मजदूरी भुगतान की मुख्य रीतियों को बताइए तथा इनमें से किन्ही तीन की व्याख्या कीजिए

मजदूरी भुगतान की मुख्य रीतियों को बताइए तथा इनमें से किन्ही तीन की व्याख्या कीजिए Mention the main modes of payment of wages and explain any three of them.

Following are the main methods of wage payment and its three explanations. मजदूरी भुगतान की मुख्य रीतियों तथा इसके तीन की व्याख्या निम्नलिखित है।

मजदूरी की गणना दो विधियों से की जाती है 

1. समयानुसार मजदूरी (The wages/wages according to time)

  1. दैनिक पत्रक (Daily Muster Roll)
  2. समय पत्रक (Time Card)
  3. उपकार्य पत्रक (Job Card)

2. कार्यानुसार मजदूरी (Wages according to word)

महदूरी भुगतान की तीन रीतियों की व्याख्या इस प्रकार किस जाती है

(i) दैनिक सुपस्थिति नामावाली (Daily Muster Card) – जहां पर श्रीमकों की संख्या कम होती है, वहाँ दैनिक उपस्थिति नामावाली  तैयार की जाती है। इसका निर्माण द्वारपाल अथवा टाइम-कीपर के रजिस्टर से किया जाता है। इसके बाद इसे लागत लेखा विभाग को भेज दिया जाता है। लागत लेखा विभाग द्वारा इसका विश्लेषण कर मजदूरी ज्ञात करता है

(ii) समय-प्रत्रक (Time Card) – जिन कारखानों में श्रमिकों की संख्या अधिक होती हैं तथा समय का लेखा मशीनों के द्वारा किया जाता है । वहाँ प्रत्ये श्रीमक के लिए टाइम कार्ड रखा जाता है । इस कार्ड पर आने जाने का समय, कार्य के घंटे आदि का लेखा किया जाता है। एक सप्ताह के समटप होते ही पहला कार्ड मजदूरी विभाग को भेज दिया जाता है तथा श्रमिकों को दूसरा कार्ड बनाकर dए दिया जाता है । मजदूरी विभाग इस समय पत्रक की सहायता से मजदूरी की राशि की गणना कर लेता है

(iii) कार्यानुसार मजदूरी (Wages according to work)- इस पद्दती के अंतर्गत श्रमिकों को साप्ताहिक पाक्षिक या मासिक मजदूरी न दी जाकर कार्यानुसार दी जाती है । जिन संस्थाओं में कार्यनुसार मजदूरी दी जाती है उनमें कार्यनुसार रजिस्टर रखा जाता है यह रजिस्टर कार्यनुसार पत्रक की सहायता से तैयार किया जाता है प्रत्येक श्रीमक के लिए एक कार्यनुसार पत्रक का प्रयोग किया जाता है । कार्यानुसार पत्रक में श्रमिक द्वारा किए गये कार्य का सम्पूर्ण विवरण, कार्य की किस्म, उत्पाद मात्रा, कार्य आदेश संख्या तथा कार्य प्रारंभ करने तथा समाप्त करने का समय आदि दिया होता है। इसको निरीक्षक भरत है तथा कार्य पूरा हो जाने पर वह इस पर हस्ताक्षर करके लागत लेखा विभाग को भेज देता है ।