यदि ब्याज की दर 5% प्रतिवर्ष हो तो आहरण पर कुल ब्याज होगा:
    (A) 325 रु.
    (B) 275 रु.
    (C) 300 रु.
    (D) 350 रु. |

    Ans. (B) 275 रु.

    26. किसी ठहराव की अनुपस्थिति में, साझेदार पाने के अधिकारी हैं :
    (A) वेतन,
    (B) पूँजी के अनुपात में लाभ का हिस्सा
    (C) ऋण तथा अग्रिमों पर ब्याज
    (D) कमीशन

    Ans. (C) ऋण तथा अग्रिमों पर ब्याज

    27. परिवर्तनशील पूँजी खाते को क्रेडिट किया जाता है :
    (A) पूँजी पर ब्याज से
    (B) वर्ष के लाभ से
    (C) साझेदारों के पारिश्रमिक से
    (D) इन सभी से

    Ans. (D) इन सभी से

    28. साझेदारों की पूँजी पर ब्याज है :
    (A) व्यय
    (B) विनियोजना
    (C) लाभ
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (B) विनियोजना

    29. मि. गंभीर के लिए 12% प्रतिवर्ष की दर से आहरण पर ब्याज की गणना कीजिए यदि वह प्रत्येक माह के प्रारम्भ में एक बार 2,000 रु. आहरण करता है :
    (A) 1,560 रु.
    (B) 1,500 रु.
    (C) 1,200 रु.
    (D) 1,000 रु.

    Ans. (A) 1,560 रु.

    30. साझेदारों के आहरण पर ब्याज है :
    (A) व्यवसाय के लिए हानि
    (B) व्यवसाय के लिए लाभ
    (C) साझेदारों को लाभ
    (D) बैंक को हानि

    Ans. (B) व्यवसाय के लिए लाभ

    31. साझेदार का फर्म से सम्बन्ध होता है :
    (A) स्वामी का
    (B) एजेण्ट का
    (C) स्वामी एवं एजेण्ट का
    (D) प्रबंधक का

    Ans. (C) स्वामी एवं एजेण्ट का

    32. साझेदारों का दायित्व होता है :
    (A) सीमित
    (B) असीमित
    (C) साझेदारी अधिनियम द्वारा
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (B) असीमित

    33. साझेदारों के चालू खाते तब खोले जाते हैं जबकि उनके पूँजी खाते होते हैं :
    (A) स्थिर
    (B) परिवर्तनशील
    (C) (A) और (B) दोनों
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) स्थिर

    34. साझेदार के आहरण पर ब्याज के लिए डेबिट किया जाता है :
    (A) साझेदार के पूँजी खाते को
    (B) लाभ-हानि खाते को
    (C) आहरण खाते को
    (D) लाभ-हानि नियोजन खाता को

    Ans. (A) साझेदार के पूँजी खाते को

    35. साझेदारों के द्वारा फर्म को दिए गए अग्रिम पर ब्याज है :
    (A) विनियोजन
    (B) लाभ
    (C) प्रभार
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) प्रभार

    36. ऋण पर ब्याज है
    (A) संचालन व्यय
    (B) प्रत्यक्ष व्यय
    (C) अप्रत्यक्ष व्यय
    (D) ये सभी

    Ans. (C) अप्रत्यक्ष व्यय

    37. साझेदार के वेतन से नाम किया जाता है :
    (A) व्यापारिक खाता
    (B) लाभ-हानि नियोजन खाता
    (C) लाभ-हानि खाता
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) व्यापारिक खाता

    38. साझेदारी हो सकती है :
    (A) सीमित
    (B) असीमित
    (C) ऐच्छिक
    (D) इनमें से सभी

    Ans. (D) इनमें से सभी

    39. स्थिर पूँजी खाता विधि के अन्तर्गत साझेदारों के पूँजी खाते पर ब्याज क्रेडिट किया जाता है :
    (A) साझेदारों के पूँजी खाते में
    (B) लाभ-हानि खाता में
    (C) ब्याज खाते में
    (D) साझेदारों के चालू खाते में

    Ans. (D) साझेदारों के चालू खाते में

    40. साझेदारी संलेख को कहा जाता है :
    (A) प्रविवरण
    (B) साझेदारी के सिद्धांत
    (C) पार्षद अन्तर्नियम
    (D) साझेदारी का अन्तर्नियम

    Ans. (D) साझेदारी का अन्तर्नियम

  • 12th Accountancy Objective Answers Chapter 2 साझेदारी फर्मों का लेखांकन

    Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 2 साझेदारी फर्मों का लेखांकन : आधारभूत अवधारणाऐं की objective question और उसका Answer key हिन्दी में पढे / Bihar Board 12th Accountancy Objective Type Questions Answers

    1. साझेदारी संलेख की अनुपस्थिति में साझेदारी को उनके द्वारा फर्म को दी गई अग्रिम राशि पर ब्याज दिया जायेगा :
    (A) @ 5%
    (B) @ 6%
    (C) @ 9%
    (D) @ 8%

    Ans. (B) @ 6%

    2. साझेदारों की पूँजी पर देय ब्याज लिखा जाता है :
    (A) लाभ-हानि खाता में
    (B) वसूली खाता में
    (C) लाभ-हानि नियोजन खाता में
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) लाभ-हानि नियोजन खाता में

    3. कौन साझेदारी की विशेषता नहीं है ?
    (A) समझौता
    (B) लाभ-विभाजन
    (C) सीमित दायित्व
    (D) दो या दो से अधिक व्यक्ति

    Ans. (C) सीमित दायित्व

    4. साझेदारी समझौते के अभाव में साझेदारों की पूँजी पर ब्याज दिया जायेगा :
    (A)8% वार्षिक
    (B) 6% वार्षिक
    (C)9% वार्षिक
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (D) इनमें से कोई नहीं

    5. किसी समझौते के अभाव में साझेदारी फर्म के लाभ एवं हानि का विभाजन किया जाता है :
    (A) बराबर-बराबर
    (B) पूँजी के अनुपात में
    (C) विभिन्न अनुपातों में
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) बराबर-बराबर

    6. साझेदारी अधिनियम किस वर्ष लागू हुआ?
    (A) सन् 1932 में
    (B) सन् 1956 में
    (C) सन् 1947 में
    (D) सन् 1952 में

    Ans. (A) सन् 1932 में

    7. चालू खाता है :
    (A) व्यक्तिगत खाता
    (B) वास्तविक खाता
    (C) नाममात्र खाता
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) व्यक्तिगत खाता

    Bihar Board 12th Accountancy Objective Answers Chapter 2 साझेदारी फर्मों का लेखांकन : आधारभूत अवधारणाऐं

    8. साझेदारों का चालू खाता हमेशा होगा :
    (A) नाम शेष
    (B) जमा शेष
    (C) दोनों में से कोई भी
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) दोनों में से कोई भी

    9. चल या परिवर्तनशील विधि के अन्तर्गत साझेदारों के पूँजी पर ब्याज क्रेडिट किया जाता है :
    (A) लाभ-हानि खाता में
    (B) ब्याज खाते में
    (C) साझेदारों के पूँजी खाते में
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) साझेदारों के पूँजी खाते में

    10. साझेदारी संलेख के अभाव में साझेदार हकदार नहीं है :
    (A) वेतन पाने के
    (B) कमीशन पाने के
    (C) पूँजी पर ब्याज पाने के
    (D) उपर्युक्त सभी

    Ans. (D) उपर्युक्त सभी

    11. लाभ-हानि नियोजन खाता बनाया जाता है :
    (A) संचय कोष बनाने के लिए
    (B) शुद्ध लाभ निकालने के लिए
    (C) विभाज्य लाभ निर्धारण के लिए
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) विभाज्य लाभ निर्धारण के लिए

    12. साझेदार की पूँजी पर ब्याज की गणना होती है :
    (A) प्रारम्भिक पूँजी पर
    (B) अंतिम पूँजी पर
    (C) औसत पूँजी पर
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) प्रारम्भिक पूँजी पर

    13. लिखित साझेदारी अनुबन्ध बनाना :
    (A) अनिवार्य है
    (B) ऐच्छिक है
    (C) अंशतः अनिवार्य है
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (B) ऐच्छिक है

    14. फर्म के लिए साझेदार के आहरण पर ब्याज है :
    (A) व्यय
    (B) आय
    (C) हानि
    (D) प्राप्ति

    Ans. (B) आय

    15. जब आहरण का समय न दिया हो तो आहरण पर ब्याज लगाया जाता है
    (A) 6/2 महीने के लिए
    (B) 6 महीने के लिए
    (C) 572 महीने के लिए
    (D) 12 महीने के लिए

    Ans. (B) 6 महीने के लिए

    16. साझेदारों की पूँजी स्थायी होने पर कौन-से खाते जाते हैं ?
    (A) केवल पूँजी खाते
    (B) केवल चालू खाते
    (C) दायित्व खाते
    (D) पूँजी और चालू खाते

    Ans. (D) पूँजी और चालू खाते

    17. साझेदारी फर्म में लाभ-हानि का विभाजन किया जाता है :
    (A) बराबर-बराबर
    (B) पूँजी के अनुपात में
    (C) समझौते के अनुसार
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) समझौते के अनुसार

    18. एक सामान्य साझेदारी में साझेदारों की अधिकतम संख्या हो सकती है :
    (A) 50
    (B) 10
    (C) 15
    (D) 20

    Ans. (A) 50

    19. निम्न में कौन-सा लाभ का नियोजन है :
    (A) ऋण पर ब्याज
    (B) पूँजी पर ब्याज
    (C) वेतन
    (D) किराया

    Ans. (B) पूँजी पर ब्याज

    20. जब वर्ष भर निश्चित राशियों का आहरण प्रत्येक महीने की अंतिम तिथि को किया गया हो तो आहरण की कुल राशि पर ब्याज लगाया जाता है :
    (A) 6 1/2 महीने के लिए
    (B) 6 महीने के लिए
    (C) 5 1/2 महीने के लिए
    (D) 1 महीने के लिए

    Ans. (C) 5 1/2 महीने के लिए

    21. यदि समान मासिक राशि प्रत्येक माह के शुरू में आहरण के रूप में निकाली जाती है तो कौन-से समय को ध्यान में रखना जायेगा :
    (A) 7 माह
    (B) 6 माह
    (C)5 माह
    (D) 6.5 माह

    Ans. (D) 6.5 माह |

    22. यदि प्रत्येक तिमाही के प्रथम दिन समान राशि का आहरण किया जाता है तो आहरण की कुल राशि पर ब्याज की गणना होगी :
    (A) 6 माह के लिए
    (B) 6.5 माह के लिए
    (C) 5.5 माह के लिए
    (D) 7.5 माह के लिए

    Ans. (D) 7.5 माह के लिए

    23. एक साझेदारी फर्म के लक्षण है
    (A) दो या दो से अधिक व्यक्ति
    (B) निर्धारित अनुपात में लाभ-हानि बाँटना
    (C) व्यवसाय का सभी के द्वारा या उनमें से किसी के द्वारा चलाया जाना
    (D) उपरोक्त सभी |

    Ans. (D) उपरोक्त सभी |

    24. अभिषेक के लिए आहरण पर 12% वार्षिक की दर से ब्याज की गणना कीजिए यदि उसने माह में एक बार 2,000 रु० आहरित किया हो:
    (A) 1,440 रु.
    (B) 1,200 रु.
    (C) 1,320 रु.
    (D) 1,500 रु.

    Ans. (A) 1,440 रु.

    25. A प्रतिमाह 1,000 रु. प्रत्येक माह के अन्त में आहरित करता है। यदि ब्याज की दर 5% प्रतिवर्ष हो तो आहरण पर कुल ब्याज होगा:
    (A) 325 रु.
    (B) 275 रु.
    (C) 300 रु.
    (D) 350 रु. |

    Ans. (B) 275 रु.

    26. किसी ठहराव की अनुपस्थिति में, साझेदार पाने के अधिकारी हैं :
    (A) वेतन,
    (B) पूँजी के अनुपात में लाभ का हिस्सा
    (C) ऋण तथा अग्रिमों पर ब्याज
    (D) कमीशन

    Ans. (C) ऋण तथा अग्रिमों पर ब्याज

    27. परिवर्तनशील पूँजी खाते को क्रेडिट किया जाता है :
    (A) पूँजी पर ब्याज से
    (B) वर्ष के लाभ से
    (C) साझेदारों के पारिश्रमिक से
    (D) इन सभी से

    Ans. (D) इन सभी से

    28. साझेदारों की पूँजी पर ब्याज है :
    (A) व्यय
    (B) विनियोजना
    (C) लाभ
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (B) विनियोजना

    29. मि. गंभीर के लिए 12% प्रतिवर्ष की दर से आहरण पर ब्याज की गणना कीजिए यदि वह प्रत्येक माह के प्रारम्भ में एक बार 2,000 रु. आहरण करता है :
    (A) 1,560 रु.
    (B) 1,500 रु.
    (C) 1,200 रु.
    (D) 1,000 रु.

    Ans. (A) 1,560 रु.

    30. साझेदारों के आहरण पर ब्याज है :
    (A) व्यवसाय के लिए हानि
    (B) व्यवसाय के लिए लाभ
    (C) साझेदारों को लाभ
    (D) बैंक को हानि

    Ans. (B) व्यवसाय के लिए लाभ

    31. साझेदार का फर्म से सम्बन्ध होता है :
    (A) स्वामी का
    (B) एजेण्ट का
    (C) स्वामी एवं एजेण्ट का
    (D) प्रबंधक का

    Ans. (C) स्वामी एवं एजेण्ट का

    32. साझेदारों का दायित्व होता है :
    (A) सीमित
    (B) असीमित
    (C) साझेदारी अधिनियम द्वारा
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (B) असीमित

    33. साझेदारों के चालू खाते तब खोले जाते हैं जबकि उनके पूँजी खाते होते हैं :
    (A) स्थिर
    (B) परिवर्तनशील
    (C) (A) और (B) दोनों
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) स्थिर

    34. साझेदार के आहरण पर ब्याज के लिए डेबिट किया जाता है :
    (A) साझेदार के पूँजी खाते को
    (B) लाभ-हानि खाते को
    (C) आहरण खाते को
    (D) लाभ-हानि नियोजन खाता को

    Ans. (A) साझेदार के पूँजी खाते को

    35. साझेदारों के द्वारा फर्म को दिए गए अग्रिम पर ब्याज है :
    (A) विनियोजन
    (B) लाभ
    (C) प्रभार
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (C) प्रभार

    12th Accountancy Objective Chapter 2 in Hindi

    36. ऋण पर ब्याज है
    (A) संचालन व्यय
    (B) प्रत्यक्ष व्यय
    (C) अप्रत्यक्ष व्यय
    (D) ये सभी

    Ans. (C) अप्रत्यक्ष व्यय

    37. साझेदार के वेतन से नाम किया जाता है :
    (A) व्यापारिक खाता
    (B) लाभ-हानि नियोजन खाता
    (C) लाभ-हानि खाता
    (D) इनमें से कोई नहीं

    Ans. (A) व्यापारिक खाता

    38. साझेदारी हो सकती है :
    (A) सीमित
    (B) असीमित
    (C) ऐच्छिक
    (D) इनमें से सभी

    Ans. (D) इनमें से सभी

    39. स्थिर पूँजी खाता विधि के अन्तर्गत साझेदारों के पूँजी खाते पर ब्याज क्रेडिट किया जाता है :
    (A) साझेदारों के पूँजी खाते में
    (B) लाभ-हानि खाता में
    (C) ब्याज खाते में
    (D) साझेदारों के चालू खाते में

    Ans. (D) साझेदारों के चालू खाते में

    40. साझेदारी संलेख को कहा जाता है :
    (A) प्रविवरण
    (B) साझेदारी के सिद्धांत
    (C) पार्षद अन्तर्नियम
    (D) साझेदारी का अन्तर्नियम

    Ans. (D) साझेदारी का अन्तर्नियम

  • 12th Accountancy Very Short Answer Type Question [NPO]

    Amlesh Guru.com

    12th Accountancy Very Short Answer Type Question :- Class 12th Accountancy Very Short Answer Type Question non profit organization. Class 12 Accountancy Important Subjective question with Answer.

    1. लाभ न कमाने वाली संस्था का अर्थ बताएं 

    लाभ न कमाने वाली संस्थाओं से आशय उन संस्थाओं या संगठनों से हा जिनकी स्थापना अपने सदस्यों अथवा समाज को सेवा प्रदान करने के उदेश्य से की जाती है । is तरह की संस्था का उदेश्य लाभ कमाना नहीं है।

    2. अलाभकारी संस्थाओं के कुछ उदाहरण दें। 

    अलाभकारी संस्थों के उदाहरण निम्नलिखित है

    • धार्मिक संस्थान
    • खेलकुद क्लब
    • college
    • अस्पताल ।

    3. अलाभकारी संस्थाओं द्वारा तैयार किए जाने वालेकिन्ही दो वितिये विवरणों के नाम बताएं 

    आय और व्यय खाता

    चिट्ठा या स्थिति-विवरण

    4. अलाभकारी संस्था की कोई एक मुख्य विशेषता बताए जो इसे व्यवशायिक संस्थों से भिन्न बनती है 

    सका उदेश्य समाज या अपने सदस्यों को बिना लाभ की भवन के सेवाएं प्रदान करना होता है

    5. अलाभकारी संस्थों की आय के दो मुख्य श्रोत क्या है ?

    अलाभकारी संस्थों की आय के दो मुख्य श्रोत सदस्यों से प्राप्त चंद और  दान/सरकारी अनुदान या सहायता  है /

    6. अलाभकारी संस्थों द्वारा विभिन्न क्षरोटों से प्राप्त कोशों को किस खाते में जमा किया जाता है 

    अलाभकारी संस्थों द्वारा प्राप्त कोशों को पूँजी निधि (Capital Fund ) अथवा सामान्य निधि ( General Fund ) में जमा किया जाता है

    7. चन्दा क्या है

    चन्दा से आशय सदस्यता शुल्क से है जो सदस्य से वार्षिक आधार पर प्राप्त होता है । यह अलाभकारी संस्था की आय का प्रमुख श्रोत है

    8. सदस्यता शुल्क क्या है

    सदस्यता शुल्क अलाभकारी संस्थाओं की आय का प्रमुख श्रोत है जो उनके सदस्यों से प्राप्त होता है साधारणतया सदस्यता शुल्क वार्षिक वसूल किया जाता है इसे आय-व्यय खाता के आय पक्ष में दिखाया जाता है

    9. आजीवन सदस्यता शुल्क क्या है

    आजीवन सदस्यता शल्क से आशय उस सदस्यता शुल्क से है जो किसी सदस्य द्वारा एकमुश्त राशि के रूप में दी जाती है स्पष्ट है की इस प्रकार के शुल्क का भुगतान एक बार में ही किया जाता है / यह संता के लिए पूंजीगत प्राप्ति माना जाता है

    10. उस खाते का नाम बताये जो एक अलाभकारी संस्था की रोकड़ पुस्तक के लेन-देन  का वर्गीकृत सारांश प्रदर्शित करता है 

    प्राप्ति एवं भुगतान खाता

    11. प्राप्ति एवं भुगतान खाता क्या है 

    प्राप्ति एवं भुगतान खाता रोकड़ तथा वानक लेन-दोनों के विभिन्न शीर्षकों का सारांश है

    12. प्राप्ति एवं भुगतान खाता का उदेश्य क्या है 

    प्राप्ति एवं भुगतान खाते का उदेश्य लेखांकन वर्ष के लिए रोकड़ प्राप्तियों व भुगतनों का सारांश प्रस्तुत करना है

    13. प्राप्ति एवं भुगतान खाते के जमा पक्ष क्रेडिट पक्ष में दर्शाई जाने वाली किन्ही दो मदों के नाम लिखें 

    प्राप्ति एवं भुगतान खाते के जमा पक्ष में दर्शायी जाने वाली दो पक्ष वेतन  और फर्निचर का क्रय है 

    14. प्राप्ति एवं भुगतान खाते के नाम पक्ष डेबिट पक्ष में दर्शाई जाने वाली किन्ही दो मदों के नाम लिखे 

    चन्दा और प्रवेश शुल्क

    15. प्राप्ति एवं भुगतान खाता तथा रोकड़ वही में कोई एक अंतर बताइए 

    राप्ती एवं भुगतान खाता में लेन-देन का लेखा तिथीवार या क्रमवार रूप से नहीं लिखा जाता है बल्कि वर्ष के अन्त में उपयुक्त शीर्षकों के अंतर्गत सारांशित रूप में प्रस्तुत किया जाता है

    16. प्राप्ति एवं भुगतान खाते की कोई एक विशेषता बताएं 

    इसमें सभी नकद प्राप्तियों व नकद भुगतनों का लेखा किया जाता है

    17. प्राप्ति एवं भुगतान खाते के प्रारंभ में किस मद को लिखा जाता है 

    राप्ती एवं भुगतान खाते के डेबिट पक्ष मे सर्वप्रथम प्रारम्भिक रोकड़ हस्ते तथा बैंक में रोकड़ को लिखा जाता है

    18. प्राप्ति एवं भुगतान खाते का अंतिम शेष क्या प्रदर्शित करता है 

    प्राप्ति एवं भुगतान खाते का अंतिम शेष हस्तस्थ रोकड़ तथा बैंक में रोकड़ अथवा बैंक अधिविकर्ष प्रदर्शित करता है

    19. स्थायी संपतियों पर ह्रास को प्राप्ति एवं भुगतान खाते में क्यों नहीं अभिलिखित किया जाता है 

    रस एक गैर-रोड़क मद है । प्राप्ति एवं भुगतान खाते में केवल नकद लेन-देन का ही लेखा होता है

    20. अदत्त व्यय एवं उपार्जित आयोन को प्राप्ति एवं भुगतान खाते में क्यों नहीं लिखा जाता है 

    अदत्त व्यय एवं उपार्जित आय समायोजन वाले मद है । चूंकि इन मदों के लिए नकद भुगतान या नकद प्राप्ति नहीं होती है, अतः इन्हें प्राप्ति एवं भुगतान खाते में नहीं दिखाया जाता है

    21. किन्ही दो मदों के नाम बताये जो प्राप्ति एवं भुगतान खाते के डेबिट पक्ष में दर्शाये जाते है किन्तु आय-व्यय में नहीं दर्शाये जाते है 

    आजीवन सदस्यता शुल्क और वसीयत

    22. किन्ही दो मदों के नाम बताये जो प्राप्ति एवं भुगतान खाते के क्रेडिट पक्ष में दर्शाये जाते है किन्तु आय-व्यय में नहीं दर्शाये जाते है 

    फर्निचर का क्रय और पुस्तकों का क्रय

    23. आय और व्यय खाता से क्या आशय है 

    यह वह खाता है जिसमे अलाभकारी संस्थाओं के आयगत व्ययों और व्ययों को दिखाया जाता है यह व्यय पर आय की अधिकता तथा आय पर व्यय की अधिकता दर्शाता है

    24. उस खाते का नाम बताइए जिसमें अलाभकारी संस्था के आय-व्ययों को वर्ष के अन्त में सारांशित रूप में दिखाया जाता है 

    आय-व्यय खाता

    25. आय-व्यय खाते की दो प्रमुख विशेषताएं बताएं 

    • इसमें चालू वर्ष के सिर्फ आयगत प्राप्तियों व भुगतनों अर्थात आय-व्यय का लेखा किया जाता है
    • यह एक नाममात्र खाता हैं

    26. आय-व्यय खाता क्यों तैयार किया जाता है 

    यह चालू वर्ष में व्यय पर आय की अधिकता अथवा आय पर व्यय की अधिकता ज्ञात करने के लिए तैयार किया जाता है

    27. आय तथा व्यय खाता किसके द्वारा तैयार किया जाता है 

    यह अलाभकारी अर्थात गैर-व्यापारिक संस्थाओं के द्वारा तैयार किया जाता है

    28. आय तथा व्यय खाता तथा लाभ-हानी खाता में कोई एक अंतर बतायें 

    आय तथा व्यय खाता बनाने का उदेश्य किसी वर्ष विशेष में व्यय पर आय की अधिकता अथवा आय पर व्यय की अधिकता ज्ञात करना होता है जबकि लाभ-हानी खाता बनाने का उदेश्य शुद्ध लाभ या शुद्ध हानी ज्ञात करना है

    29. प्राप्ति एवं भुगतान खाता तथा आय और व्यय खाता में कोई एक अंतर बताए 

    राप्ती एवं भुगतान खाता और पूँजी की प्राप्तियों और भुगतनों का अभिलखन करता है जबकि आय व्यय खाता केवल आगम प्रकृति के आय और व्ययों का अभिलेखन करता है ।

    30. उस खाते का नाम बताएं जो अलाभकारी संस्थाओं द्वारा व्यापारिक एवं लाभ-हानी खाते के स्थान पर बनाया जाता है 

    आय तथा व्यय खाता

    31. अलाभकारी संगठन की दश में व्यय पर आय की अधिकता को किस खाते मे जोड़ा जाता है 

    पूँजी कोष (Capital Fund )

    32. आय तथा व्यय खाते एवं प्राप्ति तथा भुगतान खाते में लेखा की जाने वाली मदों की प्रकृति के आधार पर अंतर बताइए 

    आय और व्यय खाता में केवल आगम प्रकृति के आय-व्यय का अभिलेखन किया जाता है जबकि प्राप्ति एवं भुगतान खाते में आगम और पूंजीगत सभी प्राप्तियों और भुगतनों का अभिलेखन किया जाता है

    33. मानद भुगतान क्या है ?

    मानद भुगतान वह भुगतान है जो संस्था द्वारा ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जो इसका कर्मचारी नहीं है । जैसे सचिव को मानद भुगतान, किसी कलाकार को मानद भुगतान । मानद भुगतान को आय तथा व्यय खाते के व्यय पक्ष डेबिट भाग में दिखाया जाता है ।

    34. समर्पित निधि या आधार कोष क्या है ?

    मर्पित या आधार कोष ( Endowment Fund ) – जब कोई बड़ी राशि किसी संस्था को कोई बड़ी संपत्ति खरीदने के लिए दी जाती है तब उसे समर्पित या आधार कोष कहा जाता है

    35. क्या एक अस्पताल के लिए यह संभव है की उसका आय-व्यय खाता हो और दूसरे अस्पताल का लाभ-हानी खाता ?

    नहीं ! दोनों ही अस्पताल का आय-व्यय खाता होगा

    36. अलाभकारी संस्थानों के द्वारा पूँजी खाता नहीं रखा जाता है । पूँजी खाते के बदले वे क्या रखते है ?

    पूँजी कोष

    37. पूंजीगत प्राप्ति के दो उदाहरण दीजिए जिन्हे सीधे पूँजी कोष मे जोड़ा जाता है 

    1. विशिष्ट दान ( Specific Donation )
    2. आजीवन सदस्यता शुल्क

    38. वसीयत क्या है 

    वसीयत वह राशि है जो अलाभकारी संस्था किसी व्यक्ति के मरणोपरांत “विल”के कारण प्राप्त करता है यह पूंजीगत प्राप्ति है और इसीलिए इसे स्थिति विविरण में दिखाया जाता है

    39. जब प्राप्ति एवं भुगतान खाते का रूपांतरण आय-व्यय खाते में किया जाता है तो उपार्जित तथा अदत्त के लिए आयोजन करने के लिए एक लेखांकन संकल्पना  का अनुसरण किया जाता है। उस संकल्पना का नाम बताए 

    उपार्जन संकल्पना

    40. एक स्पोर्ट्स क्लब यानि पुरानी बिलियर्ड्स टेबल जिसका पुस्तक मूल्य रुपये 17,000 था, रुपये 15,550 में बेचता है । प्राप्ति एवं भुगतान खाते में इस विक्रय को किस प्रकार दिखाया जायेगा 

    Receipts and Payments A/c के डेबिट भाग अर्थात प्राप्ति भाग में To Sale of Old Billiards Table लिखा जायेगा और राशि कॉलम में रुपये 15,550 लिखा जायेगा ।

    41. आय तथा व्यय खाते की प्रकृति बताईए 

    यह एक अवास्तविक खाता है उआर उपार्जन संकल्पना के आधार पर तैयार किया जाता है

    42. प्रकृति के आधार पर आय एवं व्यय खाता तथा प्राप्ति एवं भुगतान खाता का अंतर्भेद कीजिए । 

    राप्ती एवं भुगतान खाता वास्तविक खाता है जबकि आय एवं व्यय खाता नाममात्र खाता है

    43. एक अलाभकारी संस्था की दशा में लेखांक का आधार बताइए जिस पर प्राप्ती एवं भुगतान खाता तैयार किया जाता है। 

    रोकड़ आधार

    44. लेखांकन का आधार बताइए जिस पर लाभ न कमाने वाली संस्था द्वारा आय एवं व्यय खाता तैयार किया जाता है 

    उपार्जन आधार

    45. एक लाभ न कमाने वाली संस्था की दशा में व्यय पर आय की अधिकता को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्द का नाम बताएं 

      अधिशेष ( Surplus )

    46. कोष आधारित लेखांकन क्या है ?

    कोष आधारित लेखांकन वह पद्धति है जिसके अंतर्गत विशेष उदेश्यो के लिए प्राप्त राशोयों से अलग-अलग खाते खोले जाते है और उनसे संबंधित लेन-देन का लेखा उन्ही खातों में किया जाता है । जैसे भवन कोष, पुरस्कार कोष, आदि

    47. आयगत प्राप्ति एवं पूंजीगत प्राप्ति के चार चार उदाहरण दीजिए 

    1. आयगत प्राप्ति 
      1. चन्दा
      2. सामान्य दान
      3. लाभांश एवं ब्याज
      4. संपत्तियों की बिक्री
    2. पूंजीगत प्राप्तियों 
      1. विशिष्ट उदेश्य हेतु दान
      2. वसीयत
      3. आजीवन सदस्यता शुल्क
      4. धन समर्पण शुल्क

    48. प्राप्ति एवं भुगतान खाता तैयार करने के लिए आधार क्या है 

    प्राप्ति एवं भुगतान खाता तैयार करने का आधार रोकड़ है अर्थात रोकड़ आधार

    49. अलाभकारी संस्था की स्थिति में आय एवं व्यय खाता तैयार करने के लिए क्या आधार है 

    उपार्जन आधार

    50. पूँजी कोष क्या है ?

    पूँजी कोष व्यय पर आय की अधिकता की कुल संचित राशि है। पूँजी कोष में ऐसी मदों को भी शामिल किया जाता है जिन्हे पूंजीकृत किया गया है, जैसे वसीयत , प्रवेश शुल्क, जीवन सदस्यता शुल्क इत्यादि । जिस प्रकार लाभ उपार्जन करने वाले संगठनों में पूँजी शब्द का प्रयोग किया जाता है , गैर-व्यापारिक संगठनों में पूँजी कोष का प्रयोग किया जाता है ।

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