कार्यशील पूँजी के चक्र से आप क्या समझते हैं What do you understand by cycle of working capital in hindi ?
कार्यशील पूँजी उस पूँजी को कहा जाता है जिसकी आवश्यकता प्रतिदिन की व्यावसायिक आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए होती है । चालू दायित्व के ऊपर चालू संपतियों के आधिक्य को कार्यशील पूँजी कहा जाता है । इसकी आवश्यकता कच्चे माल को क्रय करने,वेतन तथा मजदूरी,किराया, विज्ञापन आदि खर्चों के लिए होती है। यह व्यवसाय के सफल संचालन के लिए आवश्यक हैं। किसी भी उधम या व्यापार के लिए कार्यशील पूँजी का होना आवश्यक हैं।
उधम या व्यापार में कार्यशील पूँजी का चक्र सदा चलता रहता हैं । काभी करशील पूँजी कम रहती है तो काभी कार्यशील पूँजी बढ़ जाती हैं । क्योंकी व्यापार की प्रकृति यह है की सभी समय व्यापार एक ढंग से नहीं चलते राहत है बल्कि तेजी और मंडी का दौर आते राहत है। परिणामस्वरूप काभी संपत्ति दायित्व की अपेक्षा बढ़ जाती है तो कार्यशील पूँजी का निर्माण हो जाता है दूसरी आओर जब व्यापार में मंडी छाई रहती है और लाभ कम हो जाता है या काभी नहीं भी जो जाती है तो कार्यशील पूँजी कम हो जाती है व्यापार में यह चक्र सदा चलते रहता है ।